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लक्सर में टायर फैक्ट्री कर्मचारियों का धरना, 7 अप्रैल को महापंचायत का ऐलान…

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लक्सर: लक्सर स्थित एक प्रमुख टायर फैक्ट्री के कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। प्रशासन द्वारा हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कर्मचारियों को फैक्ट्री गेट के पास से धरना हटवाने के बाद, वे अब तहसील मुख्यालय पर धरने पर बैठ गए हैं। 17 मार्च से जारी यह आंदोलन अब और तेज हो गया है, और कर्मचारियों ने 7 अप्रैल को महापंचायत का ऐलान किया है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे फैक्ट्री अधिकारियों को बाहर निकालकर खुद फैक्ट्री का संचालन करेंगे।

टायर फैक्ट्री के कर्मचारियों ने पहले फैक्ट्री गेट के पास धरना दिया था, लेकिन प्रशासन ने उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए उन्हें वहां से हटा दिया। इसके बाद, कर्मचारियों ने सड़क की दूसरी तरफ अपना धरना जारी रखा, लेकिन प्रशासन ने फिर उन्हें वहां से भी हटा दिया और 200 मीटर की दूरी पर धरना देने की हिदायत दी। इसके बाद, कर्मचारियों ने तहसील मुख्यालय में धरना शुरू कर दिया। इस दौरान करीब 500 कर्मचारियों का धरना जारी रहा।

कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, जिनमें प्रमुख रूप से तीन वर्षीय वेतन वृद्धि और टर्मिनेट किए गए तीन कर्मचारियों की बहाली शामिल है। कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि हर तीन साल में कर्मचारियों की वेतन वृद्धि होती है, लेकिन इस बार उनकी मांग पूरी नहीं की गई। इसके कारण कर्मचारी 17 मार्च से धरने पर बैठ गए हैं। इसके अलावा, 27 और 28 मार्च को 40 कर्मचारियों का निलंबन और फिर तीन कर्मचारियों की बर्खास्तगी ने मामला और तूल पकड़ लिया।

आंदोलन में शामिल किसान यूनियन पटेल गुट के अध्यक्ष कीरत सिंह और पथिक जन शक्ति पार्टी के अध्यक्ष चौधरी वीरेंद्र सिंह ने भी कर्मचारियों का समर्थन किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर 7 अप्रैल तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे महापंचायत का आयोजन करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि तब भी प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया, तो वे फैक्ट्री के अंदर घुसकर अधिकारियों को बाहर निकालकर स्वयं फैक्ट्री का संचालन करेंगे।

एसडीएम सौरभ असवाल ने कहा कि दोनों पक्षों से वार्ता जारी है और उन्हें उम्मीद है कि वार्ता से मामला सुलझ जाएगा। हालांकि, कर्मचारी संगठन ने आरोप लगाया है कि फैक्ट्री प्रबंधन प्रशासन के साथ मिलीभगत कर रहा है और उनके मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

जब फैक्ट्री प्रबंधन से इस मामले पर प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, तो उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। अब, कर्मचारियों का आंदोलन और भी तेज हो गया है और 7 अप्रैल को महापंचायत का आयोजन उनके संघर्ष का अगला बड़ा कदम होगा।

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