उत्तराखंड: बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने इस बार एक महत्वपूर्ण और पर्यावरण हितैषी निर्णय लिया है। अब तक निजी वेंडरों के माध्यम से किए जाने वाले प्रसाद पैकेजिंग के कार्य को समिति स्वयं संभालेगी। इस पहल के तहत बीकेटीसी ने प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया है और इसके स्थान पर कपड़े और जूट के बैग का उपयोग किया जाएगा, जिससे पर्यावरण की रक्षा की जा सके।
बीकेटीसी के इस निर्णय से न केवल पर्यावरण को फायदा होगा बल्कि स्थानीय कारीगरों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस नए कदम के तहत प्रसाद की पैकेजिंग में पॉलिथीन का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। कपड़े और जूट के बैग का उपयोग कर के, बीकेटीसी न केवल प्लास्टिक कचरे की समस्या को कम करने की कोशिश करेगा, बल्कि तीर्थयात्रियों को भी पर्यावरण संरक्षण का संदेश देगा।
बीकेटीसी ने इस योजना को सफल बनाने के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। पहले चरण में 20 कर्मचारियों को सरस्वती जनकल्याण एवं स्वरोजगार संस्थान के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें उन्हें प्रसाद पैकेजिंग के लिए जूट और कपड़े के बैग बनाने की कला सिखाई गई। दूसरे चरण में 40 और कर्मचारियों को इस प्रशिक्षण से गुजरने का मौका मिलेगा। इस कदम से न केवल पर्यावरण में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय कारीगरों को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने इस पहल के बारे में बताते हुए कहा कि यह कदम चारधाम यात्रा को अधिक पर्यावरण-अनुकूल बनाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से तीर्थयात्रियों को भी कपड़े और जूट के बैग का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे उनका ध्यान भी पर्यावरण की ओर आकर्षित होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि इस बदलाव से हिमालयी क्षेत्र में प्लास्टिक कचरे की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी और इसके साथ ही धार्मिक पर्यटन को और अधिक स्वच्छ और सुरक्षित बनाया जा सकेगा।
प्रसाद पैकेजिंग के लिए कपड़े और जूट के बैग बनाने का कार्य स्थानीय हस्तशिल्पियों को दिया जाएगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी। यह निर्णय न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि समाज में स्वच्छता और हरित पहल की भावना को बढ़ावा देने के लिए भी एक अहम कदम है।
#BadrinathKedarnathTempleCommittee #Ecofriendlypackaging #Environmentalawareness #Localemployment #Plasticfreeinitiative