देहरादून – मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मोटा अनाज, सेब, कीवी और शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों के प्रस्ताव की डेडलाइन तय कर दी है। उन्होंने उच्च घनत्व वाले सेब की नीति के प्रस्ताव को 15 दिन के भीतर अंतिम रूप देने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने मोटे अनाज की उत्पादकता और क्षेत्र बढ़ाने के लिए कार्ययोजना बनाने को भी कहा। मुख्य सचिव ने ये निर्देश सचिवालय में सेतु आयोग व कृषि एवं उद्यान विभाग की बैठक में दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि सेब और कीवी नीति के तहत सब्सिडी वितरण को तीन किस्तों में 80 प्रतिशत, 10 प्रतिशत व 10 प्रतिशत में बांटा गया है।
वर्तमान पॉलिसी के तहत 171 एकड़ क्षेत्र में सेब उत्पादन के प्रस्ताव के संबंध में अभी तक 436 किसानों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। सीएस ने फसलों की कटाई के बाद उसके प्रबंधन की नीति में जरूरी संशोधन के बाद इसे राज्य से फंडिंग कराने के साथ अंतिम रूप में प्रस्तावित करने के निर्देश दिए। उन्होंने उद्यान विभाग को कीवी क्लटीवेशन पॉलिसी को एक सप्ताह से पहले अंतिम रूप में प्रस्तावित करने व हनी पॉलिसी चार सप्ताह में तैयार करने की डेडलाइन दी।
सीएस ने निर्देश दिए कि राज्य में गेहूं और चावल की खेती से मिलेट्स की खेती में शिफ्ट करने के विजन के साथ पॉलिसी पर कार्य किया जाए। उन्होंने मिलेट्स की खेती से राज्य के किसानों को मिलने वाले कार्बन क्रेडिट पर भी जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए। सीएस ने झंगोरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य को निर्धारित करने के प्रस्ताव को भी जल्द प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य में मिलेट्स उत्पादन की सटीक आंकड़े जुटाने के भी निर्देश दिए।
हल्द्वानी और ऋषिकेश में फूलों की मंडी स्थापित होगी। सीएस ने इसकी कार्ययोजना के साथ मंडियों और विभागों के मध्य समन्वय के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में सप्लाई चेन को प्रभावी बनाने को कहा। एग्रीकल्चर मास्टर प्लान के तहत सॉयल प्रोफाइलिंग के कार्य को तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए हैं।