देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों को मजबूती से लागू करने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को यात्रा से पहले सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कई अहम कदम उठाए हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा पर चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस बार यात्रा मार्ग पर 26 मेडिकल रेस्पॉन्स प्वाइंट्स (एमआरपी) और 50 स्क्रीनिंग प्वाइंट्स स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, सभी श्रद्धालुओं को “स्वास्थ्य धाम पोर्टल” पर पंजीकरण करना अनिवार्य किया गया है, और 50 वर्ष से अधिक आयु के यात्रियों को अपना स्वास्थ्य प्रोफाइल अपलोड करना होगा।
यात्रा के दौरान कोई भी स्वास्थ्य आपात स्थिति उत्पन्न होने पर निपटने के लिए चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं, और यात्रा मार्ग पर तैनात चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसके अलावा, RFID-बैंड और GIO ट्रैकिंग सिस्टम का उपयोग करके यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की निगरानी की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखेगा, विशेषकर उच्च जोखिम वाले यात्रियों की।
यात्रा मार्ग पर होटल, ढाबों और बस स्टॉप जैसे प्रमुख स्थानों पर स्वास्थ्य सुरक्षा के कड़े नियम लागू किए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित भोजन और साफ-सुथरे वातावरण की सुनिश्चितता हो सके।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि इस बार की चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी और सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि यात्रा के दौरान किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या न हो।