
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से आईं लखपति दीदियों और प्रगतिशील किसानों से सीधा संवाद किया। उन्होंने उनकी उपलब्धियों को सराहा और उन्हें स्वरोजगार, कृषि नवाचार और समूहिक उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “लखपति दीदियों” का मॉडल ग्रामीण भारत में महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने राज्य सरकार की पहल की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड की महिलाएं जिस तरह से स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आगे बढ़ रही हैं, वह अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्रोत है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर गांव से कम से कम एक महिला ‘लखपति दीदी’ बने। हम महिलाओं को स्वरोजगार, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
कार्यक्रम में महिला समूहों ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई, जिन्हें मंत्रीगणों ने देखा और सराहा। कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के सफल मॉडल, किसानों की उन्नत खेती, जैविक कृषि, और ग्रामीण महिलाओं के छोटे उद्यमों को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की गई।
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