देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में जल संरक्षण अभियान 2025 के अंतर्गत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने जल संरक्षण अभियान 2025 की थीम ‘‘धारा मेरा, नौला मेरा, गांव मेरा, प्रयास मेरा’’ पर आधारित भागीरथ मोबाइल एप का शुभारंभ और ब्रोशर का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एप के माध्यम से लोग अपने क्षेत्र के संकटग्रस्त जल स्त्रोतों की जानकारी साझा कर सकेंगे, और सरकार द्वारा इन जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में कार्य किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इस एप की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे जल संकट के समाधान में स्थानीय समुदाय की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के जल स्त्रोतों के संरक्षण के लिए “स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी” (सारा) के गठन का भी उल्लेख किया, जो जल स्रोतों के संरक्षण के लिए विभिन्न प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि सारा ने पिछले साल के दौरान लगभग 6500 जल स्रोतों का उपचार किया है और 3.12 मिलियन घन मीटर वर्षा जल संचयन में सफलता प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सारा द्वारा मैदानी क्षेत्रों में भू-जल रिचार्ज के प्रयास किए जा रहे हैं और साथ ही, प्रदेश की नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए आईआईटी रुड़की और एनआईएच रुड़की के सहयोग से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में जल संरक्षण की दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं, और इसमें जन सहयोग भी लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जल उन्नति और संरक्षण जीवन और विकास का मुख्य आधार है। उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड की प्रगति को और अधिक तेज़ी से आगे बढ़ाने की बात की।
इस मौके पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने भी जल संरक्षण अभियान 2025 में आमजन की भागीदारी को लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि भागीरथ मोबाइल एप के माध्यम से आम लोग अपने क्षेत्रों के जल स्त्रोतों की जानकारी साझा कर सकेंगे, जिससे समय रहते उनका उपचार किया जा सकेगा।
अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि जल संरक्षण अभियान 2025 सिर्फ एक अभियान नहीं है, बल्कि यह राज्य की जल संपदाओं का संरक्षण और संचयन है, जिसमें राज्यवासियों की सक्रिय भागीदारी शामिल है। इसके तहत ग्राम स्तर पर धारा नौला संरक्षण समिति गठित की गई है, जिससे प्रत्येक स्तर पर ग्रामवासियों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, ग्राम पंचायतों की क्षमता विकास के लिए चरणवार कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
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