नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद गुरुवार को संसद भवन में एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की और इसमें विभिन्न दलों के नेताओं ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए निर्णायक कार्रवाई की मांग की।
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, भाजपा के जेपी नड्डा, और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। सभी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और सरकार के कदमों का समर्थन किया।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि आतंकवाद के खिलाफ भारत को एकजुट होकर लड़ा जाएगा और भारत सरकार आगे भी कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद है और सरकार इसे गंभीरता से ले रही है।
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने माना कि सुरक्षा में चूक हुई है। उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से इस मार्ग पर सुरक्षा तैनाती जून महीने में की जाती है, जब अमरनाथ यात्रा शुरू होती है। लेकिन इस बार स्थानीय टूर ऑपरेटर्स ने बिना जानकारी दिए पर्यटकों को इस मार्ग पर भेजा, जिसके कारण सुरक्षाकर्मियों की तैनाती नहीं की गई थी।
बैठक में सभी दलों ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार के कदमों का समर्थन किया। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में सरकार का समर्थन किया। वहीं, सुदीप बंद्योपाध्याय ने भरोसा दिलाया कि देशहित में सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का सभी दल समर्थन करेंगे।
भारत ने इस हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की बैठक में निर्णय लिया गया कि सिंधु जल संधि को निलंबित किया जाएगा और पाकिस्तान से सभी राजनयिकों को एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा रद्द कर दिए गए हैं।
सर्वदलीय बैठक से पहले, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें इस आतंकी हमले के बारे में जानकारी दी।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और अन्य विपक्षी दलों ने इस हमले की निंदा की और कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के इस मुद्दे पर सभी दलों को एकजुट होकर ठोस कदम उठाने चाहिए।
सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य राजनीतिक दलों ने सुरक्षा में चूक पर सवाल उठाए और कहा कि इस प्रकार के हमले को रोकने के लिए अधिक प्रभावी सुरक्षा तंत्र की जरूरत है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों द्वारा किए गए हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसमें एक नेपाल नागरिक भी शामिल था। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं और सीमा पार आतंकवाद को लेकर सख्त रवैया अपनाया है।
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