उत्तरकाशी : नवंबर 2023 में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भारी भूस्खलन के कारण 41 मजदूरों का 17 दिनों तक फंसा रहना एक दर्दनाक हादसा बन गया था। इस दौरान मजदूरों के परिवारों और टीम ने अटूट विश्वास के साथ बाबा बौखनाग देवता से प्रार्थना की थी कि सभी मजदूर सुरक्षित बाहर आ सकें। तमाम प्रयासों के बाद, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की मदद से आखिरकार सभी मजदूरों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया।
इस कठिन दौर के बाद अब एक खुशखबरी सामने आई है। सिलक्यारा सुरंग के समीप स्थित बाबा बौखनाग देवता का मंदिर बनकर तैयार हो गया है। इस मंदिर का निर्माण कार्य अब पूरा हो चुका है और अब मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी चल रही है। कार्यदायी संस्था के अधिकारियों के अनुसार, जैसे ही सुरंग आर-पार होगी, पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद, जब सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों का रेस्क्यू एक बड़ी चुनौती बन गया, तब बाबा बौखनाग देवता पर लोगों की आस्था और प्रार्थनाओं ने अहम भूमिका निभाई। मजदूरों के सुरक्षित रेस्क्यू के बाद, अब इस मंदिर के निर्माण को उनकी आस्था का प्रतीक माना जा रहा है।
नवयुगा कंपनी के अधिकारियों ने जानकारी दी कि अप्रैल 2024 में सुरंग के आर-पार होने के बाद मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न होगा। इसके बाद मंदिर के रंग-रोगन का कार्य भी पूरा किया जाएगा।