Dehradun
राजभवन में तीन दिवसीय वसंतोत्सव का हुआ समापन, विजेताओं को राज्यपाल ने किया पुरस्कृत।

‘‘राजभवन में तीन दिवसीय वसंतोत्सव का हुआ समापन, विजेताओं को राज्यपाल ने किया पुरस्कृत।’’
’पुष्प प्रदर्शनी प्रतियोगिता की विभिन्न श्रेणियों में सर्वाधिक अंक पाकर इस वर्ष की ’’रनिंग ट्राफी’’ ओएनजीसी ने जीती।
सांस्कृतिक संध्या में स्थानीय लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी।
लोगों ने पुष्प प्रदर्शनी में प्रतिभाग कर वसंत के इस उत्सव को जन-जन का उत्सव बनाया हैः राज्यपाल।
इस महोत्सव के माध्यम से हम संकल्प से सिद्धि और फूलों से समृद्धि के मंत्र को साकार करने में सफल हुएः राज्यपाल।
देहरादून – राजभवन देहरादून में तीन दिन तक चले वसंतोत्सव-2024 का रंगारंग कार्यक्रमों के साथ रविवार को समापन हो गया। वसंतोत्सव के इन तीन दिनों में बड़ी संख्या में लोगों ने पुष्पों के प्राकृतिक सौंदर्य और अन्य कार्यक्रमों का खूब आनंद लिया। वसंतोत्सव-2024 में इस वर्ष की चल वैजंती (रनिंग ट्राफी) ओएनजीसी को मिली।
इस वर्ष ओएनजीसी को 5 श्रेणियों में, आईआईटी रूड़की को 4 श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त हुए। वसंतोत्सव में 15 श्रेणियों की 53 उपश्रेणियों में 153 पुरस्कार वितरित किये गये। राज्यपाल लेफ्टिनेट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने पुष्प प्रदर्शनी प्रतियोगिताओं, रंगोली तथा बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता, फोटो प्रतियोगिता आदि श्रेणियों के विजेताओं को सम्मानित किया।
वसंतोत्सव-2024 समापन के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि विपरीत मौसम परिस्थितियों के बावजूद इस वर्ष पुष्प प्रदर्शनी में लोगों का उत्साह अभूतपूर्व रहा। उन्होंने कहा कि भारी संख्या में लोगों ने इस पुष्प प्रदर्शनी में प्रतिभाग कर वसंत के इस उत्सव को जन-जन का उत्सव बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि इन तीन दिनों में राजभवन के चारों ओर हर्ष व उल्लास का वातावरण था, जिसमें लगभग 3 लाख लोगों ने वसंतोत्सव में प्रतिभाग किया। राज्यपाल ने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से हम संकल्प से सिद्धि और फूलों से समृद्धि के मंत्र को साकार करने में सफल हुए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि पुष्पों से अर्थव्यवस्था में वृद्धि और निश्चित ही समृद्धि आयेगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्टॉलों में महिलाओं की भागीदारी से इस महोत्सव को और भी बेहतर बनाया है। उत्तराखण्ड के पुष्पों ने लोकल से ग्लोबल तक एक अलग पहचान बनायी है। समापन समारोह में राज्यपाल ने सभी विजेताओं, प्रतिभागियों तथा प्रदर्शनी के मुख्य आयोजक उद्यान विभाग, संस्कृति विभाग सहित सभी सहयोगी विभागों को इस महोत्सव के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इस वसंतोत्सव-2024 में लोगों ने रिकॉर्ड भागीदारी की है। उन्होंने कहा कि वसंतोत्सव प्रकृति से जुड़ने की ओर हमें प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि कृषि एवं औद्यानिकी को बढ़ावा देकर किसानों की आय दुगना करने हेतु प्रयासरत हैं। चारधाम यात्रा में फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह उत्सव और भी भव्य रूप लेगा। वसंतोत्सव में सायंकालीन सांस्कृति संध्या में संस्कृति विभाग के कलाकारों ने लोकनृत्य और कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उपस्थित दर्शकों ने खूब लुत्फ उठाया।
पुरस्कार वितरण समारोह में प्रथम महिला गुरमीत कौर, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव स्वाति एस. भदौरिया, निदेशक उद्यान दिप्ति सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, निदेशक, संस्कृति बिना भट्ट सहित अनेक गणमान्य अतिथि, जनप्रतिनिधि तथा भारी संख्या में प्रदर्शनी में आये दर्शक भी उपस्थित थे।
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सीएम धामी का पूर्व सैनिकों संग संवाद, 2047 के उत्तराखंड के लिए मांगे सुझाव

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी देहरादून में आयोजित ‘विकसित उत्तराखंड @2047 सामूहिक संवाद’ कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों के साथ संवाद किया। यह आयोजन प्रदेश के भावी विकास के रोडमैप के तहत पूर्व सैनिकों के अनुभव और सुझावों को शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों का सदैव सम्मान देने की भावना दोहराते हुए कहा कि वे स्वयं एक सैनिक पुत्र हैं और सैनिकों का जीवन, अनुशासन और राष्ट्र के प्रति समर्पण उन्होंने घर से ही सीखा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे सैन्य परंपरा वाले राज्य के विकास में पूर्व सैनिकों की भागीदारी अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सैनिकों और उनके परिजनों के हित में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। इसमें अनुग्रह राशि में अभूतपूर्व वृद्धि सहित कई योजनाएं शामिल हैं, जिनसे राज्य के हजारों सैनिक परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों की पेंशन, पुनर्वास, स्वास्थ्य सेवाओं और बच्चों की शिक्षा को लेकर लगातार नीति आधारित निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे उनका जीवन अधिक सुरक्षित और सम्मानजनक बन सके।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पूर्व सैनिकों से सीधा संवाद किया और उनके विचारों को गंभीरता से सुना। उन्होंने कहा कि ‘विकसित उत्तराखंड @2047’ एक ऐसा साझा सपना है, जिसमें हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है, और सैनिकों की दृष्टि से प्राप्त सुझाव राज्य की नीतियों को और अधिक मजबूत आधार देंगे।
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड 2047 तक एक सशक्त, आत्मनिर्भर और आधुनिक राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। इसके लिए सरकार हर स्तर पर संवाद स्थापित कर रही है…युवाओं से लेकर पूर्व सैनिकों तक।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में शिक्षाविद् व चिन्तक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शिक्षाविद्, चिन्तक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी एक कुशल राजनीतिज्ञ, विद्वान और स्पष्टवादी नेता थे। राष्ट्र निर्माण में उनका अमूल्य योगदान अविस्मरणीय है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार हमें सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
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अब बिना रजिस्ट्रेशन मसूरी में नहीं मिल पाएगी एंट्री, सरकार का नया नियम लागू

मसूरी (उत्तराखंड): अगर आप इस सीजन में मसूरी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो अब आपको एक जरूरी सरकारी प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा। उत्तराखंड सरकार ने मसूरी के लिए टूरिस्ट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू कर दिया है…जिसके तहत यहां आने वाले हर पर्यटक को अपनी जानकारी पहले से पोर्टल पर दर्ज करानी होगी।
यह फैसला पर्यटन सीजन में होने वाले भारी ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था से निपटने के लिए लिया गया है। हर वीकेंड पर मसूरी में लगने वाला जाम न केवल पर्यटकों…बल्कि स्थानीय प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती बनता रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) ने यह कदम उठाया है।
सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल पर पर्यटकों को अपना नाम, मोबाइल नंबर, वाहन संख्या, पता, और मसूरी में कितने दिन रुकना है इसकी जानकारी देनी होगी। इससे प्रशासन को पता रहेगा कि शहर में एक समय में कितने पर्यटक मौजूद हैं…और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद कैसे की जा सकती है।
वीकेंड और छुट्टियों पर भारी ट्रैफिक की वजह से स्थानीय लोगों और टूरिस्टों को भारी परेशानी होती है। किसी आपात स्थिति…जैसे मौसम बिगड़ना या रास्ते बंद होना में टूरिस्टों का डेटा प्रशासन को मदद पहुंचाने में मदद करेगा। पर्यटन का अनुभव बेहतर हो सके, इसके लिए यह कदम जरूरी माना जा रहा है। स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही इस फैसले को सरकार की एक सकारात्मक पहल मान रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद किसी को रोकना नहीं बल्कि व्यवस्था को बेहतर बनाना है। हालांकि यह रजिस्ट्रेशन सिस्टम अभी सिर्फ मसूरी में शुरू हुआ है…लेकिन जिस तरह की भीड़ ऋषिकेश, नैनीताल और अन्य हिल स्टेशनों पर देखने को मिलती है आने वाले समय में वहां भी ऐसी व्यवस्था लागू की जा सकती है।
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