देहरादून: नगर निगम और नगर पालिका के सभासद, वार्ड सदस्य के चुनाव में भाग लेने के इच्छुक उम्मीदवारों को राज्य निर्वाचन आयोग के नए नियमों का ध्यान रखना होगा। चुनाव में भाग लेने से पहले उम्मीदवारों को अपने नगर निगम के बकाया टैक्स और जल संस्थान के पानी के बकाया बिल का भुगतान करना अनिवार्य होगा। यदि किसी ने लापरवाही की तो उसे चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिलेगा।
चुनाव की तैयारी के बीच इस नए नियम से उम्मीदवारों में घबराहट देखने को मिल रही है। सरकारी मशीनरी चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है, जबकि चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवार अपने वोटबैंक को मजबूत करने के लिए सक्रिय हैं। कुछ संगठन और लोग सिफारिशें लगाकर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो कुछ लोग मोहल्लों में बैठकें आयोजित कर लोगों से समर्थन जुटा रहे हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के नियमों के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति न्यायालय से दोषी ठहराया गया हो और उसे कम से कम दो वर्ष का कारावास हुआ हो, तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता। ऐसे व्यक्ति को चुनाव लड़ने के लिए केवल तब अनुमति मिल सकती है, जब उसे कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद पांच वर्ष की अवधि या राज्य सरकार द्वारा दी गई विशेष अनुमति की अवधि पूरी न हुई हो।
इसके अलावा, नगर निगम के हाउस टैक्स, कॉमर्शियल टैक्स या जल संस्थान के पानी के बिल का कम से कम एक वर्ष का बकाया होने पर भी कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकेगा। यदि किसी व्यक्ति को भ्रष्टाचार या राजद्रोह के मामले में पद से हटाया गया है, तो वह पद से हटाए जाने के बाद छह वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ सकता।