मुंबई : चीन के बाद अब भारत में भी ह्यूमन मेटापेन्यूमोवायरस (HMPV) के मामले बढ़ने लगे हैं। ताजा मामला मुंबई के पवई स्थित हीरानंदानी अस्पताल में सामने आया है, जहां छह महीने की बच्ची में HMPV संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही भारत में अब तक HMPV के कुल 8 मामले दर्ज हो चुके हैं। बेंगलुरु, नागपुर, तमिलनाडु और अहमदाबाद जैसे विभिन्न शहरों में भी इसके मामले सामने आ चुके हैं।
कोविड-19 जैसा नहीं है HMPV
हालांकि, HMPV के मामले बढ़ने से भारत में डर का माहौल बन गया है। कुछ लोग इसे कोविड-19 से जोड़कर चिंता व्यक्त करने लगे। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इसपर स्पष्ट किया कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है और इसकी पहली पहचान 2001 में हुई थी। उन्होंने कहा कि यह वायरस सालों से दुनिया भर में फैल रहा है और भारत सरकार इस पर नजर बनाए हुए है।
मुंबई में 6 महीने की बच्ची HMPV से संक्रमित
मुंबई में जिस बच्ची में HMPV का मामला सामने आया है, वह महज छह महीने की है। 1 जनवरी को गंभीर खांसी, सीने में जकड़न और ऑक्सीजन स्तर 84% तक गिरने के कारण बच्ची को अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने नए रैपिड पीसीआर टेस्ट के माध्यम से पुष्टि की। बच्ची को आईसीयू में ब्रोंकोडायलेटर्स जैसी दवाइयों से उपचार दिया गया और पांच दिनों बाद उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
HMPV के लक्षण और सावधानी
HMPV एक वायरस है जो मानव के फेफड़ों और श्वसन नलिका में संक्रमण पैदा करता है, और यह सामान्य सर्दी-खांसी या फ्लू जैसी स्थितियां उत्पन्न कर सकता है। यह विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। डॉक्टर्स का कहना है कि यह वायरस कोविड जैसी महामारी का कारण नहीं बन सकता, लेकिन इसके लक्षणों से बचने के लिए इन्फ्लूएंजा और गंभीर श्वसन संक्रमण की निगरानी को बढ़ा दिया गया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, और सरकार स्थिति पर जल्द ही एक व्यापक परामर्श जारी करेगी।
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