Dehradun
सफाई कर्मचारियों के हित में महत्वपूर्ण बैठक, उपाध्यक्ष भगवत प्रसाद मकवाना ने दिए कई अहम निर्देश !

देहरादून: उत्तराखंड राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष (राज्य मंत्री) भगवत प्रसाद मकवाना ने बुधवार को नगर निगम देहरादून में पर्यावरण मित्रों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को लेकर समीक्षा बैठक ली। उन्होंने निर्देश दिए कि पर्यावरण मित्रों को सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाए। इस दौरान उन्होंने कार्यरत सफाई कार्मिकों की संख्या, वेतन ढांचे, भुगतान की नियमितता, वर्दी, सुरक्षात्मकता के प्रावधान, आवास और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच पर विस्तृत चर्चा करते हुए जरूरी निर्देश दिए।
उपाध्यक्ष ने कहा कि कमजोर वर्ग को आगे लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और उनके हितों की रक्षा के लिए सरकार ने अनेक कल्याणकारी योजनाएं भी संचालित की है। उपाध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि हर सफाई कर्मचारी को उसकी मेहनत के लिए समय पर भुगतान मिलना चाहिए। आउटसोर्स सफाई कर्मचारियों का प्रबंधन करने वाले ठेकेदारों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर महीने समय पर वेतन का भुगतान हो जाए।
उपाध्यक्ष ने सफाई कर्मचारियों की समय पर डीपीसी कराने, ऋण उपलब्ध कराने की प्रक्रिया सरल बनाने, सफाई कर्मचारियों की बस्तियों में सामुदायिक भवन, पार्क एवं अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों को प्रतिदिन न्यूनतम 500 रुपए के हिसाब से वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाए। सभी सफाई कार्मिकों को ईपीएफ, ईएसआई की सुविधा के साथ प्रत्येक कार्मिक का आईडी कार्ड बनाया जाए। स्थायी कार्मिकों का गोल्डन कार्ड और अस्थाई कार्मिकों का आयुष्मान कार्ड की सुविधा दी जाए। सफाई कार्मिकों के बैंक खाता और आधार कार्ड मिलान और त्रुटियों को ठीक करने के लिए शिविर लगाए जाए। वर्षो से काम कर रहे पर्यावरण मित्रों को नियमितीकरण तक निर्धारित समय के भीतर उनकी वेतन वृद्धि की जाए और प्रत्येक माह निर्धारित तिथि पर उनका वेतन भुगतान किया जाए। उपाध्यक्ष ने कहा कि किसी भी स्तर पर पर्यावरण मित्रों का शोषण और उत्पीड़न बर्दाश्त नही किया जाएगा।
उपाध्यक्ष ने कहा की सफाई कार्मिकों के बच्चों की देश में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख तथा विदेश में 20 लाख तक ऋण देने का प्रावधान भारत सरकार ने किया है। शिविर में कार्मिकों को ऋण योजनाओं की जानकारी भी दी जाए। समीक्षा बैठक में एआरटीओ, एलडीएम, जल संस्थान, श्रम विभाग, नगर निगम ऋषिकेश आदि अधिकारियों के उपस्थित न रहने पर उपाध्यक्ष ने नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित अधिकारियों का स्पष्टीकरण भी तलब किया।
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राज्यपाल गुरमीत सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में लिया भाग

देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को दून विश्वविद्यालय, देहरादून में आयोजित इंडियन एसोसिएशन ऑफ सोशल साइंस इंस्टीट्यूशंस के 24वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में प्रतिभाग किया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में देश-विदेश से आए प्रख्यात विद्वानों ने विभिन्न सत्रों में सामाजिक कल्याण, अर्थशास्त्र, रोजगार, उद्योग, कृषि, तकनीकी, पर्यावरण और नगरीकरण जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय असंतुलन और असमान विकास जैसी चुनौतियों के स्थायी समाधान और नई दिशा की तलाश में है। ऐसे समय में यह सम्मेलन केवल एक अकादमिक विमर्श नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक चेतना, साझी जिम्मेदारी और पर्यावरणीय जागरूकता का सशक्त आह्वान है। उन्होंने कहा कि विकास और पर्यावरण एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि पूरक बनाना ही सच्चा सतत विकास है।
राज्यपाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन आज केवल वैज्ञानिक मुद्दा नहीं, बल्कि मानव अस्तित्व का प्रश्न बन चुका है। अनियोजित शहरीकरण, अंधाधुंध वनों की कटाई और प्राकृतिक संसाधनों का अति-दोहन इसके प्रमुख कारण हैं। उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने के लिए केवल नीतियाँ या तकनीक पर्याप्त नहीं होंगी, बल्कि हमें जीवनशैली में परिवर्तन, जनसहभागिता और प्रकृति के प्रति संवेदनशील रहकर नीतियां बनानी होगी।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे पर्वतीय राज्यों के लिए पर्यावरणीय चुनौतियाँ और भी संवेदनशील हैं। भूस्खलन, मृदा क्षरण, नदियों का कटाव और वन्य जीवों के आवासों में कमी जैसे मुद्दे अब केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्थिरता से भी जुड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय समुदायों की भागीदारी, वैज्ञानिक और पारंपरिक ज्ञान का समन्वय तथा जनजागरूकता और शिक्षा तीनों को एक साथ जोड़ना आवश्यक है।
राज्यपाल ने कहा कि शहरीकरण आर्थिक प्रगति का वाहक है, परंतु अनियोजित शहरीकरण असमानता, प्रदूषण और संसाधनों की कमी का कारण बन रहा है। उन्होंने कहा कि हमें “स्मार्ट सिटीज” के साथ-साथ “ग्रीन सिटीज” की भी परिकल्पना करनी होगी, जहाँ भवन ऊर्जा-कुशल हों, परिवहन स्वच्छ हो और हरित आवरण पर्याप्त हो। सतत विकास का अर्थ केवल आर्थिक प्रगति नहीं, बल्कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित करना है।
राज्यपाल ने युवाओं से कहा कि वे केवल भविष्य के विद्यार्थी नहीं, बल्कि भविष्य के निर्माता हैं। उनके विचार, शोध और संवेदना ही हरित, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत की दिशा तय करेंगे। उन्होंने आयोजन समिति की सराहना करते हुए कहा कि यह सम्मेलन ज्ञान, संवाद और नीति-चिंतन का उत्कृष्ट मंच बना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यहाँ हुए मंथन से निकले विचार हिमालयी क्षेत्र के सतत विकास के लिए नई दिशा प्रदान करेंगे।
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उत्तराखंड में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 3 जिलों के DM समेत 44 अधिकारियों के तबादले





Accident
उत्तरखड़: सड़क पर दौड़ रही थी टैक्सी, ड्राइवर को अचानक आया अटैक, पर्यटकों की अटकी सांसे

मसूरी: पर्यटन नगरी मसूरी के नजदीक सोमवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जब धनौल्टी से लौट रहे एक टैक्सी चालक को अचानक दिल का दौरा पड़ गया। घटना उस वक्त हुई जब चालक कार चला रहा था, जिससे गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वह सड़क किनारे पैराफिट से टकरा गई। हादसे में चालक की मौके पर ही मौत हो गई…हालांकि गाड़ी में सवार चार पर्यटक पूरी तरह सुरक्षित बच गए।
यह दुर्घटना टिहरी बाईपास मार्ग पर लक्ष्मणपुरी क्षेत्र में नगर पालिका परिषद के कूड़ा कलेक्टिंग सेंटर के पास हुई। हादसे के तुरंत बाद चालक को 108 एंबुलेंस के जरिए उप जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक की पहचान हरिद्वार निवासी कपिल अरोड़ा (उम्र करीब 40 वर्ष), पुत्र स्व. अनिल अरोड़ा के रूप में हुई है। कपिल स्विफ्ट डिज़ायर टैक्सी (यूके08-टीए-6149) चला रहे थे और धनौल्टी से देहरादून होते हुए हरिद्वार लौट रहे थे।
आखिरी पलों में दिखाई सूझबूझ
कार में सवार पश्चिम बंगाल से आए पर्यटकों ने बताया कि चलती गाड़ी में ही कपिल को चक्कर जैसा महसूस हुआ। इसके बाद उन्होंने किसी तरह खुद को संभालते हुए गाड़ी को साइड में लगाने की कोशिश की, जिससे कार पैराफिट से टकरा गई। अगर चालक ने सूझबूझ न दिखाई होती, तो कार सीधे गहरी खाई में गिर सकती थी और एक बड़ा हादसा हो सकता था।
पर्यटक सुरक्षित, भेजे गए हरिद्वार
कार में सवार सभी पर्यटक पश्चिम बंगाल के निवासी हैं, जिनमें पुरबस्त हल, डाइसेल, पूरतराड़ निवासी राजेल मुखर्जी (उम्र 45 वर्ष), ढंगन निवासी अनकटी नाथ, पुत्र आलोक नाथ और शेम नाथ गराई शामिल हैं। सभी को मसूरी पुलिस द्वारा सुरक्षित बाहर निकाला गया और उन्हें अन्य वाहन से हरिद्वार भेज दिया गया।
पुलिस ने शुरू की जांच
मसूरी पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह मामला स्वाभाविक मृत्यु (दिल का दौरा) का प्रतीत होता है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी।
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