Dehradun

उत्तराखंड: फाइटिंग ड्रोन जंगलों से लेकर घरों तक की बुझाएंगे आग, कृषि का भी करेंगे कायाकल्प, नई ड्रोन नीति के तहत होंगे काम।

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देहरादून – अब जंगल की आग बुझाने, फसलों पर छिड़काव करने और आपदा में राहत सामग्री भेजने के काम ड्रोन से हो सकेंगे। नई ड्रोन नीति के तहत सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी, आईटीडीए ने छह श्रेणियों में 23 ड्रोन कंपनियों को सूचीबद्ध कर दिया है। सभी विभाग अपनी जरूरत के हिसाब से इन कंपनियों से काम करा सकेंगे।

आईटीडीए ने तकनीकी मानकों पर खरा उतरने पर मैपिंग, सर्विलांस, एग्रीकल्चर, ट्रेनिंग, फायर फाइटिंग और लॉजिस्टिक श्रेणियों में 23 ड्रोन कंपनियों को सूचीबद्ध किया है। इनमें बड़ी संख्या स्टार्टअप की है। मैपिंग के लिए सबसे ज्यादा 13 कंपनियों को सूचीबद्ध किया गया है। विभाग अपनी प्रॉपर्टी से लेकर अन्य मैपिंग संबंधी सभी काम इनमें से किसी भी कंपनी से करा सकती है।

सर्विलांस के काम के लिए छह कंपनियों को सूचीबद्ध किया गया है। यह सभी कंपनियां विभिन्न प्रोजेक्ट की निगरानी आदि का काम कर सकेंगी। एग्रीकल्चर के लिए दो ड्रोन कंपनियां सूचीबद्ध हुई हैं, जिनकी मदद से फसलों पर छिड़काव से लेकर सभी कृषि संबंधी काम कराए जा सकते हैं। ट्रेनिंग, फायर फाइटिंग और लॉजिस्टिक के लिए एक-एक कंपनी सूचीबद्ध की गई है।

ट्रेनिंग के लिए जिस कंपनी का चयन किया गया है, वह युवाओं-महिलाओं को ड्रोन संचालन में प्रशिक्षित कर सकेंगी। साथ ही ड्रोन संबंधी अन्य प्रशिक्षण भी दे सकेगी। फायर फाइटिंग ड्रोन की मदद से जंगलों से लेकर घरों की आग बुझाने में मदद मिलेगी। लॉजिस्टिक ड्रोन कंपनी की मदद से राहत सामग्री एक जगह से दूसरी जगह भेजी जा सकेगी।

आईटीडीए निदेशक,नितिका खंडेलवाल ने बताया कि हमने सभी तकनीकी मानकों के आधार पर छह श्रेणियों में 23 ड्रोन कंपनियां सूचीबद्ध की हैं। इन सभी कंपनियों की मदद से विभाग काम करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें टेंडर निकालना होगा।

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