Dehradun
उत्तराखंड: राज्य आंदोलनकारियों की मुराद तो पूरी, लेकिन आश्रितों के अधिकार पर संकट, जानिए क्या है कारण ?

देहरादून: राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मिलने की उम्मीद 13 साल के इंतजार के बाद पूरी हुई, लेकिन अब भी आश्रितों को इस आरक्षण का लाभ मिलने में बाधाएं आ रही हैं। राज्य आंदोलनकारी आश्रितों के लिए जारी किए जाने वाले आश्रित प्रमाण पत्र का अब तक जारी न होना, उन्हें इस आरक्षण के तहत नौकरी के लिए आवेदन करने से रोक रहा है।
13 साल का इंतजार, फिर भी कागजी प्रक्रिया में अड़चनें
राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण का रास्ता खुलने की खुशी को सरकार ने 21 अगस्त 2024 को अधिसूचना जारी कर नया मोड़ दिया। लेकिन एक्ट बनने के दो महीने बाद भी आश्रित प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पा रहे हैं, जिससे हजारों राज्य आंदोलनकारी आश्रित विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान के अनुसार, “2004 से लेकर अब तक करीब 7,000 राज्य आंदोलनकारी आश्रित इस आरक्षण का लाभ लेने के लिए इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब तक आश्रित प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पाए हैं।” उन्होंने बताया कि इस देरी के कारण बहुत से आश्रित इस आरक्षण के लाभ से वंचित हो रहे हैं।
राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण का इतिहास
प्रदेश में वर्ष 2004 में राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का शासनादेश हुआ था। इसके आधार पर करीब 1,700 आंदोलनकारी सरकारी सेवाओं में शामिल हो पाए थे। हालांकि, 2011-12 में इस शासनादेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई, और उसके बाद से राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को इस आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया था।
धामी सरकार ने इसे स्थायी रूप से लागू करने के लिए विधेयक तैयार किया, और 21 अगस्त 2024 को आरक्षण के लिए अधिसूचना जारी की गई।
किसे मिलेगा लाभ
राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों में उनकी पत्नी, पति, पुत्र-पुत्री, विवाहिता, विधवा, परित्यक्त पत्नी और तलाकशुदा पुत्री को इस आरक्षण का लाभ मिलेगा।
विधेयक की यात्रा
- 2016: हरीश रावत सरकार में आरक्षण को कानूनी रूप देने के लिए मंत्रिमंडल ने विधेयक पास कर राजभवन भेजा।
- 2021: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने पहले कार्यकाल में कैबिनेट से प्रस्ताव पास कर राजभवन को अवगत कराया।
- 2022: राजभवन से विधेयक में कुछ आपत्तियों के साथ वापस भेजा गया।
- सितंबर 2023: पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने विधेयक को सदन में पेश किया।
- 6 फरवरी 2024: विधेयक में कुछ संशोधनों के साथ राजभवन भेजा गया।
- 21 अगस्त 2024: आरक्षण को लेकर अधिसूचना जारी की गई।
अधिकारियों का क्या कहना है?
अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल ने कहा, “नौकरी में आरक्षण को लेकर एक्ट अगस्त में आ चुका है, लेकिन आश्रितों को प्रमाण पत्र जारी करने का मामला गृह विभाग का है।”
वहीं, सचिव गृह शैलेश बगौली ने बताया, “राज्य आंदोलनकारी आश्रितों के प्रमाण पत्र जारी करने का शासनादेश अगले सप्ताह तक हो जाएगा। कार्मिक विभाग से इसकी फाइल मिल चुकी है। मैं अभी गैरसैंण में हूं, लेकिन जल्द ही इस मामले को सुलझा लिया जाएगा।”
राज्य आंदोलनकारियों का रोष
इस देरी पर राज्य आंदोलनकारी आश्रितों में गहरी नाराजगी है। वे कहते हैं कि इतनी लंबी प्रतीक्षा के बाद भी अगर आश्रित प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पा रहे हैं, तो इसका सीधा असर उनकी नौकरी और जीवन पर पड़ रहा है।
Dehradun
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में लिया भाग

देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को दून विश्वविद्यालय, देहरादून में आयोजित इंडियन एसोसिएशन ऑफ सोशल साइंस इंस्टीट्यूशंस के 24वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में प्रतिभाग किया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में देश-विदेश से आए प्रख्यात विद्वानों ने विभिन्न सत्रों में सामाजिक कल्याण, अर्थशास्त्र, रोजगार, उद्योग, कृषि, तकनीकी, पर्यावरण और नगरीकरण जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय असंतुलन और असमान विकास जैसी चुनौतियों के स्थायी समाधान और नई दिशा की तलाश में है। ऐसे समय में यह सम्मेलन केवल एक अकादमिक विमर्श नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक चेतना, साझी जिम्मेदारी और पर्यावरणीय जागरूकता का सशक्त आह्वान है। उन्होंने कहा कि विकास और पर्यावरण एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि पूरक बनाना ही सच्चा सतत विकास है।
राज्यपाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन आज केवल वैज्ञानिक मुद्दा नहीं, बल्कि मानव अस्तित्व का प्रश्न बन चुका है। अनियोजित शहरीकरण, अंधाधुंध वनों की कटाई और प्राकृतिक संसाधनों का अति-दोहन इसके प्रमुख कारण हैं। उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने के लिए केवल नीतियाँ या तकनीक पर्याप्त नहीं होंगी, बल्कि हमें जीवनशैली में परिवर्तन, जनसहभागिता और प्रकृति के प्रति संवेदनशील रहकर नीतियां बनानी होगी।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे पर्वतीय राज्यों के लिए पर्यावरणीय चुनौतियाँ और भी संवेदनशील हैं। भूस्खलन, मृदा क्षरण, नदियों का कटाव और वन्य जीवों के आवासों में कमी जैसे मुद्दे अब केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्थिरता से भी जुड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय समुदायों की भागीदारी, वैज्ञानिक और पारंपरिक ज्ञान का समन्वय तथा जनजागरूकता और शिक्षा तीनों को एक साथ जोड़ना आवश्यक है।
राज्यपाल ने कहा कि शहरीकरण आर्थिक प्रगति का वाहक है, परंतु अनियोजित शहरीकरण असमानता, प्रदूषण और संसाधनों की कमी का कारण बन रहा है। उन्होंने कहा कि हमें “स्मार्ट सिटीज” के साथ-साथ “ग्रीन सिटीज” की भी परिकल्पना करनी होगी, जहाँ भवन ऊर्जा-कुशल हों, परिवहन स्वच्छ हो और हरित आवरण पर्याप्त हो। सतत विकास का अर्थ केवल आर्थिक प्रगति नहीं, बल्कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित करना है।
राज्यपाल ने युवाओं से कहा कि वे केवल भविष्य के विद्यार्थी नहीं, बल्कि भविष्य के निर्माता हैं। उनके विचार, शोध और संवेदना ही हरित, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत की दिशा तय करेंगे। उन्होंने आयोजन समिति की सराहना करते हुए कहा कि यह सम्मेलन ज्ञान, संवाद और नीति-चिंतन का उत्कृष्ट मंच बना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यहाँ हुए मंथन से निकले विचार हिमालयी क्षेत्र के सतत विकास के लिए नई दिशा प्रदान करेंगे।
Dehradun
उत्तराखंड में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 3 जिलों के DM समेत 44 अधिकारियों के तबादले





Accident
उत्तरखड़: सड़क पर दौड़ रही थी टैक्सी, ड्राइवर को अचानक आया अटैक, पर्यटकों की अटकी सांसे

मसूरी: पर्यटन नगरी मसूरी के नजदीक सोमवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जब धनौल्टी से लौट रहे एक टैक्सी चालक को अचानक दिल का दौरा पड़ गया। घटना उस वक्त हुई जब चालक कार चला रहा था, जिससे गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वह सड़क किनारे पैराफिट से टकरा गई। हादसे में चालक की मौके पर ही मौत हो गई…हालांकि गाड़ी में सवार चार पर्यटक पूरी तरह सुरक्षित बच गए।
यह दुर्घटना टिहरी बाईपास मार्ग पर लक्ष्मणपुरी क्षेत्र में नगर पालिका परिषद के कूड़ा कलेक्टिंग सेंटर के पास हुई। हादसे के तुरंत बाद चालक को 108 एंबुलेंस के जरिए उप जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक की पहचान हरिद्वार निवासी कपिल अरोड़ा (उम्र करीब 40 वर्ष), पुत्र स्व. अनिल अरोड़ा के रूप में हुई है। कपिल स्विफ्ट डिज़ायर टैक्सी (यूके08-टीए-6149) चला रहे थे और धनौल्टी से देहरादून होते हुए हरिद्वार लौट रहे थे।
आखिरी पलों में दिखाई सूझबूझ
कार में सवार पश्चिम बंगाल से आए पर्यटकों ने बताया कि चलती गाड़ी में ही कपिल को चक्कर जैसा महसूस हुआ। इसके बाद उन्होंने किसी तरह खुद को संभालते हुए गाड़ी को साइड में लगाने की कोशिश की, जिससे कार पैराफिट से टकरा गई। अगर चालक ने सूझबूझ न दिखाई होती, तो कार सीधे गहरी खाई में गिर सकती थी और एक बड़ा हादसा हो सकता था।
पर्यटक सुरक्षित, भेजे गए हरिद्वार
कार में सवार सभी पर्यटक पश्चिम बंगाल के निवासी हैं, जिनमें पुरबस्त हल, डाइसेल, पूरतराड़ निवासी राजेल मुखर्जी (उम्र 45 वर्ष), ढंगन निवासी अनकटी नाथ, पुत्र आलोक नाथ और शेम नाथ गराई शामिल हैं। सभी को मसूरी पुलिस द्वारा सुरक्षित बाहर निकाला गया और उन्हें अन्य वाहन से हरिद्वार भेज दिया गया।
पुलिस ने शुरू की जांच
मसूरी पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह मामला स्वाभाविक मृत्यु (दिल का दौरा) का प्रतीत होता है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी।
- Accident2 years ago
सिल्क्यारा टनल हादसा: सीएम धामी ने की प्रेसवार्ता दी रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी।
- Breakingnews2 years ago
देहरादून पहुँचे बीजेपी के राष्टीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, सीएम धामी ने किया स्वागत।
- Uttar Pradesh5 years ago
उत्तर प्रदेश बोर्ड : 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए 05 जनवरी 2021 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं छात्र….
- Haryana2 years ago
नायब सिंह सैनी को बनाया गया हरियाणा का नया सीएम, सैनी ने पीएम मोदी का जताया आभार…पूर्व सीएम के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा हुई तेज।
- Breakingnews3 years ago
बरातियों से भरी मैक्स सड़क से 70 मीटर नीचे खेतों जा गिरी, 2 की मौत 10 घायल।
- Crime2 years ago
पूर्व विधायक किन्नर महिला के ग्रुप की ऑटो चालक ने की बीच सड़क पर पिटाई, वीडियो वायरल।
- Breakingnews5 years ago
23 जनवरी को पीएम मोदी जाएंगे कोलकाता , ‘पराक्रम दिवस’ समारोह को करेंगे संबोधित…..
- Breakingnews5 years ago
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को दी मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं…..