Dehradun
तीर्थ पुरोहितों ने विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों को किया खारिज, सीएम धामी का किया समर्थन !

देहरादून: केदारनाथ विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के बीच विपक्ष द्वारा दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाए जाने के पुराने मामले को दिए जा रहे तूल का जवाब स्वयं तीर्थ पुरोहितों ने दिया है। श्री केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कड़ा कानून बनाया जिसके लिए वे सदैव उनके आभारी रहेंगे।
केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम के नाम से दिल्ली में कुछ समय पूर्व जो केदारनाथ ट्रस्ट बना था। उस मामले में तब तीर्थ पुरोहितों की मुख्यमंत्री से वार्ता हुई थी जिसके तत्काल बाद मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इस मामले में कैबिनेट में प्रस्ताव रखा जिसके बाद चारधामों के नाम से देश मे कहीं भी मंदिर नहीं बनाने को लेकर कड़ा कानून बनाया गया, जिसके लिए समस्त तीर्थ पुरोहित मुख्यमंत्री के आभारी हैं।
आचार्य संजय प्रसाद ने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ नाम से मंदिर बनाये जाने का कोई मामला वर्तमान में है ही नहीं और केवल चुनाव के माहौल में राजनीतिक रोटियां सेकी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह मामला संज्ञान में आने पर कड़ा कानून बनाया। उन्होंने कहा कि ऐसा कर केवल सरकार को बदनाम करने का कुलशित प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में केवल लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। लोगों को चाहिए कि वे इन बातों से भ्रमित न हों और स्वतंत्र होकर मतदान करें।
आचार्य विनोद शुक्ला ने कहा कि केदारनाथ धाम का मंदिर दिल्ली में बनाये जाने को लेकर केवल झूठ फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने तभी इस मामले में कार्रवाई करते हुए इस मामले में कठोर कानून बनाया है। यह झूठ फैलाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री दिल्ली में शिला लेकर गए जबकि ऐसा कभी कुछ हुआ ही नहीं। उन्होंने कहा कि यह सरासर झूठ है और उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वे इन अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री केदारनाथ धाम के विकास के लिए सदैव सेवारत हैं।
तीर्थ पुरोहित अंकित सेमवाल ने मुख्यमंत्री धामी का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि 31 जुलाई को आई आपदा के दौरान बाबा केदार के अनन्य भक्त मुख्यमंत्री धामी द्वारा त्वरित रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन चलवाया गया और तत्काल यात्रा को सुचारू भी कराया गया। इसके अलावा भी मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में केदारघाटी के विकास के लिए कई कार्य कराए जा रहे हैं, जिसके लिए वे सभी उनके आभारी हैं।
Dehradun
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Accident
उत्तरखड़: सड़क पर दौड़ रही थी टैक्सी, ड्राइवर को अचानक आया अटैक, पर्यटकों की अटकी सांसे

मसूरी: पर्यटन नगरी मसूरी के नजदीक सोमवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जब धनौल्टी से लौट रहे एक टैक्सी चालक को अचानक दिल का दौरा पड़ गया। घटना उस वक्त हुई जब चालक कार चला रहा था, जिससे गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वह सड़क किनारे पैराफिट से टकरा गई। हादसे में चालक की मौके पर ही मौत हो गई…हालांकि गाड़ी में सवार चार पर्यटक पूरी तरह सुरक्षित बच गए।
यह दुर्घटना टिहरी बाईपास मार्ग पर लक्ष्मणपुरी क्षेत्र में नगर पालिका परिषद के कूड़ा कलेक्टिंग सेंटर के पास हुई। हादसे के तुरंत बाद चालक को 108 एंबुलेंस के जरिए उप जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक की पहचान हरिद्वार निवासी कपिल अरोड़ा (उम्र करीब 40 वर्ष), पुत्र स्व. अनिल अरोड़ा के रूप में हुई है। कपिल स्विफ्ट डिज़ायर टैक्सी (यूके08-टीए-6149) चला रहे थे और धनौल्टी से देहरादून होते हुए हरिद्वार लौट रहे थे।
आखिरी पलों में दिखाई सूझबूझ
कार में सवार पश्चिम बंगाल से आए पर्यटकों ने बताया कि चलती गाड़ी में ही कपिल को चक्कर जैसा महसूस हुआ। इसके बाद उन्होंने किसी तरह खुद को संभालते हुए गाड़ी को साइड में लगाने की कोशिश की, जिससे कार पैराफिट से टकरा गई। अगर चालक ने सूझबूझ न दिखाई होती, तो कार सीधे गहरी खाई में गिर सकती थी और एक बड़ा हादसा हो सकता था।
पर्यटक सुरक्षित, भेजे गए हरिद्वार
कार में सवार सभी पर्यटक पश्चिम बंगाल के निवासी हैं, जिनमें पुरबस्त हल, डाइसेल, पूरतराड़ निवासी राजेल मुखर्जी (उम्र 45 वर्ष), ढंगन निवासी अनकटी नाथ, पुत्र आलोक नाथ और शेम नाथ गराई शामिल हैं। सभी को मसूरी पुलिस द्वारा सुरक्षित बाहर निकाला गया और उन्हें अन्य वाहन से हरिद्वार भेज दिया गया।
पुलिस ने शुरू की जांच
मसूरी पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह मामला स्वाभाविक मृत्यु (दिल का दौरा) का प्रतीत होता है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी।
Dehradun
उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को कानूनी नोटिस, मामला दिल्ली तक पहुंचा

देहरादून: उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को हाल ही में कानूनी नोटिस भेजे जाने को लेकर उत्तराखंड में चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। अब ये मामला ना केवल प्रदेश में बल्कि देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है। जिसके बाद से अब देहरादून से लेकर दिल्ली तक मामले को लेकर चर्चाएं हो रही हैं।
बीते दो दिनों से उत्तराखंड में वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को सिडकुल द्वारा कानूनी नोटिस भेजे जाने के बाद हर ओर इसकी चर्चा हो रही है। पत्रकारों से लेकर समाजसेवी तक अजीत राठी के समर्थन में उतर गए हैं। इसके साथ ही विपक्ष ने भी उनके समर्थन में बात की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी अजीत राठी के समर्थन में सोशल मीाडिया पर पोस्ट किया है। इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उनके पोस्ट के बाद से दिल्ली में सत्ता के गलियारों में भी इसकी चर्चा हो रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इस मामले को लेकर अपनी पोस्ट में लिखा है कि “एक बार फिर बीजेपी ने राज्य का भविष्य कॉरपोरेट मुनाफ़े के लिए गिरवी रख दिया गया। विडंबना ये है कि जवाबदेही तय करने के बजाय मुख्यमंत्री धामी की सरकार डराने-धमकाने पर उतर आई है।
इस घोटाले का पर्दाफाश करने वाले पत्रकार अजीत राठी को कानूनी नोटिस भेजा गया है, जिसमें उनसे अपनी रिपोर्ट वापस लेने और लिखित माफ़ी मांगने की मांग की गई है। जनसंपत्ति की इस निर्लज्ज लूट और सच्चाई को कुचलने की कोशिश ने बीजेपी का असली चेहरा उजागर कर दिया है — एक ऐसा चेहरा जो भ्रष्ट, आपराधिक और युवाओं के भविष्य के प्रति पूरी तरह बेपरवाह है।”
इसके साथ ही इस मामले में अब प्रेस क्लब ऑफ इंडिया द्वारा भी एक प्रेस नोट जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि अजीत राठी को मिला नोटिस उत्तराखंड सरकार की ऐसी कार्रवाइयाँ लोकतांत्रिक संवाद को दबाने और पत्रकारों को तथ्यों की रिपोर्टिंग करने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के उद्देश्य से सत्तावादी प्रवृत्तियों से उपजी हैं।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया मांग करता है कि राज्य प्रशासन उत्पीड़न की ऐसी हरकतें तुरंत बंद करे और सभी लोकतांत्रिक विचारधारा वाले लोगों से एकजुट होकर मीडिया को धमकाने वाली ऐसी अलोकतांत्रिक कार्रवाइयों को विफल करने की अपील करता है।
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