Uttarkashi
धराली आपदा के बाद राहत की किरण: लिमचीगाड पुल का निर्माण अंतिम चरण में, जल्द खुलेगा आवागमन I

लिमचीगाड पुल का निर्माण अंतिम चरण में, जल्द खुलेगा आवागमन
धराली (उत्तरकाशी) में आई भीषण आपदा के दौरान कनेक्टिविटी का सबसे अहम साधन, लिमचीगाड पुल बह जाने से क्षेत्र का संपर्क पूरी तरह टूट गया था। इसके बाद यहां बेली ब्रिज के निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया गया।
पुलिस बल, एसडीआरएफ, इंजीनियरों और अन्य राहत एवं बचाव दलों की अथक मेहनत के चलते अब यह पुल निर्माण के अंतिम चरण में पहुंच चुका है। कुछ ही घंटों में इसे आमजन के लिए खोल दिया जाएगा। यह पुल आपदा से प्रभावित स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा।
Uttarakhand
धराली आपदा: राहत और बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी l

उत्तराखंड के धराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद राहत और बचाव अभियान युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है।
धराली: उत्तराखंड के धराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद राहत और बचाव अभियान युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रशासन और राहत एजेंसियां सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। प्रभावित इलाकों में खाद्य सामग्री, जीवनोपयोगी वस्तुएं और अन्य जरूरी सामान की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
राहत शिविरों के माध्यम से स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों और चिकित्सा टीमों को क्षेत्र में तैनात किया गया है, जो लगातार चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहे हैं। प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि किसी भी प्रभावित व्यक्ति को आवश्यक मदद में कोई कमी न हो।
सरकार की प्राथमिकता है कि हर प्रभावित परिवार को समय पर राहत मिले और जनजीवन जल्द से जल्द सामान्य हो सके।
Dehradun
धराली आपदा पीड़ितों को सरकार का सीधा सहारा, CM धामी ने किए दो महत्वपूर्ण ऐलान

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद उत्तरकाशी के धराली गांव में हालिया आपदा से प्रभावित लोगों के पुनर्वास और राहत के लिए दो महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। यह कदम राज्य सरकार की संवेदनशीलता और आपदा प्रबंधन के प्रति तत्परता को दर्शाता है।
आपदा में पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 5 लाख रुपये की तत्काल सहायता राशि
मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि ग्राम धराली, तहसील भटवाड़ी, जनपद उत्तरकाशी में आपदा से जिन लोगों के मकान पूर्णतः क्षतिग्रस्त या नष्ट हुए हैं, उनके पुनर्वास/विस्थापन हेतु रु. 5.00 लाख की तत्काल सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, आपदा में मृतकों के परिजनों को भी 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, ताकि उन्हें इस कठिन समय में आर्थिक सहारा मिल सके।
समग्र पुनरुद्धार और आजीविका सुदृढ़ीकरण हेतु समिति का गठन
मुख्यमंत्री ने आपदा से प्रभावित ग्राम वासियों के पुनर्वास, समग्र पुनरुद्धार, एवं स्थायी आजीविका के सुदृढ़ीकरण के लिए एक तीन सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की है। यह समिति सचिव, राजस्व की अध्यक्षता में गठित की गई है, जो एक सप्ताह के भीतर अपनी प्राथमिक रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करेगी।
यह समिति धराली गांव के भविष्य के लिए दीर्घकालिक एवं प्रभावी नीति का खाका तैयार करेगी, जिससे स्थानीय समुदाय की सुरक्षा और आजीविका सुनिश्चित की जा सके।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार हर आपदा प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है और हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। शासन स्तर पर राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही को त्वरित और प्रभावशाली रूप से क्रियान्वित किया जाएगा।
Uttarkashi
“मेरे लिए आप भगवान श्रीकृष्ण जैसे” — बहन ने फाड़ी साड़ी से सीएम धामी को बांधी राखी

आपदा के बीच एक बहन का प्यार… और मुख्यमंत्री धामी की संवेदनशीलता
धराली (उत्तरकाशी)- धराली (उत्तरकाशी) में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने शुक्रवार को ऐसा दृश्य आया, जिसने वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर दिया।
अहमदाबाद के ईशनपुर की रहने वाली धनगौरी बरौलिया अपने परिवार के साथ गंगोत्री दर्शन के लिए आई थीं। 5 अगस्त को धराली में आई भीषण आपदा ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी। अचानक आए मलबे और तेज बहाव से मार्ग पूरी तरह बंद हो गया और वे अपने परिवार सहित फंस गईं। चारों ओर तबाही का मंजर, भय और अनिश्चितता का माहौल था। घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर, किसी को नहीं पता था कि अब आगे क्या होगा।
इसी दौरान मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू हुए। रेस्क्यू टीमों ने कठिन परिस्थितियों में भी लगातार प्रयास कर धनगौरी और उनके परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला। भय से कांपते चेहरों पर पहली बार राहत की मुस्कान आई।
शुक्रवार को जब मुख्यमंत्री धामी तीन दिन से लगातार ग्राउंड जीरो पर डटे रहकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे थे, तो धनगौरी अपनी कृतज्ञता रोक नहीं सकीं। उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन उन आंसुओं में डर नहीं, भरोसा था। वे आगे बढ़ीं, अपनी साड़ी का किनारा फाड़ा और उसका एक टुकड़ा राखी के रूप में मुख्यमंत्री की कलाई पर बांध दिया।
राखी बांधते हुए उन्होंने भावुक होकर कहा –
“मेरे लिए मुख्यमंत्री धामी भगवान श्रीकृष्ण जैसे हैं, जिन्होंने न केवल मेरी, बल्कि यहां मौजूद सभी माताओं-बहनों की एक भाई की तरह रक्षा की है। वे तीन दिनों से हमारे बीच रहकर हमारी सुरक्षा और जरूरतों का ध्यान रख रहे हैं।”
यह केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं था, बल्कि उसमें एक बहन का विश्वास, अपनत्व और अपने रक्षक भाई के लिए अटूट स्नेह पिरोया हुआ था। मुख्यमंत्री धामी ने भी उनका हाथ थामते हुए आश्वस्त किया कि एक भाई के रूप में वे हर परिस्थिति में आपदा से प्रभावित बहनों के साथ खड़े रहेंगे और प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी।
धराली की कठिन परिस्थितियों में बहन-भाई के इस रिश्ते का यह मार्मिक पल वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर गया। आपदा के मलबे के बीच जन्मा यह अपनत्व का दृश्य मानवता, संवेदनशीलता और भाईचारे की सबसे सुंदर मिसाल बन गया।
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