Uttarakhand
आज रात तक सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने की उम्मीद, देश की टॉप एजेंसिया कर रही रेस्क्यू

उत्तरकाशी – दिवाली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। रेस्क्यू का आज 11वां दिन है।

रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने की उम्मीद
सिलक्यारा सुरंग में ऑगर मशीन से 39 मीटर तक ड्रिलिंग हो चुकी है। कुल 57 से 60 मीटर तक ड्रिलिंग होनी है। अधिकारियों का कहना है कि सब कुछ ठीक रहा तो आज रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने की उम्मीद है।
भारत सरकार के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने कहा कि सुरंग में ड्रिलिंग का काम तेजी से चल रहा है। मैं अगले 15 घंटे में श्रमिकों से रूबरू होना चाहता हूं। उम्मीद है ऐसा हो जाएगा।
श्रमिकों से दोबारा की गई बात
माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि अभियान सफलता की ओर बढ़ रहा है। सुबह टेलिस्कोपिक कैमरा के माध्यम से उन्हें देखा गया और बात की गई। भोजन सामग्री भेजी गई है। जल्द ही अच्छी खबर मिलेगी।
श्रमिकों को भेजे जरूरी कपड़े व दवाई
सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि कुछ मजदूरों को पेट में खराबी व दर्द की शिकायत थी, जिसके लिए दवाई भेजी गई है। साथ ही मजदूरों को कुछ जरूरी कपड़े, ब्रश, पेस्ट भी भेजे गए हैं।
श्रमिकों से माइक्रोफोन से की बात
मजदूरों से बात करने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने ऑडियो कम्युनिकेशन शुरू किया है। भीतर माइक्रोफोन और स्पीकर भेज दिया गया है।
Pauri
CM धामी ने पौड़ी में किया 102 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को राजकीय इंटर कॉलेज रिखणीखाल, पौड़ी गढ़वाल में आयोजित शहीद स्मरण समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुल 102.82 करोड़ रुपये की लागत से 11 विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें 56.58 करोड़ रुपये की लागत की 06 योजनाओं का लोकार्पण तथा 46.24 करोड़ रुपये की लागत की 05 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजकीय इंटर कॉलेज रिखणीखाल का नाम गुणानंद के नाम पर रखने, विकासखंड रिखणीखाल में दलमोटा से बल्ली तक का मिलान कार्य करने, विकास खण्ड रिखणीखाल में प्रेक्षागृह का निर्माण करने, विकास खण्ड रिखणीखाल में लो०नि०वि० अतिथि गृह व हैलीपैड निर्माण कार्य, विकास खण्ड जयहरीखाल में न्याय पंचायत मेरूड़ा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना, विकास खण्ड रिखणीखाल के मंदाल नदी से नौदानू में पम्पिंग योजना निर्माण, विकास खण्ड जयहरीखाल में पशु सेवा केन्द्र सिलवाड़, जयहरीखाल पशु चिकित्सालय का उच्चीकरण एवं पशु सेवा केन्द्र ढौंटियाल पशुधन प्रसार अधिकारी पद सहित ग्राम सत्तीचौड़ में स्थापना करने, विधान सभा लैन्सडौन के अन्तर्गत विकास खण्ड रिखणीखाल में मन्दाल नदी पर बाढ सुरक्षा कार्य, विकास खण्ड रिखणीखाल में चौलूडांडा पम्पिंग योजना निर्माण, विकास खण्ड नैनीडांडा के भौन में पम्पिंग योजना का निर्माण, विकास खण्ड नैनीडांडा के अन्तर्गत दिगोलीखाल पम्पिंग योजना का निर्माण, विकासखंड द्वारीखाल में सिमडी कंडली मोटर मार्ग के प्रथम बैंड से सेरा फरसैंगाल तक मोटर मार्ग का निर्माण, विकासखंड रिखणीखाल में कठवाडा खनसुली खनेताखाल मोटर मार्ग से ढाबखाल बुलेखा मोटर मार्ग तक मिलान कार्य, विकास खण्ड रिखणीखाल में लेकुल नाड़ मज्याड़ी मोटरमार्ग का निर्माण कार्य, रिखणीखाल कोटडीसैंण के समीप ग्राम पैयागड़ी रजवी मल्ला विटे मोटर मार्ग का निर्माण, विकासखण्ड रिखणीखाल में किल्यौखाल से सुन्द्रोली तक मोटर मार्ग का निर्माण कार्य, विकास खण्ड रिखणीखाल में नावे तल्ली में भाग दो का कार्य, देवियोखाल बाजार से मैवणी तक सम्पर्क मार्ग का चौड़ीकरण एवं सुधार कार्य, विकासखंड रिखणीखाल के अंतर्गत पाणीसैंण डबराड़ बूथानगर मोटर मार्ग का निर्माण, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रिखणीखाल में डॉक्टरों नियुक्ति तथा विकासखंड रिखणीखाल के अंतर्गत अमर शहीदों के नाम पर स्थानीय मोटर मार्गों के नाम करने की घोषणाएं की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभागीय स्टॉलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने स्टॉल में जाकर ओखली में धान की कुटाई की साथ ही सिलबट्टे पर चटनी पीसने और मट्ठा बिलोने की गतिविधियों में सहभागिता की। उन्होंने स्थानीय उत्पादों की जानकारी ली और कहा कि आज देश-दुनिया में पहाड़ी उत्पादों की मांग निरंतर बढ़ रही है। उन्होंने स्थानीय लोगों से स्वरोजगार अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम से पहले, मुख्यमंत्री ने आर्मी बैंड का अवलोकन किया और मधुर धुन प्रस्तुत करने के लिए बैंड के सदस्यों का उत्साहवर्धन किया। तत्पश्चात मुख्यमंत्री सहित उपस्थित जनसमूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मन की बात कार्यक्रम को सुना। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अवसर केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सभी शहीदों को सामूहिक श्रद्धांजलि देने का क्षण है। उत्तराखंड के वीर सैनिकों ने सदैव भारत माता को गर्वित किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लगभग हर घर का कोई न कोई सदस्य सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़ा है। राज्य सरकार सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को रूपए 10 लाख से बढ़ाकर रुपए 50 लाख कर दिया गया है। साथ ही परमवीर चक्र तथा अन्य पुरस्कार विजेताओं की पुरस्कार राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की गयी है। उन्होंने कहा कि शहीदों के अंतिम संस्कार हेतु 10 हजार की सहायता राशि दी जा रही है। सैनिकों को भूमि खरीद पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी के रूप में 25 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। शहीदों के परिजनों को सरकारी सेवा में संयोजन के तहत 28 परिजनों को नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है तथा 13 मामलों की प्रक्रिया प्रचलित है। पूर्व में नौकरी के लिए आवेदन हेतु 02 वर्ष का समय सीमा थी, जिसे बढ़ाकर 05 वर्ष कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वन रैंक वन पेंशन, आधुनिक उपकरण, जैकेट व जूते जैसी सुविधाएँ सैनिकों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून में बन रहे भव्य सैन्य धाम का शीघ्र ही लोकार्पण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पौड़ी जनपद में हो रहे विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि कंडोलिया में 100 मीटर ऊंचा झंडा व पूर्व सीडीएस बिपिन रावत पार्क का निर्माण हो चुका है तथा पौराणिक चारधाम पैदल मार्ग पुनः संचालन, ट्राइडेंट पार्क, पूर्व कलेक्ट्रेट भवन का हेरिटेज निर्माण, सतपुली झील निर्माण तथा धारी देवी पैदल मार्ग पुनः निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार क्षेत्रवाद और जातिवाद से ऊपर उठकर विकास के लिए कार्य कर रही है। सरकार ने दंगा विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता (यूसीसी), ऑपरेशन कालनेमि और नकल विरोधी कानून जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, जिससे राज्य में सुशासन की स्थापना हो रही है।

विधायक महंत दिलीप रावत ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि देहरादून में बन रहे भव्य सैन्य धाम से राज्य का गौरव बढ़ा है। शहीदों के आंगन की पावन मिट्टी सैन्य धाम के लिए ले जाने हेतु उन्होंने मुख्यमंत्री को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा नकल विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने एवं रोजगार सृजन के क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि रिखणीखाल जैसी वीर भूमि से हमें सदैव प्रेरणा मिलती है। उन्होंने शहीदों, वीर नारियों, गौरव सेनानियों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों का हार्दिक अभिनंदन किया।
कार्यक्रम में एडम बटालियन कमांडर कर्नल मंजुल कफल्टिया ने कहा कि भारतीय सेना सदैव शहीदों के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने अपील की कि किसी भी समस्या के समाधान हेतु परिजन गढ़वाल राइफल्स केंद्र, लैंसडाउन से संपर्क कर सकते हैं।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष गौ सेवा आयोग पं. राजेंद्र अण्थवाल, जिला पंचायत सदस्य अनूप पटवाल, ब्लॉक प्रमुख रिखणीखाल रेणु रावत, प्रमुख जयहरीखाल रणवीर सजवाण, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
Dehradun
उत्तराखंड: चेन स्नेचिंग का आरोपी गिरफ्तार, सोशल मीडिया रील देखकर बनाई थी योजना

देहरादून: देहरादून पुलिस ने बल्लूपुर के पास से 22 वर्षीय शिवम को गिरफ्तार किया है…जिसने पटेल नगर में दुपट्टा मार्केट के पास एक महिला की सोने की चेन झपटने की वारदात को अंजाम दिया था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि अपने ऊपर चढ़े उधार की भरपाई के लिए उसने यह घटना की योजना बनाई।
पुलिस के अनुसार आरोपी ने सोशल मीडिया पर चेन स्नेचिंग की रील देखकर ही वारदात की तैयारी की। घटना के दौरान उसने अपनी मोटरसाइकिल की नम्बर प्लेट हटा दी और पहचान छिपाने के लिए हेलमेट भी नहीं उतारा।
कोतवाली पटेल नगर प्रभारी चंद्रभान अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने छीनी गई चेन को बेचने की कोशिश की, लेकिन बिल न होने के कारण असफल रहा। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर की सूचना के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया और बरामद चेन उसके घर से जब्त कर ली।
Dehradun
दिसंबर से उत्तराखंड में बाहरी वाहनों से वसूला जाएगा ग्रीन टैक्स

देहरादून: उत्तराखंड सरकार दिसंबर से राज्य में आने वाले बाहरी राज्यों के वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूलने जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद राज्य में प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देना है।
राज्य के अतिरिक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि राज्य की सीमाओं पर लगे स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे वाहनों के पंजीकरण नंबर रिकॉर्ड करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले सीमाओं पर 16 कैमरे लगे थे, जिन्हें अब बढ़ाकर 37 कर दिया गया है।
सिंह ने बताया कि परिवहन विभाग ने ग्रीन टैक्स वसूली के लिए एक विक्रेता कंपनी नियुक्त की है। कैमरों द्वारा रिकॉर्ड किए गए डेटा को सॉफ्टवेयर के जरिए इस कंपनी को भेजा जाएगा। कंपनी, उत्तराखंड में पंजीकृत सरकारी और दोपहिया वाहनों को अलग करके, एनपीसीआई के डेटाबेस में वाहन मालिक के वॉलेट नंबर खोजेगी और टैक्स राशि स्वचालित रूप से वाहन मालिक के खाते से कटकर परिवहन विभाग के खाते में जमा कर दी जाएगी।
विभिन्न वाहनों के लिए टैक्स दरें इस प्रकार तय की गई हैं:
छोटे वाहन: ₹80
छोटे मालवाहक वाहन: ₹250
बस: ₹140
ट्रक: ₹120 से ₹700 (वजन के आधार पर)
परिवहन विभाग का कहना है कि इस प्रणाली से ग्रीन टैक्स वसूली सरल, पारदर्शी और प्रभावी होगी।
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