देहरादून: मंगलवार से प्रदेश सरकार का नया वित्तीय वर्ष 2025-26 शुरू हो गया है। इस अवसर पर वित्त विभाग ने सभी प्रशासनिक विभागों के लिए बजट आय और व्यय के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इस वर्ष के बजट में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें कैंपा (कैम्पा) धनराशि का उपयोग केंद्र पोषित योजनाओं के समान किया जाएगा। यह निर्णय उच्च अधिकार प्राप्त समिति की बैठक में लिया गया था, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव ने की थी।
वित्त विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में पूंजीगत परिव्यय में से स्वीकृत धनराशि का 80 प्रतिशत चालू योजनाओं पर खर्च होगा। नई योजनाओं पर केवल 20 प्रतिशत धनराशि खर्च की जा सकेगी। विभाग ने इस साल किफायत बरतने के निर्देश दिए हैं और सभी विभागों से अपेक्षा की है कि वे बजट के दायरे में रहकर कार्य करें।
एक करोड़ रुपये से अधिक के नए कार्यों की स्वीकृति वित्त विभाग तभी देगा, जब संबंधित कार्य पर गति शक्ति पोर्टल से जनरेटेड यूनिक आईडी का उल्लेख होगा। विभाग ने यह कदम प्रक्रिया को पारदर्शी और सुनिश्चित करने के लिए उठाया है कि बड़े कामों के लिए समयबद्ध तरीके से योजना बनाई जाए।
वित्त विभाग ने यह भी कहा कि पूंजीगत कार्यों के लिए नई वित्तीय स्वीकृति अंतिम तिमाही में नहीं दी जाएगी। विभागाध्यक्ष और संबंधित वित्त व्यय नियंत्रण विभाग को इस विषय में जवाबदेह बनाया गया है। साथ ही, विभाग ने प्रतीक धनराशि (टोकन राशि) के आधार पर योजनाओं की स्वीकृति को उचित नहीं माना है, क्योंकि इससे कार्यों में देरी और बजट में अतिरिक्त खर्च हो सकता है।
वित्त विभाग ने सभी विभागों से राज्य आकस्मिता निधि से निकाली गई धनराशि की प्रतिपूर्ति करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, ऐसे पूंजीगत कार्य जिनमें राज्य सेक्टर से दो करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आने की संभावना हो, उन्हें एसएएसीआई (State-level Annual Capital Investment Committee) के तहत अनिवार्य रूप से प्रस्तावित करने को कहा गया है।
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