Crime
मदरसा शिक्षक नौकरी दिलाने के नाम पर लड़कियों की करता तस्करी, जामा मस्जिद के पास ठहराया किया रेप।

दिल्ली – “किसी को नौकरी तो किसी को कुछ और सब्जबाग दिखाकर मदरसा शिक्षक ले जाता होगा। मुझे तो नौकरी के नाम पर ले गया। मुझे इल्म नहीं हुआ कि मदरसे में ऐसा कुछ हो सकता है। सो, नौकरी के लिए जब मदरसा शिक्षक ने पटना चलने कहा तो राजी हो गई। वहां पहुंची तो बताया कि जिन मंत्रीजी से काम कराना है, वह दिल्ली चले गए हैं। उनसे मिलने के लिए दिल्ली जाना होगा। वहां जामा मस्जिद के पास होटल में ठहराया और यौन शोषण किया। वहीं बातचीत में पता चला कि विदेश भेजने वाला है। ऐसे ही सब्जबाग दिखाकर वह लड़कियों को ले जाता है।” जहानाबाद में केस होने के बाद उसे वापस लाने वाले मदरसा शिक्षक की यह कहानी युवती ने खुद बताई। उसने बताया कि कैसे मेडिकल जांच से पुलिस रोक रही, ताकि सबकुछ छिपा रहे।
मामला नगर थाना क्षेत्र का है। जहां शहर के फिदा हुसैन रोड स्थित अल्बानात एकरा अकैडमी के शिक्षक अब्दुल मन्नान पर झाड़ फूंक एवं शिक्षण संस्थान के बहाने छात्राओं के साथ यौन शोषण करने तथा बहला फुसलाकर अन्यत्र ले भागने का आरोप लगा है। आरोप है कि मदरसा शिक्षक अब्दुल मन्नान बीते सात दिसंबर को जहानाबाद की एक लड़की को नौकरी दिलाने की झांसा देकर लेकर भागा। जब लड़की घर नहीं लौटी तो, लड़की के माता को संदेह होने पर नगर थाना में लिखित आवेदन देकर अब्दुल मन्नान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। ज्योंहि अब्दुल मन्नान को प्राथमिकी दर्ज होने की बात का पता चला तो वे तीन दिन बाद लड़की को जहानाबाद में छोड़ फरार हो गया।
पीड़िता का आरोप- मन्नान पहले भी कई लड़कियों को बाहर ले गए हैं
वहीं पीड़िता ने मीडिया के सामने कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सात दिसंबर को वह कॉलेज जाने के लिए घर से निकली थी। इसी दौरान अब्दुल मन्नान ने फोन कर बताया कि कॉलेज आ रही तो आज पटना चलना है। पटना में तुम्हारा काम करवा देंगे। पीड़िता ने बताया कि वह पहले भी कई लड़कियों को बाहर ले गए हैं। ये सोच कर वह भी पटना चली गयी। जहां उसे बताया गया कि मंत्री से दिल्ली चले गए है। तो दिल्ली चलना पड़ेगा। वह दिल्ली जाने से इंकार कर दिया इस दौरान पीड़िता की माने तो उसे नशीला पदार्थ खिला दिया गया और उसे दिल्ली लेकर चला गया जहां जमा मस्जिद के पास एक होटल में लेकर उसके साथ दुष्कर्म किया। गलत करने के बाद वो विदेश में किसी से बात कर रहे थे लड़की सफ्लाई करने को लेकर जिसे मैं बहुत डर गई। इसी दौरान उसे पता चला कि उसके ऊपर एफआईआर दर्ज किया गया है तो वह जहानाबाद पहुंचा दिया। जब पीड़िता थाना पहुंची जहां केस के आईओ द्वारा उसका बयान लिया गया।
लड़की की मां का आरोप- पुलिस मन्नान को गिरफ्तार करना नहीं चाहती
इतना ही नहीं पीड़िता ने केस के आईओ पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि मेरा बयान लेने के बाद दारोगा ने टॉर्चर कर यह कह कर मेडिकल जांच कराने से मना करा दिया कि बाद में तुम्हारी शादी नही होगी,परिवार वाले असेप्ट नही करेंगे। जिसके बाद वह अपना बयान बदल दिया। वही पीड़िता और उसके परिजन अब इन्साफ की गुहार लगा रहे हैं। वही लड़की की मां का कहना है कि प्राथमिकी दर्ज हुआ करीब एक सप्ताह से ज्यादा हो गया है, फिर भी अब्दुल मन्नान पुलिस के गिरफ्त से बाहर है। इससे प्रतीत होता है कि पुलिस फरार चल रहे मन्नान को गिरफ्तार करना नहीं चाहती।
गरीब परिवार के बच्चियों के साथ गंदा काम करने का आरोप लगा
वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार काको के बीबीपुर में भी अब्दुल मन्नान द्वारा संचालित मदरसा काफी सुर्खियां में आया था, जहां गरीब परिवार के बच्चियों के साथ गलत कार्य करने की बात सामने आने पर वहां के लोगों द्वारा मदरसा को ब॑द कराया था। लोगों ने बताया कि अब्दुल मन्नान द्वारा भोली भाली लड़कियों को नौकरी दिलाने, तथा प्रलोभन देकर यौन शौषण तथा देह व्यापार की ओर ले जाने का काम किया जाता रहा है।
पीड़िता और उसके परिजनों ने मेडिकल जांच से कर दिया था इनकार
इधर, इस मामले में एसडीपीओ ने बताया कि एक महिला के परिवार द्वारा अपहरण का मामला दर्ज कराया गया था। जिसके बाद पुलिस से उसे सकुशल बरामद किया और कोर्ट में 164 का बयान भी दर्ज करायी गयी थी। साथ ही मेडिकल जांच को लेकर उसे भेजा भी गया था लेकिन पीड़िता और उसके परिजन मेडिकल जांच कराने से इनकार कर दिया था। बाद में पुनः मेडिकल जांच करने की इच्छा जारी की गई है जिसे लेकर कोर्ट में प्रे किया गया है। वही उन्होंने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर कार्रवाई चल रही है।
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कोटद्वार में जीएमओयू के करोड़ों के गबन के आरोप में 9 गिरफ्तार

कोटद्वार: गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड (जीएमओयू) कोटद्वार में भारी वित्तीय गबन के मामले में कोतवाली पुलिस ने नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी लोकेश्वर सिंह के निर्देश पर की गई…जिन्होंने इस गंभीर मामले का शीघ्र और सफल निस्तारण करने के लिए विशेष टीम गठित की थी।
दिनांक 05 मार्च 2025 को कोटद्वार निवासी विजय पाल सिंह जो स्वयं जीएमओयू के मैनेजर सचिव और प्रधान भी रह चुके हैं उन्होंने कोतवाली कोटद्वार में एक शिकायती प्रार्थना पत्र दाखिल कर पूर्व अध्यक्ष, मैनेजर, अकाउंटेंट समेत नौ व्यक्तियों पर करोड़ों रुपये के गबन का आरोप लगाया था। इस शिकायत के आधार पर कोतवाली में धारा 420 एवं 406 के तहत मुकदमा संख्या 70/2025 पंजीकृत किया गया था।
जांच में सामने आया कि अभियुक्तों ने मृत व्यक्तियों, अन्य स्टेशनों, पेट्रोल पंपों, बिल्डिंग, कंप्यूटर रिपेयर, मेंटेनेंस, दान-पूजा और फर्नीचर रिपेयर के नाम पर फर्जी बिल वाउचर बनाकर तथा काल्पनिक व्यक्तियों के नामों पर नकली प्रार्थना पत्र तैयार कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 2,48,43,087/- (दो करोड़ अड़तालीस लाख तैंतालीस हजार सत्तासी रुपये) का गबन किया है।
अपर पुलिस अधीक्षक चन्द्रमोहन सिंह एवं क्षेत्राधिकारी कोटद्वार निहारिका सेमवाल के निर्देशन में प्रभारी निरीक्षक कोटद्वार रमेश तनवर के नेतृत्व में गठित टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दिनांक 18 जून 2025 को अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार अभियुक्तों में शामिल हैं:
जीत सिंह पटवाल, पूर्व अध्यक्ष एवं संचालक
ऊषा सजवान, पूर्व जनरल मैनेजर
अश्वनी कुमार रावत, पूर्व कैशियर
मंजीत सैनी, सहायक लेखाधिकारी
अशोक कुमार, चेकिंग सेक्शन कर्मचारी
मुकेश कुमार, कैशियर सहायक
राजेश चन्द्र बुडाकोटी, कार्यवाहक कैशियर
वीरेन्द्र खंतवाल, पेट्रोल सेक्शन क्लर्क
राकेश मोहन त्यागी, लेखा लिपिक
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उत्तराखंड: घर में घुसकर बेटी की हत्या…4 साल बाद मिला इंसाफ, एक को फांसी, दूसरे को उम्रकैद

रुड़की (हरिद्वार): चार साल पहले जिस दर्दनाक वारदात ने रुड़की शहर को झकझोर कर रख दिया था अब उसमें न्याय की एक अहम झलक देखने को मिली है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश सिंह की अदालत ने शादी से इनकार करने पर युवती की हत्या करने वाले मुख्य आरोपी हैदर अली को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि उसके साथी रिहान उर्फ आरिश को सश्रम आजीवन कारावास की सजा दी गई है।
बता दे कि घटना 24 अप्रैल 2021 की है…जब कृष्णानगर मोहल्ले में रहने वाली एक 19 वर्षीय युवती निधि उर्फ हंसी की उसके ही घर में घुसकर चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। परिवार वालों के मुताबिक आरोपी हैदर अली लगातार निधि पर शादी का दबाव बना रहा था…लेकिन निधि ने साफ इनकार कर दिया था। इसी इनकार को अपनी बेइज्जती समझते हुए हैदर ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इस हैवानियत को अंजाम दिया था।
इस मामले में रुड़की के वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव वर्मा और उनके बेटे हाईकोर्ट अधिवक्ता ने मजबूती से पैरवी की। पिता-पुत्र की इस कानूनी जोड़ी ने कोर्ट में लगातार ऐसे साक्ष्य पेश किए जिनके चलते आरोपी की जमानत याचिका बार-बार खारिज होती रही। उनकी मेहनत और ईमानदारी ने निधि के परिवार को इंसाफ की उम्मीद दी।
कोर्ट ने सबूतों और गवाहों के आधार पर हैदर अली को दोषी ठहराते हुए फांसी और 50,000 जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं दूसरे आरोपी रिहान को सश्रम आजीवन कारावास और 50,000 जुर्माना भुगतना होगा। इस मामले में शामिल तीसरे आरोपी…जो उस समय नाबालिग था उसका मामला अभी जुवेनाइल कोर्ट में लंबित है।
फैसले के बाद निधि के परिजनों ने राहत की सांस ली है। उन्होंने अधिवक्ता संजीव वर्मा का आभार जताते हुए कहा कि भले बेटी वापस नहीं आ सकती…लेकिन कम से कम उसे इंसाफ तो मिला।
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WhatsApp से फंसाया, Fake App से लूटा…81 लाख की ठगी, महाराष्ट्र से गिरफ्तार!

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र के नागपुर से एक साइबर ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपी सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों को ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश का झांसा देता था और लाखों की ठगी कर रहा था। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह ने करीब 81.45 लाख रुपये की साइबर ठगी की है।
गिरफ्तार आरोपी का नाम वैभव मनोज गाडगे है। यह आरोपी उधम सिंह नगर के एक व्यक्ति को भी अपने जाल में फंसा चुका था।
ऐसे फंसाता था लोगों को:
पुलिस के मुताबिक आरोपी व्हाट्सएप के जरिए लोगों को ट्रेडिंग से मोटा मुनाफा कमाने का लालच देता था। वह खुद को एक प्रतिष्ठित ट्रेडिंग कंपनी का प्रतिनिधि बताकर लोगों को झांसे में लेता था।
लोगों को अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुपों में जोड़ा जाता था, जहां पहले से मौजूद सदस्य झूठे स्क्रीनशॉट के जरिए यह दिखाते थे कि उन्होंने निवेश कर मोटा मुनाफा कमाया है। इससे नए लोग प्रभावित होकर निवेश कर देते थे।
इतना ही नहीं आरोपी ने एक फर्जी मोबाइल ऐप भी बनाया था…जिसमें निवेश की गई रकम और उस पर दिखाया गया मुनाफा झूठा होता था। पीड़ितों को लगता था कि उन्हें सच में फायदा हो रहा है…लेकिन हकीकत में वो ठगे जा रहे होते थे।
करोड़ों की ट्रांजैक्शन, 8 मामलों में आरोपी:
एसटीएफ प्रमुख नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपी के बैंक खातों में सिर्फ 4-5 महीनों में करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है। जांच में पता चला है कि आरोपी के खातों के खिलाफ देश के कई राज्यों में 8 साइबर अपराध दर्ज हैं। अब अन्य राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर जांच की जा रही है।
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