Dehradun
ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन्स कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ, DG सूचना बंशीधर तिवारी को मिला ये बड़ा सम्मान

देहरादून में आयोजित ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन कॉन्फ्रेंस का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुभारंभ किया इस अवसर पर सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी को सम्मानित भी किया गया।
ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन्स कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ
तीन दिवसीय ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन कॉन्फ्रेंस का देहरादून में शुभारंभ हो गया है। तीन दिवसीय इस राष्ट्रीय आयोजन देश-विदेश के जनसंपर्क पेशेवरों, नीति-निर्माताओं और संचार विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर सुशासन, तकनीकी समावेश और संचार की बदलती भूमिका पर गहन विमर्श का अवसर प्रदान कर रहा है। बता दें कि ये सम्मेलन 13 से 15 दिसंबर 2025 तक देहरादून में आयोजित किया जा रहा है और इसका संचालन जनसंपर्क सोसायटी ऑफ इंडिया (PRSI) द्वारा किया जा रहा है।

DG सूचना बंशीधर तिवारी को मिला ये बड़ा सम्मान
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी को बेहतर सुशासन और प्रशासनिक उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया। बंशीधर तिवारी वर्तमान में सूचना महानिदेशक के साथ-साथ अपर सचिव मुख्यमंत्री और देहरादून–मसूरी विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के उपाध्यक्ष के रूप में भी अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।

ये सम्मान आगे भी बेहतर कार्य करने के करेगा प्रेरित
बता दें कि उन्हें प्रशासनिक दक्षता, प्रभावी जनसंपर्क और सुशासन के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए ये सम्मान प्रदान किया गया। सम्मान प्राप्त करने के बाद बंशीधर तिवारी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए सम्मान अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ऐसे सम्मान से न केवल आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि जिम्मेदारियां भी और अधिक बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा कि ये सम्मान उन्हें आगे भी बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।
Dehradun
छात्रों को संरचना विहीन संस्थान में रखना पड़ा भारी, सुभारती कॉलेज को 87.50 करोड़ का वसूली वारंट जारी

DEHRADUN NEWS : जिले के बड़े बकायेदारों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत जिला प्रशासन ने सुभारती समूह पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशों के अनुपालन में लंबित बकाया वसूली के तहत रू 87.50 करोड़ की कुर्की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
छात्रों को संरचना विहीन संस्थान में रखना पड़ा भारी
देहरादून के जिलाधिकारी ने सुभारती समूह से बकाया राजस्व वसूली सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि भविष्य में भी किसी बड़े या छोटे बकायेदार को बकाया राशि न जमा करने पर कानूनी कार्रवाई से नहीं बख्शा जाएगा। जनपद में राजस्व वसूली को गति देने तथा सरकारी धन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह कार्यवाही कर कड़ा संदेश दिया है। जिलाधिकारी ने द्वारा जारी कुर्की वारंट से स्पष्ट किया गया है कि बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद भुगतान न होने पर यह कठोर कदम उठाया गया है।
सुभारती कॉलेज को 87.50 करोड़ का वसूली वारंट जारी
जिलाधिकारी ने कहा कि ‘जनता के धन की लूट करने वालों को किसी भी स्थिति में छोड़ा नहीं जाएगा।” उन्होंने निर्देशित किया है कि समस्त उप जिलाधिकारी अपने-अपने तहसील क्षेत्रों में ऐसे सभी छोटे एवं बड़े बकायेदारों की सूची तैयार करें, जिन्होंने लंबे समय से देय राशि जमा नहीं की है या जानबूझकर भुगतान से बच रहे हैं। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि इनके विरुद्ध विशेष वसूली अभियान चलाकर तत्परता से वसूली सुनिश्चित की जाए।
संस्थान को 6 वर्षों से 300 छात्रों से पूर्ण शुल्क वसूलने के बावजूद संरचना विहीन संस्थान में रखना भारी पड़ गया है, जिला प्रशासन ने वसूली वारंट जारी कर दिया है, अगले कुछ ही दिवसों में संस्थान का बैंक खाता सीज संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की जा सकती है।चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने डीएम से की सिफारिशचिकित्सा शिक्षा निदेशक ने संस्थान से पूर्ण वसूली के जाने के सिफारिश जिलाधिकारी को की थी।

छह सालों में 300 बच्चों से ले चुके थे फीस
शैक्षिणक सत्र 2017-18 में प्रवेश पाए द्वितीय बैच के कुल 74 छात्रों द्वारा उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका (सिविल) योजित की गई थी। जिसमें में छात्रों की ओर से संस्थान में संरचना उपलब्ध नहीं है, और वो संस्थान से लगतार शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते हैं। याचिका में एमसीआई द्वारा अपने तथ्य रखे गए थे और याचिका में ये प्रश्न था कि छात्रों को अन्य संस्थान में प्रवेश देकर अन्तरित किया जाएं। वर्ष 2019 में उच्चतम न्यायालय ने ये निर्देश दिया गया था कि 300 छात्राओं को राज्य के तीन राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अन्तरित किया जाए।
उच्चतम न्यायालय ने ये भी आदेश दिया गया था कि ये छात्र केवल राजकीय मेडिकल कॉलेज में लागू फीस का ही भुगतान करेंगे। उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश को 12 अप्रैल 2019 के आदेश में पुनः पुष्ट किया गया था। श्रीदेव सूमन सुभारती मेडिकल कॉलेज में इन सभी 300 छात्राओं को राजकीय मेडिकल कॉलेजों में समयोजित किए जाने हेतु लगभग एक नये मेडिकल कॉलेज को खोलने के अनुरूप अपेक्षित संरचना स्थापित करने की आवश्यकता थी, जिसमें राज्य सरकार पर अनापेक्षित वित्तीय भार आ गया था, जबकि उक्त संस्था द्वारा इन छात्रों से शुल्क बिना किसी काम के संग्रहित किया गया था।
राजस्व की हानि किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं
जिलाधिकारी सविन बंसल ने निर्देश दिए कि राजस्व की हानि किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है। बकायेदारों द्वारा देरी या भुगतान से बचने की प्रवृत्ति पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि बकायेदारों की विस्तृत रिपोर्ट तत्काल तैयार करें। इसके साथ ही प्राथमिकता के आधार पर बड़े बकायेदारों पर कार्रवाई करें, लगातार फॉलोअप करते हुए वसूली की दैनिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें, आवश्यक होने पर कुर्की, नोटिस, बैंक खाता कुर्की या अन्य विधिक कार्रवाई भी अमल में लाई जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों के लिए जनता की कमाई से जुटाया गया धन अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में किसी भी प्रकार की लापरवाही या लूट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देशित किया कि अभियान को पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ चलाया जाए ताकि जनपद में राजस्व वसूली की स्थिति मजबूत हो सके।
Uttarakhand
Uttarakhand : गैर-मौसमी व एग्जॉटिक सब्जियों की खेती पर फोकस, सगंध पौध क्लस्टर्स का होगा विस्तार

जैविक उत्पादों के ऑनलाइन प्रचार और वैल्यू चेन मजबूत करने के निर्देश
देहरादून : Uttarakhand के कृषि और बागवानी क्षेत्र को अधिक सशक्त, आधुनिक और बाजारोन्मुख बनाने की दिशा में महानिदेशक कृषि एवं उद्यान विभाग वंदना सिंह ने कई अहम पहल की हैं। इसी क्रम में उन्होंने विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए आगामी कार्ययोजना को ज़मीनी जरूरतों के अनुरूप ढालने पर जोर दिया।
जायका परियोजना की समीक्षा, जमीनी हकीकत के अनुसार बदलाव के निर्देश
सबसे पहले महानिदेशक ने जायका–Uttarakhand एकीकृत बागवानी विकास परियोजना की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि परियोजना की कार्ययोजना को फील्ड स्तर की वास्तविक गतिविधियों के अनुसार संशोधित किया जाए।
उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में परियोजना के तहत क्लस्टर्स प्रस्तावित हैं, वहां इसी माह आवश्यक स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाए।
साथ ही योजना के अंतर्गत गैर-मौसमी (ऑफ-सीजन) और एग्जॉटिक सब्जियों की खेती के लिए पौध तैयार करने तथा सरकारी बागानों में पर्याप्त रोपण सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए।

राज्य की नर्सरियों के पुनर्जीवन की तैयारी पूरी
बैठक में नोडल अधिकारी ने जानकारी दी कि राज्य की नर्सरियों के पुनर्जीवन के लिए तैयार किया गया मास्टर प्लान लगभग पूरा हो चुका है। इसके अलावा नर्सरी विकास अधिकारियों के कार्य विभाजन और ड्यूटी चार्ट की प्रक्रिया भी इसी माह पूरी कर ली जाएगी।
इस अवसर पर राज्य में आलू बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए तैयार विस्तृत योजना का प्रस्तुतीकरण भी किया गया। महानिदेशक ने इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए चिन्हित नर्सरियों में आलू विकास अधिकारी की तैनाती हेतु इसी सप्ताह आदेश जारी करने के निर्देश दिए।
सगंध पौध क्लस्टर्स और वैल्यू चेन पर विशेष जोर
इसके बाद महानिदेशक वंदना सिंह ने सगंध पौध केंद्र (कैप), सेलाकुई का निरीक्षण किया। उन्होंने केंद्र निदेशक डॉ. नृपेन्द्र चौहान को महक क्रांति के तहत सगंध पौध क्लस्टर्स में कार्य तेज करने, क्लस्टर्स का दायरा बढ़ाने और वैल्यू चेन को मजबूत करने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग के नव-नियुक्त कर्मचारियों—जैसे नर्सरी अधिकारी और माली—को उच्च गुणवत्ता की पौध सामग्री तैयार करने के लिए कैप द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने दिसंबर माह में प्रगतिशील सगंध कृषकों के साथ कैप में बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
टिश्यू कल्चर से अखरोट पौध और च्यूरा उत्पादों पर काम
कैप स्थित टिश्यू कल्चर लैब के निरीक्षण के दौरान महानिदेशक ने अखरोट की पौध सामग्री को टिश्यू कल्चर तकनीक से विकसित करने के लिए केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान के सहयोग से कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने च्यूरा आधारित उत्पादों की वैल्यू चेन विकसित करने पर भी विशेष ध्यान देने को कहा।
जैविक उत्पादों के ऑनलाइन प्रचार पर जोर
वहीं महानिदेशक ने उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद की समीक्षा बैठक भी की। इस बैठक में परिषद के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
उन्होंने मजखाली प्रशिक्षण केंद्र की गतिविधियों की जानकारी लेते हुए कृषि सखियों को जैविक खेती के प्रचार-प्रसार के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया।
महानिदेशक ने अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के अनुसंधान और विकास कार्यों को उत्तराखंड में लागू करने के लिए सहयोग स्थापित करने, जैविक उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने और परिषद के आय स्रोत विकसित करने के निर्देश दिए। साथ ही GI टैग प्राप्त उत्पादों के अधिकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ाने पर भी बल दिया।
जमीनी स्तर पर किसानों से संवाद
कार्यक्रम के अंत में महानिदेशक ने देहरादून जनपद के ग्राम सीरियों और गुंदियावाला का भ्रमण किया, जहां उन्होंने जैविक खेती करने वाले किसानों से सीधे संवाद कर उनके अनुभव और समस्याएं जानीं।
Breakingnews
47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन कॉन्फ्रेंस–2025 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया प्रतिभाग

पीआर विजन–2047 विकसित भारत के निर्माण में निभाएगा अहम भूमिका: सीएम धामी
सरकार और जनता के बीच भरोसेमंद संवाद समय की सबसे बड़ी आवश्यकता: मुख्यमंत्री
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को होटल एमरॉल्ड ग्रैण्ड, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून में आयोजित 47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन कॉन्फ्रेंस–2025 में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलन कर सम्मेलन का विधिवत शुभारंभ किया। इसके बाद उन्होंने कॉन्फ्रेंस स्थल पर आयोजित फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन किया और हस्तशिल्प उत्पादों के स्टॉल का निरीक्षण कर स्थानीय कला एवं शिल्प को प्रोत्साहन दिया।
देशभर के पीआर विशेषज्ञों का महासंगम, देहरादून बना संवाद का केंद्र
दरअसल, देहरादून 13 से 15 दिसंबर तक 47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशंस कॉन्फ्रेंस की मेज़बानी कर रहा है, जिसमें देशभर से जनसंपर्क एवं कम्युनिकेशन प्रोफेशनल्स भाग ले रहे हैं। पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (PRSI) द्वारा आयोजित यह सम्मेलन “विकसित भारत @2047: विकास भी, विरासत भी” थीम पर केंद्रित है।

सम्मेलन का उद्घाटन 13 दिसंबर को हुआ, जबकि तीन दिवसीय आयोजन के दौरान उत्तराखंड की 25 वर्षों की विकास यात्रा, मीडिया और जनसंपर्क की भूमिका, तकनीक, GST, AI, साइबर क्राइम, मिसइन्फॉर्मेशन और अंतरराष्ट्रीय जनसंपर्क जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञ सत्र आयोजित किए जाएंगे। रूस से आए प्रतिनिधियों की सहभागिता ने इस सम्मेलन को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप भी प्रदान किया है। सम्मेलन का समापन 15 दिसंबर को होगा।
पीआर केवल सूचना नहीं, राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया का अहम हिस्सा: मुख्यमंत्री
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देशभर से आए जनसंपर्क विशेषज्ञों, प्रतिनिधियों और युवा प्रतिभाओं का स्वागत करते हुए कहा कि इस वर्ष की थीम “पीआर विजन फॉर–2047” विकसित भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आज के समय में पब्लिक रिलेशन केवल सूचना संप्रेषण का माध्यम नहीं रहा, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया का एक प्रभावी और जिम्मेदार अंग बन चुका है।

डिजिटल युग में गलत सूचना बड़ी चुनौती
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा डिजिटल युग में जहां एक ओर सूचनाओं की भरमार है, वहीं दूसरी ओर गलत सूचना और अफवाहों की चुनौती भी उतनी ही गंभीर हो गई है। ऐसे में सरकार और जनता के बीच सही, समयबद्ध और भरोसेमंद संवाद स्थापित करना जनसंपर्क की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि उत्तराखंड जैसे प्राकृतिक आपदाओं और सामरिक दृष्टि से संवेदनशील राज्य में संवाद केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि विश्वास की बुनियाद है।
आपदा प्रबंधन से पर्यटन तक मजबूत पीआर सिस्टम जरूरी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आपदा प्रबंधन, सुशासन, धार्मिक आयोजन और पर्यटन प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में भविष्य की पीआर प्रणाली को तेज, तकनीकी रूप से सक्षम और जनभावनाओं के प्रति संवेदनशील बनाना होगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार और जनता के बीच आदेश का नहीं, बल्कि साझेदारी और विश्वास का संबंध स्थापित करना समय की मांग है।

उन्होंने यह भी कहा कि संकट के समय पब्लिक रिलेशन एक सक्षम कमांड सेंटर की भूमिका निभा सकता है, वहीं सामान्य परिस्थितियों में देश और राज्य के लिए सकारात्मक नैरेटिव गढ़ने में इसकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि देवभूमि उत्तराखंड से निकला यह संवाद विकसित भारत–2047 के विजन को नई दिशा देगा।
तेज़ विकास पथ पर अग्रसर उत्तराखंड: मुख्यमंत्री
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की विकास यात्रा पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2024–25 में उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का आकार लगभग 3.78 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने वाला है, जबकि प्रति व्यक्ति आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य के बजट में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है और बेरोजगारी दर में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन को मिल रही नई गति
मुख्यमंत्री ने बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल, हवाई और रेल कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में आधुनिक अवसंरचना का तेजी से विकास किया जा रहा है। साथ ही धार्मिक पर्यटन, वेलनेस, एडवेंचर टूरिज्म, फिल्म शूटिंग और वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उत्तराखंड को वैश्विक पहचान दिलाने के प्रयास लगातार जारी हैं।
उन्होंने ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल परियोजना, दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेस-वे, रोपवे परियोजनाओं और हवाई अड्डों के विस्तार का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सभी परियोजनाएं राज्य के विकास को नई गति दे रही हैं। वहीं शीतकालीन यात्रा की पहल के माध्यम से वर्षभर पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
निवेश और रोजगार के नए अवसर
मुख्यमंत्री धामी ने निवेश और औद्योगिक विकास पर जोर देते हुए कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत प्राप्त निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में राज्य को उल्लेखनीय सफलता मिली है। सिंगल विंडो सिस्टम और नई औद्योगिक व स्टार्टअप नीतियों के चलते उत्तराखंड निवेश के लिए एक उभरते हुए केंद्र के रूप में सामने आया है।

उन्होंने कहा कि “एक जनपद–दो उत्पाद”, हाउस ऑफ हिमालयाज, मिलेट मिशन और नई पर्यटन व फिल्म नीति जैसी योजनाएं स्थानीय आजीविका को मजबूती दे रही हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग्स में राज्य की उपलब्धियां पारदर्शी और जनभागीदारी आधारित शासन का प्रमाण हैं।
उत्तराखंड की नीतियां बन रहीं देश के लिए मॉडल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों, सामाजिक संरचना और संतुलित जनसंख्या के संरक्षण के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की नीतियां और नवाचार आज देश के अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन रहे हैं और विकसित भारत–2047 की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
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