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हेलिकॉप्टर उड़ानें रद्द: यात्रियों को करना पड़ा लंबा इंतजार, जानें यात्रा थमने में कितने दिन…

केदारनाथ: पंच केदार में प्रमुख केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने में अब केवल सात दिन का समय बचा है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ धाम की ओर उमड़ रही है। हेलिपैड पर सुबह से ही टिकट के लिए लंबी कतारें लग रही हैं, जबकि वेटिंग रूम भी भरे पड़े हैं।
रविवार की सुबह 6 बजे से गुप्तकाशी, फाटा और शेरसी हेलिपैड पर यात्रियों की भीड़ जुटने लगी। हालांकि, खराब मौसम के कारण सुबह सात बजे जाने वाले यात्रियों को 9 बजे के बाद ही फ्लाइट मिली। पूर्वान्ह 11 बजे के बाद जिन यात्रियों का टिकट बना, उन्हें मौसम की स्थिति के चलते केदारनाथ नहीं पहुंचने दिया गया। धाम से लौटने वाले यात्रियों की भी यही स्थिति रही।
बाबा केदार के दर्शनों के लिए भक्तों का उत्साह चरम पर है। मंदिर के सभामंडप से गर्भगृह तक भीड़ इस कदर है कि श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। इस वर्ष वीआईपी दर्शन की व्यवस्था खत्म होने के कारण सामान्य भक्तों के लिए लाइनें लंबी हो गई हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि केदारनाथ में यात्रा का अंतिम सप्ताह पहले सप्ताह जैसी भीड़ दिखा रहा है।
केदारनाथ धाम में मंदिर से लगभग 100 मीटर पीछे आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल पर भी सैकड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यहां कई यात्री ध्यान भी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ के पुनर्निर्माण के पहले चरण में आदिगुरु शंकराचार्य समाधिस्थल का पुनर्निर्माण किया गया है। इसके अलावा, रेतस कुंड में भी भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है, जहां “ऊं नम: शिवाय” का उच्चारण करते ही कुंड से बुलबुले उठते हैं।
केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य के दूसरे चरण का कार्य जोरों पर है। ठंड बढ़ने के बावजूद मजदूर काम में जुटे हुए हैं। यहां भवन निर्माण का कार्य चल रहा है, साथ ही सरस्वती नदी पर पुल निर्माण भी लगभग पूरा हो चुका है। बीकेटीसी भवन, अस्पताल और अन्य निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं।
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रुद्रप्रयाग: तीन दिन बाद फिर से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा

रुद्रप्रयाग। तीन दिनों की बंदिश के बाद आखिरकार तीर्थ यात्रियों के लिए केदारनाथ धाम के रास्ते खुल गए हैं। जिला प्रशासन ने शनिवार को यात्रा पर लगी अस्थायी रोक हटाकर श्रद्धालुओं को केदारनाथ की ओर रवाना किया। हालांकि अभी भी सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक का राजमार्ग पूरी तरह दुरुस्त नहीं हो पाया है, जिसकी वजह से यात्रियों को करीब 6 किमी अतिरिक्त पैदल चलकर कुल 22 किमी की दूरी तय करनी पड़ रही है।
मालूम हो कि मंगलवार देर शाम को सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच राजमार्ग का करीब 150 मीटर हिस्सा ढह गया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यात्रा रोक दी थी। इस दौरान सोनप्रयाग में रुके यात्रियों को केदारनाथ धाम नहीं भेजा गया, जबकि लौट रहे यात्रियों को एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमों ने सुरक्षित रेस्क्यू किया।
भूस्खलन का खतरा अब भी बरकरार
मुनकटिया के पास पैदल मार्ग पर भी लगातार भूस्खलन हो रहा है। हालांकि एनएच विभाग ने युद्धस्तर पर काम कर राजमार्ग को पैदल आवाजाही लायक बनाया, जिसके बाद आज से यात्रा फिर से चालू कर दी गई है। इससे श्रद्धालुओं और स्थानीय कारोबारियों ने राहत की सांस ली है।
बारिश में फिर से रुक सकती है यात्रा
पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे ने जानकारी दी कि फिलहाल यात्रियों को वाहन से नहीं बल्कि पैदल ही यात्रा करनी पड़ेगी। क्षतिग्रस्त मार्ग पूरी तरह दुरुस्त होने तक यही व्यवस्था रहेगी। उन्होंने यह भी बताया कि अगर बारिश तेज हुई तो यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए फिर से अस्थायी रूप से आवाजाही रोकी जा सकती है।
प्रशासन ने दी यात्रियों को सलाह
अक्षय कोंडे ने यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति को देखते हुए ही यात्रा पर निकलें। वहीं, लोक निर्माण विभाग के माध्यम से लगातार मार्ग चौड़ीकरण और मरम्मत का काम भी जारी है। उन्होंने बताया कि अब राजमार्ग कुछ हद तक पैदल चलने लायक हो गया है, जिससे सोनप्रयाग से श्रद्धालुओं के समूह को गौरीकुंड होते हुए केदारनाथ के लिए रवाना किया जा रहा है।
बारिश का दौर अब भी जारी
केदारघाटी में लगातार बारिश हो रही है, जिससे हालात पूरी तरह सामान्य नहीं कहे जा सकते। लेकिन सावधानी और सुरक्षा इंतज़ामों के साथ तीर्थ यात्रियों को धाम की ओर भेजा जा रहा है। प्रशासन की कोशिश है कि जल्द से जल्द मार्ग को पूरी तरह वाहनों के लिए भी चालू किया जा सके।
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Kedarnath Dham यात्रियों के लिए ज़रूरी सूचना: भारी बारिश से गौरीकुण्ड मार्ग बंद, यात्रा से पहले जान ले हाल

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रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग में लगातार हो रही बारिश ने एक बार फिर केदारनाथ धाम की यात्रा पर ब्रेक लगा दिया है। गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग की तरफ करीब 1.5 किलोमीटर दूरी पर पहाड़ी से भारी बोल्डर्स, मलबा और पत्थर गिरने के कारण यह मुख्य मार्ग कल सांयकाल से पूरी तरह से बंद हो गया है।
पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने जानकारी दी कि मुनकटिया और गौरीकुण्ड के बीच सड़क का लगभग 50 से 70 मीटर हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। स्थिति और भी गंभीर इसलिए है क्योंकि इस सड़क का वैकल्पिक पैदल मार्ग भी बारिश में टूट चुका है। प्रशासन का अनुमान है कि इस मार्ग को दुरुस्त करने में कम से कम दो से तीन दिन का वक्त लग सकता है।
यात्रियों से अपील:
एसपी अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने केदारनाथ धाम जा रहे यात्रियों से अपील की है कि वे इन दो-तीन दिनों में किसी अन्य धार्मिक स्थल की यात्रा कर लें। रास्ता खुलने की ताजा जानकारी रुद्रप्रयाग पुलिस अपने सोशल मीडिया सैल के माध्यम से लगातार शेयर करती रहेगी।
फंसे यात्रियों के लिए राहत कार्य जारी:
गौरीकुण्ड की ओर फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए SDRF और NDRF की टीमें लगातार कोशिश कर रही हैं। जंगल के रास्तों से वैकल्पिक पैदल मार्ग तलाशा जा रहा है, ताकि फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित सोनप्रयाग की ओर पहुंचाया जा सके।
प्रशासन ने यात्रियों से धैर्य रखने और किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है। लगातार हो रही बारिश के बीच सुरक्षा को देखते हुए हर कदम संभलकर उठाया जा रहा है….ताकि सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
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Missing Woman News: ससुराल पहुंचने से पहले ही गायब! दो हफ्तों से बेटी की तलाश में दर-दर भटक रहे परिजन, पुलिस के हाथ खाली

Missing Woman News
रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लॉक से एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां बीते दो सप्ताह से एक विवाहित महिला लापता है। महिला के मायके पक्ष ने थाना अगस्त्यमुनि में गुमशुदगी दर्ज कराने के साथ ही पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी और स्थानीय विधायक से भी मदद की गुहार लगाई है।
मिली जानकारी के मुताबिक, विकासखंड जखोली निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि उसकी बहन 13 जुलाई की सुबह करीब छह बजे मायके से ससुराल के लिए निकली थी। रास्ते में लगभग आठ बजे तिलवाड़ा तक पहुंचने की खबर मिली, लेकिन शाम तक भी वह ससुराल नहीं पहुंची। जब परिजनों ने ससुराल पक्ष से संपर्क किया, तो पता चला कि महिला वहां नहीं पहुंची। इसके बाद परिवार वालों ने थाना अगस्त्यमुनि में गुमशुदगी दर्ज कराई और महिला हेल्पलाइन में भी शिकायत दी।
परिजनों का कहना है कि दो हफ्ते बीत चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस जानकारी हाथ नहीं लगी है, जिससे परिवार बेहद परेशान है। उन्होंने आरोप लगाया कि ससुराल पक्ष की ओर से भी महिला की तलाश को लेकर कोई सक्रियता नहीं दिखाई जा रही है। परिजनों ने पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी से जल्द से जल्द महिला को ढूंढने की अपील की है।
बताया गया कि लापता विवाहिता की आखिरी मोबाइल लोकेशन ऋषिकेश में मिली थी, जिसके बाद से उसका फोन भी बंद है। परिजनों की चिंता और बढ़ गई है, वहीं रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने कहा कि गुमशुदगी के मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है और विशेष टीमों का गठन कर तलाश की जा रही है।
महिला की तलाश में जुटी टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन परिजन चाहते हैं कि जांच और तेज़ हो, ताकि जल्द से जल्द उनकी बेटी का सुराग मिल सके। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और अब पूरी उम्मीद पुलिस की कोशिशों पर टिकी है।
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