Dehradun
मानसून सीजन में बंद रहेगे बाढ़ वाले क्षेत्र में संचालित कोचिंग संस्थान, सुरक्षा के चलते डीएम सोनिका ने लिया निर्णय।

देहरादून – राजधानी में जलभराव और बाढ़ वाले क्षेत्र में संचालित कोचिंग संस्थान मानसून काल में बंद किए जाएंगे। डीएम सोनिका ने सुरक्षा के चलते यह निर्णय लिया है। साथ ही एमडीडीए, पुलिस, नगर निगम, फायर सहित संबंधित विभागों को ऐसे कोचिंग संस्थानों को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोचिंग संस्थानों का सत्यापन कर सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
दिल्ली कोचिंग हादसे में तीन छात्रों की मौत के बाद देहरादून जिला प्रशासन ने कोचिंग संस्थानों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। हाल ही में शहरी आवास विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कोचिंग संस्थानों के मानकों की जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने सतर्कता के सभी उपाय करने के लिए भी कहा था।
इसके पालन में डीएम सोनिका ने बृहस्पतिवार को सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक की। डीएम ने संबंधित विभागों को निर्देश देकर कहा है कि मानसून काल में कोचिंग संस्थानों को लेकर किसी प्रकार का जोखिम नहीं लिया जाए। बेसमेंट में संचालित कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करें। जलभराव या बाढ़ वाले क्षेत्रों में संचालित ऐसे कोचिंग संस्थानों को मानसून काल के लिए बंद करा दिया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि बेंसमेंट में किसी भी कोचिंग का संचालन नहीं होने दिया जाएगा। अपर जिलाधिकारी प्रशासन को मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए। कहा कि मानसून एवं अतिवृष्टि में कोचिंग संस्थानों में कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए सुरक्षा इंतजामों की पूर्ण समीक्षा की जाए। शहर क्षेत्र में सिटी मजिस्ट्रेट व तहसील क्षेत्रों में सभी उप जिलाधिकारी कोचिंग सेंटर्स का निरीक्षण कर शासन की ओर से दिए गए, बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट भेजेंगे।
डीएम ने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य कर भवन मानक एवं अन्य इंतजामों का परीक्षण कर लें। उन्होंने शिक्षा विभाग को कोचिंग संस्थानों की सूची भेजने के निर्देश दिए। शासन की ओर से जिला स्तर पर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। इसमें नगर आयुक्त, जिलाधिकारी की ओर से नामित अधिकारी, जिला अग्निशमन अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की ओर से नामित अधिकारी सदस्य बनाए गए हैं।
इन बिंदुओं पर होगी जांच
कोचिंग संस्थानों में निबंधन की स्थिति
सुरक्षा मानकों का कितना हो रहा पालन
भवन निर्माण व विकास उपविधि का कितना पालन
फायर एक्जिट व्यवस्था
कोचिंग संस्थानों में प्रवेश एवं निकास के इंतजाम
आकस्मिक स्थिति से निपटने के उपाय
काेचिंग संचालक के पास सभी एनओसी-प्रमाणपत्र हैं या नहीं
आग से बचाव के पूरे इंतजाम होना जरूरी
विद्युत सुरक्षा के उपाय करना आवश्यक
इलेक्ट्रिक सेफ्टी विभाग से प्रमाणपत्र अनिवार्य
बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटर्स होंगे चिह्नित
डीएम सोनिका ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 22 के तहत जारी आदेश के मुताबिक यह जांच की जाएगी कि बेसमेंट में कोचिंग क्लास तो संचालित नहीं हो रही हैं। ऐसा पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
इन क्षेत्रों में होता जलभराव – बलवीर रोड, इंदर रोड, आनंद विहार, मोहित नगर, रीठामंडी, प्रकाश विहार, साकेत कॉलोनी, राजीव नगर, करनपुर रोड, इंदिरा कॉलोनी, सालावाला रोड, यमुना कॉलोनी, त्यागी रोड, रेसकोर्स रोड, अधोईवाला, कारगी, मयूर विहार, कामद्रोणपुरी, अलकनंदा एनक्लेव, ब्रह्मपुरी, चमनपुरी, अमन विहार, पार्क रोड, कौलागढ़ रोड, कैनाल रोड, इंजीनियर्स एन्क्लेव, इंदिरा गांधी मार्ग, वनस्थली, व्योमप्रस्थ, राजीव नगर, केशव विहार, कालीदास रोड, लक्ष्मी रोड, गांधी रोड, गोविंदगढ़, महारानीबाग आदि क्षेत्रों में जलभराव की समस्या रहती है।
Dehradun
सीएम धामी का पूर्व सैनिकों संग संवाद, 2047 के उत्तराखंड के लिए मांगे सुझाव

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी देहरादून में आयोजित ‘विकसित उत्तराखंड @2047 सामूहिक संवाद’ कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों के साथ संवाद किया। यह आयोजन प्रदेश के भावी विकास के रोडमैप के तहत पूर्व सैनिकों के अनुभव और सुझावों को शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों का सदैव सम्मान देने की भावना दोहराते हुए कहा कि वे स्वयं एक सैनिक पुत्र हैं और सैनिकों का जीवन, अनुशासन और राष्ट्र के प्रति समर्पण उन्होंने घर से ही सीखा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे सैन्य परंपरा वाले राज्य के विकास में पूर्व सैनिकों की भागीदारी अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सैनिकों और उनके परिजनों के हित में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। इसमें अनुग्रह राशि में अभूतपूर्व वृद्धि सहित कई योजनाएं शामिल हैं, जिनसे राज्य के हजारों सैनिक परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों की पेंशन, पुनर्वास, स्वास्थ्य सेवाओं और बच्चों की शिक्षा को लेकर लगातार नीति आधारित निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे उनका जीवन अधिक सुरक्षित और सम्मानजनक बन सके।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पूर्व सैनिकों से सीधा संवाद किया और उनके विचारों को गंभीरता से सुना। उन्होंने कहा कि ‘विकसित उत्तराखंड @2047’ एक ऐसा साझा सपना है, जिसमें हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है, और सैनिकों की दृष्टि से प्राप्त सुझाव राज्य की नीतियों को और अधिक मजबूत आधार देंगे।
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड 2047 तक एक सशक्त, आत्मनिर्भर और आधुनिक राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। इसके लिए सरकार हर स्तर पर संवाद स्थापित कर रही है…युवाओं से लेकर पूर्व सैनिकों तक।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में शिक्षाविद् व चिन्तक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शिक्षाविद्, चिन्तक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी एक कुशल राजनीतिज्ञ, विद्वान और स्पष्टवादी नेता थे। राष्ट्र निर्माण में उनका अमूल्य योगदान अविस्मरणीय है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार हमें सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
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अब बिना रजिस्ट्रेशन मसूरी में नहीं मिल पाएगी एंट्री, सरकार का नया नियम लागू

मसूरी (उत्तराखंड): अगर आप इस सीजन में मसूरी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो अब आपको एक जरूरी सरकारी प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा। उत्तराखंड सरकार ने मसूरी के लिए टूरिस्ट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू कर दिया है…जिसके तहत यहां आने वाले हर पर्यटक को अपनी जानकारी पहले से पोर्टल पर दर्ज करानी होगी।
यह फैसला पर्यटन सीजन में होने वाले भारी ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था से निपटने के लिए लिया गया है। हर वीकेंड पर मसूरी में लगने वाला जाम न केवल पर्यटकों…बल्कि स्थानीय प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती बनता रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) ने यह कदम उठाया है।
सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल पर पर्यटकों को अपना नाम, मोबाइल नंबर, वाहन संख्या, पता, और मसूरी में कितने दिन रुकना है इसकी जानकारी देनी होगी। इससे प्रशासन को पता रहेगा कि शहर में एक समय में कितने पर्यटक मौजूद हैं…और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद कैसे की जा सकती है।
वीकेंड और छुट्टियों पर भारी ट्रैफिक की वजह से स्थानीय लोगों और टूरिस्टों को भारी परेशानी होती है। किसी आपात स्थिति…जैसे मौसम बिगड़ना या रास्ते बंद होना में टूरिस्टों का डेटा प्रशासन को मदद पहुंचाने में मदद करेगा। पर्यटन का अनुभव बेहतर हो सके, इसके लिए यह कदम जरूरी माना जा रहा है। स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही इस फैसले को सरकार की एक सकारात्मक पहल मान रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद किसी को रोकना नहीं बल्कि व्यवस्था को बेहतर बनाना है। हालांकि यह रजिस्ट्रेशन सिस्टम अभी सिर्फ मसूरी में शुरू हुआ है…लेकिन जिस तरह की भीड़ ऋषिकेश, नैनीताल और अन्य हिल स्टेशनों पर देखने को मिलती है आने वाले समय में वहां भी ऐसी व्यवस्था लागू की जा सकती है।
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