big news
Champawat Accident : मातम में बदली शादी की खुशियां, बारात का वाहन खाई में गिरने से 5 की मौत

Champawat Accident : मातम में बदली शादी की खुशियां, बारात का वाहन खाई में गिरने से 5 की मौतचंपावत जिले के लोहाघाट-घाट नेशनल हाईवे पर बागधारा के पास बारात की खुशी मातम में बदल गई। दुल्हन को विदा कर लौट रही बारात का बोलेरो वाहन अचानक अनियंत्रित होकर करीब 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। हादसे में 5 की मौके पर ही मौत हो गई।
चंपावत में बारात का वाहन खाई में गिरने से 5 की मौत
चंपावत में शादी वाले घर में मातम पसर गया। लोहाघाट-घाट नेशनल हाईवे पर बागधारा के पास दुल्हन को विदा कर वापस लौट रहे परिजनों का वाहन हादसे का शिकार हो गया। इस हादसे में मां–बेटे सहित 5 लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई और 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
पिथौरागढ़ के किलोटा गांव से बालातड़ी आई हुई थी बारात
दुर्घटना रात करीब ढाई बजे की बताई जा रही है। सूचना मिलते ही लोहाघाट थानाध्यक्ष अशोक कुमार की अगुवाई में पुलिस, SDRF और फायर टीम तुरंत मौके पर पहुंची। ग्रामीणों की मदद से खाई में फंसे घायलों को रेस्क्यू कर लोहाघाट उप जिला अस्पताल भेजा गया।
थानाध्यक्ष के मुताबिक बारात पिथौरागढ़ के शेराघाट के किलोटा गांव से बालातड़ी आई हुई थी। लौटते समय बागधारा मोड़ पर बोलेरो UK 04 TB 2074 गहरी खाई में समा गई। हादसे के बाद वाहन के परखच्चे उड़ गए।
वाहन चालक के नशे में होने से हुआ हादसा
प्राथमिक जांच में वाहन चालक का नशे में होना बड़ी वजह सामने आया है। अस्पताल में डॉक्टर विराज राठी और डॉक्टर अजीम की टीम घायलों का उपचार कर रही है, जिसमें एक गंभीर घायल को चंपावत जिला अस्पताल रेफर किया गया है। मृतकों में भावना चौबे, उनका 6 वर्षीय बेटा प्रियांशु, प्रकाश चंद्र, केवल चंद्र उनियाल और सुरेश चंद्र नौटियाल शामिल हैं। रेस्क्यू अभियान में स्थानीय होटल स्वामी मदन सामंत और शिक्षक मनोज पंत का भी सहयोग रहा।
big news
दुनिया के आखिरी छोर पर भारत का नाम, उत्तराखंड की Kavita Chand ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी पर लहराया तिरंगा

उत्तराखंड की बेटी Kavita Chand ने देश का नाम पूरे विश्व में रोशन किया है। उत्तराखंड़ के अल्मोड़ा की बेटी कविता चंद ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा लहराकर इतिहास रच दिया है।
Table of Contents
अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी Kavita Chand ने पर लहराया तिरंगा
उत्तराखंड के धारानौला अल्मोड़ा की बेटी कविता चंद (40) ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन (4,892 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर भारत का नाम रोशन किया है। Kavita Chand ने 14 दिसंबर 2025 को शिखर पर पहुंचकर ये उपलब्धि हासिल की।
बता दें कि कविता वर्तमान में मुंबई में रह रहीं है। लेकिन उनकी इस ऐतिहासिक सफलता की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। कविता के गृह राज्य यानी कि उत्तराखंड में भी उनके जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है। जहां पहाड़ों से निकलकर दुनिया की सबसे दुर्गम चोटियों तक पहुंचने की उनकी यात्रा को गर्व के साथ सराहा जा रहा है।
दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण चोटियों में से एक है Mount Vinson
Mount Vinson चोटी दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण और कठिन चोटियों में से एक है। माउंट विंसन पर अत्यधिक ठंड, पूर्ण एकांत और अंटार्कटिका के अप्रत्याशित मौसम जैसी कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में माउंट विंसन पर चढ़ाई कविता के प्रतिष्ठित ‘सेवन समिट्स’ लक्ष्य की दिशा में एक अहम कदम है। जिसके तहत दुनिया के सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह किया जाता है। इससे पहले कविता यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रस पर भी सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुकी हैं।

3 दिसंबर को शुरू हुआ था कविता का ये अभियान
कविता का ये अभियान 3 दिसंबर को भारत से रवाना होने के साथ शुरू हुआ। वो 4 दिसंबर की शाम चिली के पुंटा एरेनास पहुंचीं और 7 दिसंबर की दोपहर यूनियन ग्लेशियर के लिए उड़ान भरी। इसी दिन Kavita Chand लगभग 2,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित विंसन बेस कैंप पहुंचीं। उन्होंने यूनियन ग्लेशियर से बेस कैंप तक का अंतिम सफर स्की-सुसज्जित छोटे विमान से लगभग 40 मिनट में पूरा किया गया, जो अंटार्कटिका अभियानों से जुड़ी जटिल लॉजिस्टिक्स को दर्शाता है।
इस अभियान का नेतृत्व प्रसिद्ध हाई-एल्टीट्यूड गाइड मिंग्मा डेविड शेरपा ने किया। भारतीय दल को अनुभवी पर्वतारोही भरत थम्मिनेनी और उनकी एक्सपेडिशन कंपनी ‘बूट्स एंड क्रैम्पन’ का सहयोग प्राप्त रहा। उनके मार्गदर्शन में नौ सदस्यीय भारतीय टीम ने शिखर तक सफलतापूर्वक पहुंच बनाई। जहां सावधानीपूर्वक योजना, उचित अनुकूलन (एक्लिमेटाइजेशन) और मौके पर मजबूत समन्वय ने अति-प्रतिकूल अंटार्कटिक परिस्थितियों से निपटने में निर्णायक भूमिका निभाई।

मैराथन धावक भी हैं कविता
अपनी इस उपलब्धि पर कविता चंद का कहना है कि, “माउंट विंसन के शिखर पर भारतीय तिरंगा फहराना शब्दों से परे एक सम्मान है। मैं उम्मीद करती हूं कि ये उपलब्धि पेशेवरों को यह विश्वास दिलाएगी कि फिटनेस, महत्वाकांक्षा और करियर की सफलता एक साथ आगे बढ़ सकती हैं।”
पर्वतारोहण के अलावा कविता ने एंड्योरेंस रनिंग के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। वो एक समर्पित मैराथन धावक हैं और अपनी आयु वर्ग में दिल्ली और मुंबई हाइरॉक्स 2025 प्रतियोगिताओं की विजेता रह चुकी हैं। इसके साथ ही वह प्रतिष्ठित एबॉट वर्ल्ड मैराथन मेजर्स सिक्स स्टार चैलेंज की छह में से तीन मैराथन पूरी कर चुकी हैं।
कुछ ऐसे हुई थी कविता के सफर की शुरूआत
आपको बता दें कि पूर्व में मीडिया क्षेत्र से जुड़ी रहीं कविता ने 2024 में अपने कॉरपोरेट करियर से हटकर पूरी तरह फिटनेस को समर्पित होने का निर्णायक कदम उठाया। इसी कदम को कविता अपने जीवन का परिवर्तनकारी मोड़ मानती हैं। उन्होंने 2017 में दौड़ना शुरू किया और 2024 में पर्वतारोहण अपनाया।
मां बनने के बाद गंभीर फिटनेस को अपनाने वाली कविता आज उन पेशेवरों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरी हैं, जो संतुलन, मानसिक दृढ़ता और दीर्घकालिक स्वास्थ्य की तलाश में हैं। कविता के पति दीपक चंद ठाकुर एनपीएसटी (NPST) के सीईओ और सह-संस्थापक हैं। कविता के इस सफर में वो निरंतर सहयोग और समर्थन का मजबूत स्तंभ रहे हैं।
FAQs: कविता चंद की ऐतिहासिक उपलब्धि
Q1. कविता चंद कौन हैं?
कविता चंद उत्तराखंड के धारा नौला, अल्मोड़ा की रहने वाली 40 वर्षीय एंड्योरेंस एथलीट और पर्वतारोही हैं, जो वर्तमान में मुंबई में निवास कर रही हैं।
Q2. कविता चंद ने कौन-सी ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है?
कविता चंद ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन (4,892 मीटर) पर सफल चढ़ाई कर भारत का नाम रोशन किया है।
Q3. कविता चंद ने माउंट विंसन कब फतह किया?
उन्होंने 14 दिसंबर 2025 को माउंट विंसन के शिखर पर पहुंचकर यह उपलब्धि हासिल की।
Q4. माउंट विंसन कहां स्थित है?
माउंट विंसन अंटार्कटिका महाद्वीप में स्थित है और यह वहां की सबसे ऊंची चोटी है।
Q5. कविता चंद का ‘सेवन समिट्स’ लक्ष्य क्या है?
‘सेवन समिट्स’ लक्ष्य के तहत दुनिया के सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर सफल चढ़ाई करना शामिल है।
Q6. क्या कविता चंद पहले भी किसी प्रमुख पर्वत पर चढ़ चुकी हैं?
हां, वह इससे पहले यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रस पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुकी हैं।
big news
पहले युवक को होटल में ले गए, फिर किया चाकू से हमला और हो गए फरार, फिर…

Haridwar News : हरिद्वार से एक युवक को होटल ले जाकर उस पर जानलेवा हमला करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया है।
Table of Contents
युवक को होटल में ले जाकर किया चाकू से हमला
हरिद्वार से हैरान कर देने वाली खबर (Haridwar News) सामने आई है। यहां पर कुछ लोगों ने एक युवक को नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित एक निजी होटल में बुलाया। पहले तो उसके साथ मारपीट की और फिर उस पर चाकूओं से जानलेवा हमला कर दिया। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गए।
जानलेवा हमले के बाद फरार हो गए आरोपी
मिली जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने युवक को होटल में बुलाकर मारपीट की। इसके बाद उस पर चाकूओं से हमला कर दिया। पुलिस ने पीड़ित की मां की शिकायत पर हत्या के प्रयास का मुकदमा मामले की जांच शुरू की। इसस मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के अंदर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि अन्य फरार साथियों की तलाश जारी है।
रायवाला का रहने वाला है आरोपी
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपी का नाम शिवम उर्फ शुंभु है। आरोपी देहरादून के रायवाला का रहने वाला है। हमले घायल युवक की हालत गंभीर बताई जास रही है। जिसे जिला अस्पताल से हायर सेंटर एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया है।
big news
खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी हल्द्वानी में 2026- 27 से शैक्षणिक सत्र हो जाएगा शुरू

Sports University : खेल में रुचि रखने वाले खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर है। खेल विश्वविद्यालय (Sports University) के लिए फंसा वनभूमि का पेंच अब पूरी तरह से हट गया है। अब जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
Table of Contents
Sports University बनाने के लिए जमीन फंसा पेंच हटा
केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी (Sports University Haldwani)बनाने के लिए जमीन की उपलब्धता के बारे में उत्तराखंड सरकार के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। हल्द्वानी वन प्रभाग के अंतर्गत गोलापार स्थित 12.317 हेक्टेयर वन भूमि पर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का निर्माण होगा।
वन भूमि को लेकर काफी समय से बना हुआ था गतिरोध
ये जानकारी देते हुए खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि ये भूमि रिजर्व फॉरेस्ट के रूप में चिह्नित है और इसे स्थानांतरित करने को लेकर काफी समय से गतिरोध बना हुआ था। पत्र में वन संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम 1980 की धारा-2 के तहत यह मंजूरी दी गई है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि वन भूमि का कानूनी दर्जा अपरिवर्तित रहेगा और कोई अतिरिक्त मार्ग नहीं बनाया जाएगा।
2026- 27 शैक्षणिक सत्र से शुरू हो जाएंगी कक्षाएं
खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इस सैद्धांतिक सहमति को अंतिम अनुमति में बदलने के लिए जरूरी शर्तों के जल्द से जल्द अनुपालन के निर्देश जारी कर दिए हैं। खेल विभाग का दावा है कि अगले 2026- 27 शैक्षणिक सत्र से हल्द्वानी Sports University की कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी जाएंगी।
Breakingnews4 hours agoट्रैवलर्स का फेवरेट बना मसूरी का ये छुपा मंदिर, इतिहास, मान्यताएं और कैसे पहुंचें, यहां जानें सब कुछ
big news6 hours agoपहले युवक को होटल में ले गए, फिर किया चाकू से हमला और हो गए फरार, फिर…
big news7 hours agoखिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी हल्द्वानी में 2026- 27 से शैक्षणिक सत्र हो जाएगा शुरू
धर्म-कर्म4 hours agoसफला एकादशी का व्रत रखने से पूरी होंगी मनोकामनाएं , ऐसे करें व्रत का पारण…
Uttarakhand3 hours agoदेहरादून के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल – जानिए उत्तराखंड की राजधानी की खूबसूरती…
big news5 minutes agoदुनिया के आखिरी छोर पर भारत का नाम, उत्तराखंड की Kavita Chand ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी पर लहराया तिरंगा






































