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उत्तराखंड की शांति पर खतरा: रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर, सुरक्षा बलों की तत्परता ने बचाया दिन !

देहरादून: उत्तराखंड में दीपावली से पहले एक बड़ी घटना की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। हरिद्वार से देहरादून जाने वाले रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर (Detonator On Railway Track) मिलने से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। यह घटना मोतीचूर रेलवे स्टेशन के पास हुई, जहां डेटोनेटर मिलने की सूचना मिलते ही रेलवे कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए एक बड़ी घटना को टाल दिया।
ट्रेन को नुकसान पहुंचाने की साजिश
माना जा रहा है कि त्योहारी सीजन में ट्रेन को नुकसान पहुंचाने की यह साजिश रची गई थी। रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर मिलने के बाद स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के रामपुर के रहने वाले एक युवक को हिरासत में लिया है, जो संदिग्ध हालत में रेलवे ट्रैक के पास पाया गया।
युवक की गिरफ्तारी और पूछताछ
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जब डेटोनेटर की जानकारी मिली, तो आनन-फानन में स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने कार्रवाई की। सीसीटीवी फुटेज में एक युवक रेलवे ट्रैक पर संदिग्ध रूप से घूमते हुए देखा गया, जिसके बाद उसे तुरंत हिरासत में लिया गया। युवक की पहचान अशोक के रूप में हुई है, और पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है।
डेटोनेटर क्या होता है?
डेटोनेटर एक प्रकार का विस्फोटक होता है, जो पटाखों की तरह तेज आवाज करते हैं। आमतौर पर, रेलवे सर्दियों में कोहरे के समय पर डेटोनेटर का इस्तेमाल करता है ताकि इमरजेंसी में ट्रेन को रोका जा सके। यह छोटे बटन की तरह होते हैं और जब ट्रेन उन पर गुजरती है, तो विस्फोट होता है। हालांकि, कुछ शरारती तत्व इनका इस्तेमाल ट्रेन को निशाना बनाने के लिए भी कर सकते हैं।
इस घटना ने उत्तराखंड में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है, और पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
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उत्तराखंड में फिर सामने आया कोरोड़ों का घोटाला !, मामले की जांच हुई शुरू

उत्तराखंड में एक बार फिर से बड़ा घोटाला सामने आया है। नैनीताल के रुसी गांव के पास बने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट कार्य में 110 करोड़ की योजना का घोटाला सामने आया है। स्थानीय लोगों के मामला उठाने के बाद इस मामले में जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
उत्तराखंड में फिर सामने आया कोरोड़ों का घोटाला
नैनीताल की सीवेज परेशानियों को कम करने के लिए बनाई गई 110 करोड़ की योजना में घोटाले की खबर सामने आ रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि चौड़ा पाइप लगाने की जगह उसे अंदर से लेयर लगाकर और भी पतला कर दिया गया। इतना ही नहीं ट्रीटमेंट प्लांट भी उस जगह बनाया गया जहां भूस्खलन की समस्या है। जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक कमेटी बनाकर इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में स्थानीय लोगों ने लगाए बड़े आरोप
मिली जानकारी के मुताबिक 4 साल पहले नैनीताल की मॉलरोड से लेकर रूसी गांव की एस.टी.पी.प्लांट तक उत्तराखण्ड इंटीग्रेटेड एंड रेजीलियेन्ट शहरी विकास परियोजना(UIRUDP)के अंतर्गत काम हुआ। इसमें दो साल पहले मल्लीताल के रिक्शा स्टैंड से मॉलरोड और हल्द्वानी रोड होते हुए रूसी बाईपास के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट(STP) तक पाइपों के माध्यम से सीवर पहुंचाना था। इसका कॉन्ट्रैक्ट तिरुपति सीमेंट प्रोडक्ट्स को ₹96.15करोड़ में दिया गया था। जिसकी लागत 110करोड़ रूपए तक पहुंच गई। ये प्रोजेक्ट नवंबर 2021 से शुरू होकर मई 2025 तक पूरा होना था। इसे सीवेज का डेवलपमेंट, एस.टी.पी., ट्रंक सीवर, अलाइड और 5 सालों तक ऑपरेशन और मैन्टेनेंस के लिए दिया गया था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि एसटीपी की क्षमता बढ़कर 17.50 एमएलडी हो जानी थी। इससे पहले साल 1982 में 10 हजार की आबादी को देखते हुए 600 एम.एम.व्यास(डायामीटर) वाली आर.सी.सी.(सीमेंट) की सीवर पाइप लाइन डाली गई थी। बताया गया है कि विभाग ने 2022 और 2023 में दो से 5 लाख की आबादी को देखते हुए 900एम.एम.डाया वाले डी.आई.(मैटल)पाइप डालने के लिए टेंडर निकाले। ठेकेदार ने लगभग ₹110 करोड़ के टेंडर में पुरानी पाइप लाइन को ही अंदर से रिपेयर कर इतिश्री कर दी।
जिलाधिकारी ने दिए मामले की जांच के आदेश
लोगों ने आरोप लगाए हैं कि सीवर पाइप का डायामीटर बढ़ने के बजाए दो सेंटीमीटर ‘इंटरनली कम’ हो गया। फलस्वरूप मॉलरोड में सीवर का ओवरफ्लो और ढक्कन उठना जारी रहा। पहले इसमें 600 एम.एम.डाया वाली आर.सी.सी.सीवर पाइप डाली गई थी। जबकी वर्तमान के ठेकेदार को अग्रीमेंट के मुताबिक इसकी जगह 900 एम.एम.डाया वाली डी.आई. (मैटल) पाइप डालनी थी। लेकिन अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर ठेकेदार ने सभी को ठग दिया। एस.टी.पी.प्लांट भी सत्तर प्रतिशत बनने के बाद भवन के आगे भारी भूस्खलन हो गया और उसका काम रुक गया। प्रशासन अब प्लांट लगाने के लिए दूसरे स्थान की तलाश कर रहा है। ग्रामीणों समेत नैनीताल शहरवासी अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। लोग अब इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। जिलाधिकारी के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने इस प्रोजेक्ट की जांच के आदेश दे दिए हैं।
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधान-मंत्री शेख हसीना को सजा-ए -मौत, भारत से हसीना को वापिस सौंपने कि मांग

ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधान-मंत्री शेख हसीना और गृह मंत्री असदुज्जमां खान अगस्त 2024 में भड़के दंगों के बीच किसी तरह से भारत आ गये थे। तब से अभी तक वो दिल्ली स्थित किसी जगह पर गुप्त रूप से शरण लेकर रह रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने दोनों को बांग्लादेश में जुलाई में हुए नरसंहार के लिए मानवता के खिलाफ अपराध में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है। बांग्लादेश सरकार ने बाकायदा पत्र लिख कर भारत सरकार को दोनों आरोपियों को वापस सौंपने के लिए कहा है।
ICT ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधान-मंत्री शेख हसीना को दी सजा-ए -मौत
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पहले ही शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया था। और अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था। महीनो तक चले मुक़दमे में अब शेख हसीना समेत पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान को भी सजा-ए-मौत का फरमान जारी किया गया है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को औपचारिक रूप से भारत से अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि का हवाला देकर तुरंत वापिस सौंपने की मांग की है। जिसमें आगे कहा गया किअगर भारत ऐसा नाहीओं करता है तो ये अत्यंत शत्रुतापूर्ण व्यवहार होगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने क्या कहा पूरे मामले पर
भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा शेख हसीना को लेकर बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया कि – करीबी पडोसी देश होने के नाते हम बांग्लादेश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और राजनीतिक स्थिरता सहित वहां के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान में शेख हसीना के प्रत्यर्पण की बांग्लादेश की मांग का सीधे तौर पर कोई भी जिक्र नहीं किया गया।
क्या है भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि
भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि (Extradition Treaty) पर 28 जनवरी 2013 को ढाका में दोनों देशों की सरकारों ने हस्ताक्षर किया था। यह संधि दोनों देशों के बीच साझा सीमाओं पर उग्रवाद, आतंकवाद और आपराधिक गतिविधियों से निपटने के उद्देश्य से बनाई गई थी। संधि 23 अक्टूबर 2013 से प्रभावी हुई और 2016 में इसमें संशोधन करके प्रत्यर्पण प्रक्रिया को सरल बनाया गया। संधि में कुल 13 अनुच्छेद हैं, जो अपराधियों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया, अपवाद और केंद्रीय प्राधिकारों को परिभाषित करते हैं।
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गणेश गोदियाल आज ग्रहण करेंगे पदभार, कई वरिष्ठ नेता रहेंगे मौजूद

कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल आज रविवार को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में पदभार संभालेंंगे। इस दौरान कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
गणेश गोदियाल आज ग्रहण करेंगे पदभार
कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष आज पदभार ग्रहण करेंगे। बीते दिन गणेश गोदियाल ने दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। इस दौरान संगठनात्मक और राज्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। खड़गे से मुलाकात के बाद आज वो पदभार ग्रहण करेंगे।
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