मसूरी: मसूरी में पेयजल की बढ़ती समस्या के समाधान के लिए सरकार द्वारा 144 करोड़ रुपये की मसूरी यमुना पंपिंग योजना के तहत पानी की पाइपलाइन बिछाई गई थी और जल टैंकों का निर्माण भी किया गया। हालांकि, इस योजना के तहत बिछाई गई पाइपलाइन के जॉइंट्स में ज्यादा पानी के प्रेशर के कारण कई जगहों पर समस्या उत्पन्न हो रही है। पाइपलाइन के ज्वाइंट्स खुलने के कारण पानी की बर्बादी हो रही है, जिससे स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मंगलवार को मसूरी कैंपटी रोड पर होटल वाइल्ड फ्लावर के पास सड़क के नीचे जा रही पेयजल लाइन का ज्वाइंट खुलने से सड़क का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। पानी के तेज प्रेशर से क्षेत्र जलमग्न हो गया, और पानी के बहाव के साथ पहाड़ी से मलबा मुख्य सड़क पर आकर जमा हो गया। इससे मुख्य सड़क दोनों ओर से बाधित हो गई और वाहनों का लंबा जाम लग गया।
पाइपलाइन फटने की सूचना मिलने पर जल निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पेयजल पंपिंग को बंद कराया। अधिकारियों ने मलबे को साफ कराकर सड़क को यातायात के लिए फिर से खोल दिया।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि मसूरी यमुना पंपिंग योजना के तहत किए गए कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहते हैं, और इससे पहले भी कई बार पेयजल लाइनों में क्षति हो चुकी है। जल निगम के अधिशासी अभियंता संजीव वर्मा ने बताया कि मसूरी यमुना पंपिंग योजना के तहत लगभग 17 किलोमीटर तक पानी की पाइपलाइन डाली गई है, और कई जगहों पर अत्यधिक पानी के प्रेशर के कारण पाइपलाइन के ज्वाइंट्स खुलने की समस्या सामने आ रही है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को फटी पाइपलाइन को ठीक कर दिया गया है।
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