पिथौरागढ़ – आपदा की आड़ में सरकार को करोड़ों का चूना लगाने के लिए विकासखंड सहित तमाम सरकारी विभागों ने गलत तरीके से करोड़ों के प्रस्ताव तैयार कर जिले को भेज दिए गए। जिला स्तर पर प्रस्तावों की जांच के दौरान फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया। जिला मूल्यांकन समिति ने जांच के बाद 500 प्रस्तावों में से 450 प्रस्ताव रद्द कर दिए हैं। जिला प्रशासन ने गलत तरीके से प्रस्ताव भेजने वाले अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
पिथौरागढ़ जिला आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। आपदा से हर साल नुकसान पहुंचता है। इस वर्ष भी आपदा से भवन, सड़क, पुल, रास्ते, पेयजल योजनाओं को नुकसान पहुंचा है। आपदा प्रबंधन विभाग को जिले भर में 45 करोड़ के प्रस्ताव मिले। इसमें भवन क्षति, जनहानि आदि की धनराशि जारी कर दी गई है। विभिन्न सरकारी विभागों से मांगे गए नुकसान से संबंधित प्रस्तावों की जांच की गई तो ऐसे प्रस्ताव भी आपदा में शामिल मिले जिनमें आपदा से किसी तरह की क्षति ही नहीं पहुंची है। इनमें अधिकतर संपर्क मार्ग, सिंचाई गूल के प्रस्ताव हैं और प्रस्तावों के साथ भेजे गए फोटोग्राफ्स में भूस्खलन तक नजर नहीं आ रहा है। पुराने और झाड़ियों से ढके पैदल रास्तों को भी आपदा से ध्वस्त दिखाकर लाखों के प्रस्ताव तैयार कर दिए गए हैं।
जिला मूल्यांकन समिति की ओर से निरस्त किए गए प्रस्तावों में सबसे अधिक संख्या ग्रामीण निर्माण विभाग डीडीहाट की है। विभाग की ओर से 113 प्रस्ताव बनाकर भेजे गए थे जिनमें से 104 प्रस्ताव निरस्त किए गए। धारचूला विकासखंड से मिले 87 प्रस्तावों में से 81 प्रस्ताव निरस्त किए हैं। विण विकासखंड से मिले सभी 22 प्रस्ताव रद्द कर दिए गए हैं। मूनाकोट विकासखंड में भी 73 प्रस्तावों में से केवल एक प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। डीडीहाट विकासखंड में 95 में से 90 प्रस्ताव निरस्त किए गए हैं। लघु सिंचाई खंड पिथौरागढ़ के 40 में से 34 प्रस्ताव रद्द किए गए हैं।
आपदा में किस तरह खेल होता है इसका उदाहरण जांच में पकड़ में आया है। बंगापानी तहसील के घुंघरूगाड़ में आरसीसी पुलिया ध्वस्त होने के ग्रामीण निर्माण विभाग अस्थाई प्रखंड डीडीहाट ने दो प्रस्ताव तैयार कर भेजे हैं। राजस्व उप निरीक्षक की ओर से सत्यापित एक प्रस्ताव 8.31 लाख और दूसरा 8.37 लाख का है। इसे निरस्त करते हुए अपर जिलाधिकारी ने मवानी दवानी के राजस्व उपनिरीक्षक से तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।
अपर जिलाधिकारी, शिवकुमार बरनवाल ने कहा कि आपदा से विभागीय योजनाओं की जो क्षति हुई है उनके लिए विकासखंड और संबंधित विभागों से प्रस्ताव मांगे गए थे। अब तक जो 500 प्रस्ताव मिले हैं उनमें से 450 प्रस्ताव जांच में गलत पाए गए हैं। गलत प्रस्ताव तैयार कर वाले अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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