Rishikesh
कोसों दूर एंबुलेंस, और जंगल में बिखरी उम्मीद—महिला ने आधे रास्ते में ही बच्चे को दिया जन्म !

ऋषिकेश: सड़क की सुविधा न होने के कारण नरेंद्रनगर ब्लॉक के नौडू गांव की एक महिला को जंगल में प्रसव का सामना करना पड़ा। महिला को अस्पताल ले जाने के लिए गांव की महिलाएं उसे करीब 12 किलोमीटर दूर सड़क तक ले जाने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन रास्ते में ही महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और वह जंगल में ही बच्चे को जन्म दे बैठी। हालांकि, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
ग्राम प्रधान सीमा देवी ने बताया कि घटना बृहस्पतिवार सुबह की है, जब नीलम भंडारी (28) को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। नीलम के परिजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस को कॉल किया, लेकिन सड़क तक एंबुलेंस की पहुंच न होने के कारण यह काटल चौक पर खड़ी रही। इसके बाद, गांव की महिलाएं नीलम को पल्ली में लेटाकर सड़क तक पहुंचाने के लिए यात्रा शुरू कर दीं। रास्ते में करीब 5 किलोमीटर दूर लंबधार के पास महिला को तीव्र प्रसव पीड़ा हुई और वहीं जंगल में उसने बच्चे को जन्म दे दिया।
ग्राम प्रधान सीमा देवी ने बताया कि नीलम का यह चौथा बच्चा है और उसके पति गजेंद्र भंडारी पंजाब में एक होटल में काम करते हैं। महिला और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, लेकिन यह घटना स्थानीय ग्रामीणों की रोजमर्रा की समस्याओं को उजागर करती है, खासकर गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों के लिए।
सड़क की सुविधा न होने से एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती
नौडू गांव में करीब 45 परिवार रहते हैं। गांव तक सड़क मार्ग की कोई सुविधा नहीं होने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं समय पर नहीं मिल पातीं। काटल चौक तक सड़क निर्माण की सुविधा है, लेकिन नौडू गांव तक सड़क की दूरी करीब 12 किमी है। 2021-22 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गांव में सड़क निर्माण की घोषणा की थी, और वर्ष 2023 में लोक निर्माण विभाग नरेंद्रनगर की ओर से सड़क का सर्वे भी शुरू हुआ था। हालांकि, अब तक यह काम सिर्फ सर्वे तक ही सीमित है और निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।
स्थानीय निवासी सुरेंद्र भंडारी, ओमकार सिंह, सूरत सिंह, प्यार सिंह, कमल सिंह और प्रेम सिंह ने बताया कि यदि गांव तक सड़क सुविधा होती तो महिलाओं को प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र जाने में आसानी होती, और ऐसी घटनाएं नहीं होतीं। उन्होंने शासन-प्रशासन की उदासीनता पर नाराजगी जताई और कहा कि ग्रामीणों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
लोक निर्माण विभाग का बयान
लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) नरेंद्रनगर के अधिशासी अभियंता विजय कुमार मोगा ने कहा कि काटल से नौडू गांव तक सड़क के निर्माण के लिए सर्वे कार्य किया गया है, लेकिन सड़क निर्माण की प्रक्रिया वन भूमि से संबंधित होने के कारण अटकी हुई है। उन्होंने बताया कि अगस्त 2024 में इस मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। यदि वन विभाग से अनुमति मिल जाती है, तो सड़क निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है और यदि समय रहते सड़क निर्माण कार्य पूरा हो जाता तो इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता था। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि गांव तक सड़क पहुंचाई जाए ताकि स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य सुविधाएं ग्रामीणों तक समय पर पहुंच सकें।
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Rishikesh
निर्माणाधीन बजरंग सेतु से गंगा में गिरा युवक, SDRF की तलाश जारी

ऋषिकेश: ऋषिकेश के प्रतिष्ठित लक्ष्मण झूला क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। निर्माणाधीन बजरंग सेतु (कांच का पुल) से एक युवक गुरुवार देर रात गंगा में गिर गया। युवक अपने दो दोस्तों के साथ दिल्ली से घूमने आया था, और घटना के वक्त पुल पर चढ़ा हुआ था। हादसे के बाद से युवक का कोई सुराग नहीं मिला है। एसडीआरएफ की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवक पुल के उस हिस्से पर चला गया था जहां शीशे का काम अधूरा था…और वहीं से फिसलकर नीचे गिर गया। हादसे के बाद स्थानीय लोग और पुल निर्माण में लगे मजदूर भी सकते में हैं।
चेतावनियों के बावजूद रुका नहीं आवागमन
हालांकि प्रशासन और निर्माण एजेंसी द्वारा बार-बार चेतावनी और रोक-टोक की जा रही थी…लेकिन इसके बावजूद पर्यटक लगातार निर्माणाधीन पुल पर चढ़ते रहे। कोई सेल्फी लेता मिला, कोई टहलता, तो कोई वीडियो बनाते हुए देखा गया।
मजदूरों ने बताया कि पर्यटकों की भीड़ के कारण पुल का कार्य बार-बार बाधित हो रहा था। कई बार पर्यटक रोकने पर विवाद करते थे, और कुछ तो वीआईपी बताकर अधिकारियों से शिकायत की धमकी तक देते थे। यहां तक कि दशहरे के दिन भीड़ ने बंद किए गए हिस्से के टीन शेड तक तोड़ डाले थे। प्रशासन की ओर से कोई सख़्त कदम न उठाए जाने के चलते पुल अव्यवस्थित बना रहा…और अंततः एक दर्दनाक हादसे का कारण बन गया।
निर्माण कार्य कर रही एजेंसी का कहना है कि पुल अब अंतिम चरण में है…लेकिन भीड़ और अव्यवस्था के कारण समय पर काम पूरा करना मुश्किल हो रहा है। एजेंसी ने प्रशासन से अपील की है कि निर्माण कार्य के दौरान पर्यटकों की आवाजाही सीमित की जाए…और निर्धारित समय में ही लोगों को पुल क्षेत्र में आने की अनुमति दी जाए।
Rishikesh
उत्तराखंड: फैशन शो ऑडिशन में हुआ बवाल, हिंदू रक्षा संगठन ने जताई आपत्ति!

ऋषिकेश: देहरादून रोड स्थित एक होटल में दिवाली मेले की तैयारी के तहत चल रहे फैशन शो ऑडिशन पर हिंदू रक्षा संगठन के कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध जताया। ऑडिशन में वेस्टर्न परिधान में युवतियां रैंप वॉक कर रही थीं..जिससे संगठन के सदस्यों को आपत्ति हुई। उन्होंने इसे संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ बताया और कार्यक्रम को तत्काल बंद करने की मांग की।
इस दौरान आयोजकों और हिंदू रक्षा संगठन के सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई..जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। स्थिति को देखते हुए आयोजकों ने पुलिस को सूचना दी। कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर विवाद शांत कराया।
हिंदू रक्षा संगठन के अध्यक्ष राघवेंद्र ने कहा कि यह तीर्थनगरी है यहां छोटे कपड़ों में युवतियों का रैंप वॉक करवाना हमारी संस्कृति के खिलाफ है। वहीं क्लब अध्यक्ष पंकज चंदानी ने विरोध को निराधार बताया और कहा कि यह केवल एक फैशन शो का ऑडिशन था।
इसी बीच ऋषिकेश में भी मिस ऋषिकेश प्रतियोगिता के ऑडिशन को लेकर हंगामा हुआ। हिंदू शक्ति संगठन के अध्यक्ष राजू भटनागर ने ऑडिशन रोकने की मांग की और युवतियों को घर लौटने को कहा। आयोजकों और युवतियों ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यदि उनके अभिभावकों को कोई आपत्ति नहीं तो ये विरोध क्यों किया जा रहा है।
Dehradun
ऋषिकेश में 27 सितंबर से गंगा में राफ्टिंग शुरू, पर्यटन विभाग ने दी हरी झंडी

ऋषिकेश: रोमांच प्रेमियों के लिए खुशखबरी है। कौड़ियाला-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में गंगा नदी में 27 सितंबर से राफ्टिंग शुरू होने जा रही है। पर्यटन विभाग की टेक्निकल टीम और प्रशिक्षित गाइडों ने गंगा में रेकी रन कर सुरक्षा की पुष्टि करते हुए प्रशासन को रिपोर्ट सौंप दी है। राफ्टिंग कंपनियों के संचालक और गाइड भी नई सीजन की शुरुआत को लेकर उत्साहित हैं।
गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति के सचिव जसपाल चौहान ने बताया कि भारी बारिश के कारण पिछले ढाई महीने से राफ्टिंग बंद थी। मानसून में गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ था…लेकिन अब बारिश रुकने से जलस्तर सामान्य हो गया है। टेक्निकल टीम ने मरीन ड्राइव से मुनिकीरेती तक गंगा में रेकी रन कर सभी सुरक्षा मानकों की जांच की और सुरक्षित राफ्टिंग की रिपोर्ट तैयार की है। वर्तमान में गंगा का जलस्तर 338 मीटर के आसपास है।
जसपाल चौहान ने कहा कि अब पर्यटक उदास नहीं होंगे उन्हें फिर से गंगा की लहरों पर रोमांच का मजा मिलेगा। ऋषिकेश में हर सीजन लाखों पर्यटक राफ्टिंग का आनंद लेने आते हैं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। राफ्टिंग क्षेत्र के कई परिवार इसी व्यवसाय पर निर्भर हैं।
ऋषिकेश में गंगा नदी पर राफ्टिंग की जानकारी…..
कोडियाला: 36 किलोमीटर 2000 प्रति व्यक्ति
मरीन ड्राइव: 22 किलोमीटर 1500 प्रति व्यक्ति
शिवपुरी: 18 किलोमीटर 800-1000 प्रति व्यक्ति
ब्रह्मपुरी: 9 किलोमीटर 600- 750 प्रति व्यक्ति
राफ्टिंग का सीजन 1 सितंबर से 30 जून तक होता है। मानसून के दौरान यह बंद रहती है।
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