नैनीताल। कैलास मानसरोवर यात्रा इस साल से शुरू होने की उम्मीद के बीच कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) ने आदि कैलास-ओम पर्वत यात्रा का शेड्यूल जारी कर दिया है। इस यात्रा का पहला दल 14 मई को काठगोदाम से रवाना होगा। वहीं धारचूला से यात्रा का पहला दल 15 मई से शुरू होगा। कुल मिलाकर काठगोदाम से आठ और धारचूला से पांच दल यात्रा पर जाएंगे।
यात्रा के दौरान श्रद्धालु गोलज्यू मंदिर चितई, शिव के प्रसिद्ध धाम जागेश्वर, और पाताल भुवनेश्वर गुफा के दर्शन करेंगे। यात्रा का शेड्यूल इस प्रकार रहेगा कि पहले दिन श्रद्धालुओं का दल काठगोदाम से भीमताल, जागेश्वर होते हुए 196 किमी की दूरी तय कर पिथौरागढ़ पहुंचेगा। दूसरे दिन पिथौरागढ़ से 96 किमी का सफर कर धारचूला पहुंचेगा।
पहला आधार शिविर धारचूला रहेगा। तीसरे दिन धारचूला से गुंजी, चौथे दिन गुंजी से नाबी-कुटी होते हुए नाभीढांग पहुंचेंगे। इस दौरान गणेश पर्वत, नाग पर्वत, व्यास गुफा, कालापानी में काली मंदिर और ओम पर्वत के दर्शन किए जाएंगे। पांचवें दिन गुंजी से ज्योलीकांग जाएंगे और वहां कुट्टी गांव, निक्छू पर्वत, पार्वती सरोवर, आदि कैलास, पांडव पर्वत और पार्वती मुकुट के दर्शन करेंगे। यात्रा के समापन के बाद श्रद्धालु छठे दिन बूंदी से वाया धारचूला होते हुए चौकोड़ी और पाताल भुवनेश्वर गुफा दर्शन करेंगे। यात्रा के आठवें दिन श्रद्धालु अल्मोड़ा से काठगोदाम लौट जाएंगे।
वहीं धारचूला से शुरू होने वाली यात्रा में पहले दिन आधार शिविर धारचूला, दूसरे दिन धारचूला से गुंजी, तीसरे दिन गुंजी से नाभीढांग, चौथे दिन गुंजी से ज्लोलिंबकांग और बूंदी जाएंगे। पांचवे दिन श्रद्धालु बूंदी से धारचूला लौट आएंगे।
कैलास मानसरोवर यात्रा को संपन्न कराने में भारतीय सेना भी सहयोग करेगी। बुधवार को सेना और प्रशासन के बीच बैठक हुई, जिसमें ब्रिगेडियर गौतम पठानिया ने यात्रा को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि उच्च हिमालय में यात्रा संचालन में सेना पूरी मदद देगी। भारत और चीन के बीच कई स्तरों की बैठक के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 में कैलास मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो सकती है।
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