Dehradun
एनडीएमए के सदस्य ले. जनरल सैयद अता हसनैन ने परखीं चारधाम यात्रा की तैयारियां, अप्रत्याशित आपदाएं बन रही चुनौती।

देहरादून – जलवायु परिवर्तन के चलते अप्रत्याशित आपदाएं लगातार चुनौती बनती जा रही हैं। इनका पूर्वानुमान लगा पाना भी मुश्किल है। फरवरी 2021 में चमोली जिले में ग्लेशियर के टूटने से ऋषिगंगा में आई बाढ़ इसका उदाहरण है। ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए विभिन्न एजेंसियों को आपसी समन्वय स्थापित कर इनसे निपटने के लिए पहले से ही पुख्ता तैयारी करनी होगी। यह बात राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एनडीएमए के सदस्य ले. जनरल सैयद अता हसनैन (अप्रा) ने कही।

आगामी चारधाम यात्रा की आपदा प्रबंधन की दृष्टि से तैयारियों को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की ओर से आयोजित टेबल टॉप एक्सरसाइज में ले. जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों में 02 मई 2024 को मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इस ड्रिल का उद्देश्य चारधाम यात्रा की तैयारियों को पुख्ता करना है ताकि यात्रा में किसी तरह का व्यवधान न आए और हादसों में जान-माल के नुकसान को कम से कम किया जा सके।


वही सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बीएसएनएल को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रियों की सुविधा तथा किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए शैडो एरिया, जहां नेटवर्क या कनेक्टिविटी की दिक्कत है, वहां इसका समाधान किया जाए। उन्होंने बीआरओ के प्रतिनिधियों से कहा कि जोशीमठ स्थित ज्वाइंट कंट्रोल रूम में बेहतर समन्वय के लिए बीआरओ से किसी कर्मचारी की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि बीआरओ, एनएच, लोक निर्माण विभाग आदि विभागों को स्पष्ट होना चाहिए कि सड़क का कौन सा हिस्सा किसके पास है ताकि रोड ब्लॉक होने पर भ्रम की स्थिति कतई न रहे।
टेबल टॉप एक्सरसाइज में सभी जिलों ने आगामी चारधाम यात्रा तथा मॉक ड्रिल को लेकर अपनी तैयारियों का खाका पेश किया। बीकेटीसी से रमेश रावत ने बताया कि यात्रा के सुगम संचालन के लिए भूतपूर्व सैनिकों तथा स्वयं सेवकों की सहायता ली जा रही है। सीडीओ चमोली अभिनव शाह ने बताया कि इस बार पांडुकेश्वर में ही यात्रियों का पंजीकरण और जांच की जा रही है। पहले यह बदरीनाथ धाम में ही होती थी, जिससे धाम में जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती थी। इस बार व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। जिलाधिकारी उत्तरकाशी मेहरबान सिंह बिष्ट, रुद्रप्रयाग के अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, देहरादून की सीडीओ झरना कमठान के अलावा मौसम केंद्र, देहरादून, एनडीआरएफ, एयरफोर्स, यूटीडीबी, बीआरओ, पीडब्ल्यूडी आदि विभागों के अफसरों ने चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर अपना प्लान पेश किया।
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व्हाट्सएप पर IAS मीनाक्षी सुंदरम के नाम से मांगे जा रहे पैसे, एसएसपी से की शिकायत

देहरादून: देहरादून। उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और प्रमुख सचिव मीनाक्षी सुंदरम एक बार फिर साइबर अपराधियों के निशाने पर आ गए हैं। इस बार उनके नाम और फोटो का इस्तेमाल कर व्हाट्सएप पर फर्जी प्रोफाइल बनाई गई है…जिससे कई लोगों को मैसेज भेजकर पैसों की मांग की जा रही है।
इस गंभीर मामले की शिकायत मीनाक्षी सुंदरम ने सोमवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) देहरादून से की है। शिकायत में उन्होंने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने एक मोबाइल नंबर की व्हाट्सएप प्रोफाइल पर उनकी तस्वीर लगाई है और खुद को मीनाक्षी सुंदरम बताते हुए कई अधिकारियों और परिचितों से आर्थिक मदद के नाम पर पैसे मांगे हैं। प्रमुख सचिव ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की हरकत उनके नाम पर की गई है। इससे पहले भी कुछ विभागीय अधिकारियों को उनके नाम से संदेश भेजे गए थे, जिनमें बिना वजह पैसे मांगे गए थे।
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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह से मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की शिष्टाचार भेंट, चारधाम यात्रा और मानसून तैयारियों पर चर्चा

देहरादून : उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मंगलवार को मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने राजभवन में शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर राज्य में संचालित चारधाम यात्रा, मानसून से जुड़ी तैयारियों तथा अन्य समसामयिक विषयों पर राज्यपाल और मुख्य सचिव के बीच विस्तृत चर्चा हुई।
राज्यपाल ने चारधाम यात्रा की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर बल दिया। साथ ही, मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं तथा सड़क और यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश भी दिए।
मुख्य सचिव ने राज्यपाल को इन विषयों पर अद्यतन जानकारी प्रदान की और राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से अवगत कराया।
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कांवड़ मेला-2025 के लिए मुख्यमंत्री धामी ने की प्रशासनिक बैठक, सुरक्षा इंतजामों को किया पुख्ता

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को आगामी कांवड़ मेला-2025 की तैयारियों की समीक्षा हेतु प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महत्वपूर्ण बैठक की। मुख्यमंत्री ने पिछले वर्षों की व्यवस्थाओं का विस्तृत विश्लेषण कर कानून-व्यवस्था की दृष्टि से उत्पन्न हुई चुनौतियों की समीक्षा की और सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए, ताकि इस वर्ष कोई भी अवांछनीय घटना न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विशाल धार्मिक आयोजन में किसी भी प्रकार की तोड़-फोड़, उपद्रव या अन्य असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए प्रभावी भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन एवं सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने शिविर संचालकों, कार्यरत कर्मियों, वॉलंटियर्स और धर्मशाला/होटल में ठहरने वाले श्रद्धालुओं का पूर्ण सत्यापन कराने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने सभी प्रमुख स्थलों पर एक्स-रे सिस्टम, अग्निशमन उपकरण, फायर टेंडर और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के साथ-साथ खाद्य व पेय पदार्थों की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखने तथा जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए उचित इंतजाम करने को कहा। भीड़ प्रबंधन के लिए वॉलंटियर्स की मदद लेने, सीसीटीवी और ड्रोन से निरंतर निगरानी तथा अभिसूचना तंत्र को सक्रिय रखने पर विशेष जोर दिया गया।
यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अलग प्लान तैयार कर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। आतंकवाद से जुड़े खतरे को देखते हुए एटीएस और विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती भी सुनिश्चित करने को कहा गया।
हरिद्वार के घाटों, नीलकंठ महादेव मंदिर समेत अन्य प्रमुख स्थलों पर एम्बुलेंस और बैकअप की व्यवस्था करने के साथ-साथ सादे वस्त्रों में महिला व पुरुष सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त तैनाती करने तथा आपदा राहत उपकरणों से युक्त गोताखोरों और जल पुलिस को अलर्ट मोड पर रखने के निर्देश दिए गए। यात्रा मार्गों पर तेज ध्वनि विस्तारक यंत्रों, डीजे और लाउडस्पीकर के उपयोग को नियमबद्ध करने और दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर सुधारात्मक कार्य करने को भी कहा गया।
कांवड़ यात्रियों को ‘क्या करें और क्या न करें’ की जानकारी पेम्फलेट, होर्डिंग, पब्लिक अनाउंसमेंट और सोशल मीडिया के माध्यम से देने के निर्देश भी दिए गए। लाठी, डंडा, नुकीली वस्तुएं आदि ले जाने पर प्रतिबंध लगाने हेतु प्रचार अभियान चलाने और यात्रा मार्गों में मादक पदार्थों, शराब एवं मांस की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश जारी किए गए।
महिला कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए महिला घाटों एवं धर्मशालाओं में विशेष पुलिस प्रबंध करने पर भी जोर दिया गया। साथ ही अंतर्राज्यीय समन्वय बढ़ाकर सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान, सोशल मीडिया पर निगरानी, अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तथा संबंधित पोस्टों का तत्काल खंडन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय सचिवों और पुलिस महानिरीक्षकों को आगामी तीन दिनों के भीतर कांवड़ मेला क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा करने और कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने के निर्देश भी दिए।
बैठक में गृह सचिव श्री शैलेश बगोली, पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ, आपदा प्रबंधन सचिव श्री विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल व कुमाऊं आयुक्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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