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बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले मुख्य रावल ने देवप्रयाग में की गंगा आराधना, जयकारों से गूंज उठी तीर्थ नगरी…
by संवादाता
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बदरीनाथ : बदरीनाथ धाम के कपाट चार मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। इससे पूर्व, परंपरा के अनुसार मुख्य रावल ने मंगलवार को देवप्रयाग में मां गंगा की आराधना कर यात्रा की सफलता और सुरक्षा की मंगलकामना की।
देवप्रयाग वह पवित्र स्थल है जहां गोमुख से आने वाली भागीरथी और बदरीनाथ क्षेत्र की अलकापुरी से निकलने वाली अलकनंदा नदी का संगम होता है। यहीं से गंगा का उद्गम माना जाता है। इसी संगम स्थल पर मुख्य रावल ने विधिपूर्वक गंगा और श्री रघुनाथ जी का पूजन किया।
पूजन के दौरान तीर्थनगरी जयकारों से गूंज उठी—”गंगा मैया की जय” और “श्री रघुनाथ जी महाराज की जय” के उद्घोषों से वातावरण भक्तिमय हो गया। मुख्य रावल ने मां गंगा से चारधाम यात्रा के दौरान सभी श्रद्धालुओं की कुशलता, सुगमता और मंगलमय यात्रा के लिए आशीर्वाद मांगा।
यह परंपरा हर वर्ष कपाट खुलने से पूर्व निभाई जाती है, ताकि यात्रा निर्विघ्न और शुभ हो सके।
चमोली में रिवर ड्रेजिंग कार्यों की समीक्षा बैठक, जिलाधिकारी ने अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश…
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चमोली: जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने मंगलवार को चमोली में रिवर ड्रेजिंग कार्यों की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने चमोली जनपद में रिवर ड्रेजिंग के लिए चयनित स्थानों पर चर्चा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिकारी और सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को आपदा संभावित क्षेत्रों में रिवर ड्रेजिंग कार्यों की आवश्यकता वाले स्थानों का चयन करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर शीघ्र कार्य करवाया जाए ताकि आपदा के प्रभाव को कम किया जा सके।
बैठक में जिलाधिकारी ने अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी और उनके वेतन रोकने का आदेश दिया। इसके अलावा, आगामी गुरुवार को रिवर ड्रेजिंग कार्यों पर पुनः समीक्षा बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया और सभी संबंधित अधिकारियों को भौतिक रूप से बैठक में उपस्थित होने का आदेश दिया गया।
खनन अधिकारी अकिंत चंद ने जानकारी दी कि चमोली जनपद में रिवर ड्रेजिंग के लिए कुल 21 स्थान चयनित किए गए हैं, जिनसे 1 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व की प्राप्ति का अनुमान है। इन स्थानों में चमोली तहसील के 6 स्थान, नंदानगर में 1, जोशीमठ में 4, थराली में 6, कर्णप्रयाग में 2 और नंदप्रयाग में 2 स्थान शामिल हैं।
इस बैठक में अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, खनन अधिकारी अंकित चंद, आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
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चमोली में 38वें राष्ट्रीय खेलों के प्रचार वाहन को डीएम ने दिखाई हरी झंडी , 6 से 8 जनवरी तक चलेगा प्रचार प्रसार….
by संवादाता
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चमोली : उत्तराखंड के चमोली जिले में 28 जनवरी से 14 फरवरी तक आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इस खास आयोजन के तहत, आज जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने राष्ट्रीय खेलों के प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह प्रचार वाहन जिले के विभिन्न हिस्सों में घूमकर राष्ट्रीय खेलों के शुभंकर, लोगो, जर्सी और टैगलाइन का प्रचार करेगा, ताकि लोगों को इस महा आयोजन से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जा सके।
राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर ‘मौली’ प्रचार वाहनों के साथ दौड़ेगा
इस आयोजन के शुभंकर ‘मौली’ को प्रचार वाहन में सवार किया गया है, जो 6 से 8 जनवरी तक जिले के विभिन्न ब्लॉकों, प्रमुख शहरों और दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में यात्रा करेगा। इस दौरान ‘मौली’ स्थानीय लोगों को 38वें राष्ट्रीय खेलों से जुड़ने के लिए प्रेरित करेगा। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि यह अवसर उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है और इसे खेल भूमि के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
खेलों का प्रचार-प्रसार और उत्साह
जिलाधिकारी ने बताया कि 10 जनवरी को गोपेश्वर के पुलिस मैदान में ‘पाण्डवाज शो’ का आयोजन किया जाएगा, जिससे राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी को और ऐतिहासिक बनाया जाएगा। इस शो का आयोजन सुबह 11 बजे से 2 बजे तक होगा। प्रमोशनल वैन को जिला कार्यालय परिसर से रवाना किया गया, जो कुण्ड कॉलोनी, जीरो बैण्ड और विकास खण्ड ज्योर्तिमठ जैसे क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार करेगी। यह वैन मायापुर, पीपलकोटी, टंगणी, पाखी, लंगसी, पैनी, ज्योर्तिमठ, तपोवन, बड़ागांव जैसे इलाकों में घूमकर लोगों को खेलों के प्रति जागरूक करेगी।
मौली के स्वागत में उत्साह
प्रचार वैन को हरी झंडी दिखाने से पहले, ‘मौली’ का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस अवसर पर खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, खेल संघों के पदाधिकारियों और अन्य लोगों ने ‘मौली’ के साथ सेल्फी भी ली। इस दौरान राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खेलो इंडिया सेंटर फुटबॉल और टेबल टेनिस के खिलाड़ी भी उपस्थित रहे।
मशाल रैली का आयोजन
इसके अलावा, 9 जनवरी को बागेश्वर से मशाल प्राप्त कर मशाल रैली का आयोजन किया जाएगा, जो ग्वालदम से होते हुए थराली, कुलसारी, नारायणबगड़ और कर्णप्रयाग पहुंचेगी। रात्रि विश्राम के बाद, 10 जनवरी को यह मशाल रैली गोपेश्वर के स्पोर्ट्स स्टेडियम से मन्दिर मार्ग होते हुए पुलिस मैदान तक पहुंचेगी, जहां पाण्डवाज शो का आयोजन किया जाएगा।
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उत्तराखंड: शीतकालीन यात्रा में श्रद्धालुओं की बाढ़, सीएम धामी ने सुविधाओं को चाक-चौबंद करने के दिए निर्देश !
by संवादाता
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चमोली: उत्तराखंड सरकार द्वारा चारों धामों की शीतकालीन यात्रा शुरू होने के बाद, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ शीतकालीन गद्दी स्थलों पर पहुंचने लगी है। चमोली जिले में स्थित पाण्डुकेश्वर, ज्योतिर्मठ नरसिंह मंदिर, गोपीनाथ मंदिर सहित अन्य शीतकालीन प्रवास स्थलों पर पिछले 10 दिनों में रिकॉर्ड पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य अर्जित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शीतकालीन यात्रा व्यवस्थाओं और शीतलहर से बचाव के लिए सोमवार को वर्चुअल माध्यम से समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने जिलाधिकारी और पर्यटन अधिकारियों को शीतकाल प्रवास स्थलों के आस-पास श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने शीतलहर से बचाव के लिए सभी प्रभावी उपाय करने की बात कही, साथ ही रैन बसेरों में ठहरने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि बर्फबारी के कारण सड़कों की बाधितता कम से कम हो, और जहां बर्फबारी ज्यादा हो, वहां बर्फ हटाने के लिए उचित संसाधन सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को कंबल, दस्ताने, मौजे और अन्य आवश्यक सामग्रियां जरूरतमंदों तक पहुंचाने के निर्देश दिए।
सीएम ने इस दौरान शीतकालीन प्रवास स्थलों का प्रचार-प्रसार बढ़ाने पर भी जोर दिया, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु इन स्थानों पर आकर दर्शन कर सकें। उन्होंने अधिकारियों से शीतलहर से बचाव के उपायों और जनपद में की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी भी ली।
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बद्रीनाथ: ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी, निचले इलाकों में शीतलहर से बढ़ी ठंड !
by संवादाता
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चमोली : उत्तराखंड के चमोली जिले में मंगलवार को मौसम ने अचानक करवट ली, जिसके बाद ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी हुई। इस बर्फबारी का असर बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, लाल माटी, नीती और माणा घाटी जैसे ऊंचे इलाकों में देखा गया।
दोपहर के समय निचले क्षेत्रों में भी बादल छाए रहे, जिससे पूरे जिले में कड़ाके की ठंड महसूस होने लगी। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद शाम तक शीतलहर ने ठंड को और अधिक बढ़ा दिया। हालांकि, दोपहर के बाद मौसम सामान्य होने लगा और देर शाम तक आसमान साफ हो गया।
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चमोली में भर्ती शिविर का होगा आयोजन, 26 नवंबर से 14 दिसंबर तक चलेगी भर्ती प्रकिया…
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चमोली : चमोली जनपद के सभी ब्लॉकों में 26 नवम्बर से सुरक्षा गार्ड, सुपरवाइजर और सुरक्षा अधिकारी पदों के लिए भर्ती शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। सिक्यूरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विस के भर्ती अधिकारी विजय प्रकाश ने इस भर्ती प्रक्रिया की जानकारी दी। भर्ती शिविरों का आयोजन विभिन्न तिथियों में ब्लॉकों के हिसाब से होगा।
भर्ती की तिथियां और स्थान
- 26 और 27 नवम्बर को जोशीमठ ब्लॉक
- 28 और 29 नवम्बर को दशोली ब्लॉक
- 30 नवम्बर और 01 दिसम्बर को नन्दानगर ब्लॉक
- 02 और 03 दिसम्बर को पोखरी ब्लॉक
- 04 और 05 दिसम्बर को नारायणबगड़ ब्लॉक
- 06 और 07 दिसम्बर को देवाल ब्लॉक
- 08 और 09 दिसम्बर को थराली ब्लॉक
- 10 और 11 दिसम्बर को गैरसैण ब्लॉक
- 12, 13 और 14 दिसम्बर को कर्णप्रयाग ब्लॉक
भर्ती के लिए शारीरिक मानदंड
सुरक्षा गार्ड, सुपरवाइजर और सुरक्षा अधिकारी पद के लिए शारीरिक मापदंड में उम्मीदवार की लंबाई 168 सेमी, सीना 80-85 सेमी और वजन 56-90 किलोग्राम के बीच होना चाहिए। उम्र सीमा 19 से 40 वर्ष तक निर्धारित की गई है।
शैक्षिक योग्यता
- सुरक्षा गार्ड के लिए हाईस्कूल पास
- सुरक्षा सुपरवाइजर के लिए 12वीं पास
- सुरक्षा अधिकारी के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री आवश्यक है
पंजीकरण शुल्क और प्रशिक्षण
चयनित अभ्यर्थियों से पंजीकरण हेतु 350 रुपये शुल्क लिया जाएगा। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों को देहरादून स्थित एसआईएस ट्रेनिंग सेंटर में एक माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद उन्हें सुरक्षा कार्यों में स्थायी तैनाती दी जाएगी।
नौकरी की सुविधाएं
चयनित उम्मीदवारों को नौकरी के दौरान पीएफ, ईएसआई, बोनस, ग्रेच्युटी, इन्श्योरेंस, पेंशन और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, 65 वर्ष तक स्थायी नौकरी, सालाना वेतनवृद्धि, समय-समय पर पदोन्नति और राज्य सरकार के न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत वेतन का भुगतान किया जाएगा।
मौसम में बदलाव से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फविहीन माहौल, हेमकुंड साहिब में बर्फ नहीं…
by संवादाता
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चमोली: इस वर्ष नवंबर माह में मौसम में आए अप्रत्याशित बदलाव का असर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में साफ दिखाई दे रहा है। हेमकुंड साहिब जैसे अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में भी इस बार बर्फ का न होना एक चौंकाने वाली बात है। नवंबर के अंत तक यहां बर्फ नहीं पड़ी है, जो एक असामान्य घटना मानी जा रही है। गुरुद्वारे के सेवादार ने यह जानकारी दी कि हेमकुंड साहिब की चोटियों पर भी बर्फ का अभाव है, जो यहां के मौसम की स्थिति को लेकर सवाल खड़े कर रहा है।
गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया, “नवंबर समाप्त होने को है, लेकिन अब तक हेमकुंड साहिब में बर्फ नहीं आई है। कपाट बंद होने के दिन हल्की बर्फ गिरी थी, लेकिन उसके बाद से कोई बर्फबारी नहीं हुई है।
इसके अलावा, उत्तरकाशी जनपद के गंगोत्री धाम से लगी चोटियां भी अब तक बर्फ विहीन हैं। यमुनोत्री धाम के आसपास के क्षेत्र, सप्त ऋषि कुंड और बंदरपूंछ पर्वत पर भी केवल नाममात्र की बर्फ पाई जा रही है। अन्य प्रमुख पर्वत जैसे कालिंदी पर्वत, गरुड़ टाप, छोटा कैलाश, भीथाच, और बंगाणी क्षेत्र भी बर्फ से रहित हैं।
बदरीनाथ धाम के नीलकंठ, नर नारायण, माता मूर्ति मंदिर की शीर्ष चोटी और वसुधारा ट्रैक भी इस बार बर्फ विहीन हैं। इसके अलावा, रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ, तुंगनाथ, मदमहेश्वर, कालीशिला, हरियाली डांडा, टँगनी बुग्याल, बेदनी बुग्याल, पौड़ी और ग्वालदम के ऊपरी क्षेत्र में भी बर्फ नहीं है। यहां तक कि केदारनाथ से आठ किमी ऊपर स्थित वासुकीताल में भी इस समय बर्फ का कोई नामोनिशान नहीं है।
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह असामान्य तापमान और मौसम में बदलाव के कारण हो सकता है, जो आने वाले दिनों में पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए एक चुनौती बन सकता है।
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मुख्यमंत्री धामी ने चमोली में देवस्थलों की स्वच्छता को दी प्राथमिकता, पर्यटकों को अच्छा संदेश देने की अपील !
by संवादाता
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चमोली: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को विधानसभा परिसर भराड़ीसैंण में समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें उन्होंने चमोली जिले को स्वच्छ एवं आदर्श जनपद के रूप में विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जनपद चमोली को स्वच्छता के क्षेत्र में एक उदाहरण बनाना हम सभी का दायित्व है।
मुख्यमंत्री ने चमोली जनपद में स्थित बद्रीनाथ, हेमकुंड, गोपीनाथ और माणा जैसे प्रमुख देवस्थलों का जिक्र करते हुए कहा कि यह सभी स्थल न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यटकों के आकर्षण का भी केंद्र हैं। उन्होंने कहा, “इस सीमांत जनपद को स्वच्छ बनाना हम सब का नैतिक दायित्व है।”
सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद चमोली से बहने वाली सभी नदियों को स्वच्छ रखा जाए, साथ ही नदियों में जाने वाले कूड़े-करकट और गंदे नालों का ट्रीटमेंट किया जाए। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से गंगा और अन्य नदियों के लिए स्वच्छता के संकल्प को सभी अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में लागू करने की बात की।
उन्होंने कहा, “हमारे राज्य की नदियां, जो हमारे उदगम स्थल से लेकर पूरे उत्तराखंड में बहती हैं, स्वच्छ और निर्मल होकर बहें, इसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। इस कार्य को अपनी कार्य संस्कृति का हिस्सा बनाएं और जन जागरूकता अभियान चलाएं।”
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सरकारी गेस्टहाउसों और अन्य सरकारी स्थानों में स्वच्छता बनाए रखने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया, ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक देवभूमि से एक अच्छा संदेश लेकर जाएं।
मुख्यमंत्री ने बैठक में यह भी कहा कि उत्तराखंड राज्य के विकास में महिलाओं का बड़ा योगदान रहा है और राज्य के विकास कार्यों में महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने राज्य के जीएसडीपी में पहाड़ी राज्यों का योगदान बढ़ाने के लिए भी प्रयास करने की बात की।
सड़क निर्माण और अन्य योजनाओं की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माणदायी संस्थाओं को निर्देश दिए कि सड़कों को गड्ढा मुक्त और सुरक्षित बनाया जाए। उन्होंने पुलिस और परिवहन विभाग को वाहनों की नियमित जांच करने और अनफिट वाहनों को चलन से बाहर करने के निर्देश दिए, ताकि सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
कृषि, उद्यान, पशुपालन और अन्य संबंधित विभागों को किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी जरूरी दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने समग्र विकास की दिशा में अधिकारियों से और अधिक तत्परता से काम करने की अपील की।
चमोली में नवाचारी कार्य
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने मुख्यमंत्री को जनपद में चल रहे नवाचारी कार्यों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मैठाणा गांव को मॉडर्न विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है और आदिबद्री क्षेत्र के गांवों में मशरूम उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा, राइका भराडीसैंण को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है।
बैठक में आईजी गढ़वाल केएस नगनयाल, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, मुख्य विकास अधिकारी नंदन कुमार समेत अन्य जिले के अधिकारी भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने बैठक में एक साथ मिलकर विकास कार्यों को गति देने और स्वच्छता अभियान को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया, ताकि उत्तराखंड का हर क्षेत्र स्वच्छ और समृद्ध बन सके।
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फूलों की सुगंध में डूबा बद्रीनाथ धाम, दीपावली की तैयारियां जोरों पर, जानिए क्या रहेगा विशेष !
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बद्रीनाथ: हर साल की तरह, इस साल भी भगवान बद्री विशाल जी के धाम को दीपावली के पावन पर्व पर रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है, जिससे धाम की खूबसूरती में चार चांद लग गए हैं। इस पर्व को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, और हर साल दीपावली के अवसर पर हजारों तीर्थ यात्री भू बैकुंठ नगरी बद्रीनाथ धाम में पहुंचते हैं।
इस दिन विशेष पूजा अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है। बामणी गांव के निवासी रामनारायण भंडारी ने बताया कि दीपावली के महापर्व पर धाम को सजाने की तैयारियां दो दिन पहले से ही शुरू होती हैं। इस समय बद्रीपुरी में चारों ओर फूलों की सुगंध फैल चुकी है, जो माहौल को और भी आध्यात्मिक बना देती है।
इस वर्ष, बद्रीनाथ धाम में हर दिन 10,000 से अधिक तीर्थ यात्री भगवान बद्री विशाल जी के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। अभी भी बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री धाम में मौजूद हैं, जो इस दिव्य अनुभव का हिस्सा बन रहे हैं।
दीपावली का पर्व केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि यह श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक भी है। जैसे-जैसे पर्व नजदीक आ रहा है, धाम की रौनक और भी बढ़ती जा रही है, जिससे भक्तों में विशेष खुशी और उल्लास देखने को मिल रहा है। इस प्रकार, भगवान बद्री विशाल जी का धाम इस पर्व पर विशेष रूप से सजाया गया है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा।
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