Champawat
पुलिस की कार्यप्रणाली से आहत होकर पर्यावरण मित्र ने खाया जहरीला पदार्थ, अस्पताल में भर्ती।

लोहाघाट/चंपावत – लोहाघाट नगर पालिका के दैनिक वेतन भोगी पर्यावरण मित्र संदीप ने लोहाघाट पुलिस की कार्यप्रणाली से आहत होकर जहरीला पदार्थ खा लिया। हालत बिगड़ने पर संदीप को लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला चिकित्सालय चंपावत रेफर कर दिया गया है। जहां संदीप की हालत स्थिर बताई जा रही है।

इस बीच संदीप ने बताया कि बारात घर लोहाघाट में उसका कमरा है जहां उसने अपनी मां के चांदी के जेवर रखे हुए थे। दीपावली से पहले मौका पाकर लोहाघाट के एक टेंट हाउस में काम करने वाले हिमांशु उर्फ तोता ने उन जेवरों को चुरा लिया था। इस घटना की सूचना उन्होंने लोहाघाट थाने में दी थी…लेकिन लोहाघाट पुलिस के द्वारा जबरन दोनों पक्षों के बीच आपसी सुलह करवाई गई…जहा हिमांशु उर्फ तोता से उसके जेवरों की कीमत देने की बात स्वीकार की थी… लेकिन तोता के द्वारा अभी तक पैसे नहीं दिए गए, तो संदीप दुबारा लोहाघाट थाने पहुंचा और हिमांशु के खिलाफ तहरीर देते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की…लेकिन लोहाघाट पुलिस ने जिले के एक प्रसिद्ध मंदिर के अध्यक्ष के दबाव में मुकदमा दर्ज नहीं किया उल्टा उसके साथ ही अभद्रता की गई जिससे आहत होकर उसने जहरीला पदार्थ खा लिया। जिसके बाद संदीप ने लोहाघाट थाने के कुछ पुलिस कर्मचारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

वही संदीप के भाई संजीव ने बताया कि भाई के द्वारा जहर खाने के बाद लोहाघाट पुलिस ने उनकी तहरीर ली है उन्होंने कहा अगर उनके भाई को कुछ होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी लोहाघाट पुलिस की होगी।
वही लोहाघाट थाने के एसओ सुरेंद्र कोरंगा ने बताया मामला उनके लोहाघाट थाने का कार्यभार संभालने से पहले का है एसओ ने बताया आज संदीप की तहरीर पर पुलिस ने हिमांशु उर्फ तोता के खिलाफ आईपीसी की धारा 380 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और विवेचना जारी है आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किया जा रहे हैं उन्होंने पुलिस पर लगाए आरोपों को निराधार बताया है कहा पहले दोनों पक्षों के बीच राजीनामा हो चुका था आज संदीप की तहरीर देते ही उन्होंने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में शारदा कॉरिडोर विकास परियोजना की समीक्षा की

चम्पावत: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा के लोहियाहेड स्थित कैम्प कार्यालय में “शारदा कॉरिडोर विकास परियोजना” की विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को परियोजना के सभी कार्य जनता की अपेक्षाओं और स्थानीय आस्था के अनुरूप पूरा करने के निर्देश दिए।

शारदा कॉरिडोर विकास परियोजना का उद्देश्य लगभग 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का समग्र विकास करना है, ताकि यह क्षेत्र धार्मिक, सांस्कृतिक, पर्यटन एवं पर्यावरणीय दृष्टि से सशक्त और आकर्षक बन सके।
मुख्यमंत्री ने परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित 38 प्रमुख कार्यों की प्रगति का अवलोकन किया। इनमें शारदा घाट का पुनर्विकास, सिटी ड्रेनेज प्लान–1, रणकोची माता मंदिर का पुनरुद्धार, बनबसा में हेलीपोर्ट का विकास, चूका से चल्थी माउंटेन बाइक ट्रेल निर्माण, बनबसा में अंतरराष्ट्रीय सीमा बाजार का विकास, श्रद्धा पथ नदी तट का सौंदर्यीकरण, शारदा रिवरफ्रंट के लिए मास्टर प्लान और एयरो स्पोर्ट्स सुविधाओं का सृजन शामिल हैं।
उन्होंने अधिकारियों को भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शिता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य में पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और क्षेत्र की पारंपरिक संस्कृति एवं स्थापत्य शैली के अनुरूप डिज़ाइन तैयार करने पर भी जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने कार्यदायी संस्था को क्षेत्र में स्थानीय कार्यालय स्थापित करने के निर्देश दिए, ताकि निर्माण कार्य में तेजी आए और अनावश्यक विलंब न हो। उन्होंने भविष्य में लोहाघाट स्थित विवेकानंद सर्किट का विकास, माँ वाराही धाम को स्पिरिचुअल ज़ोन के रूप में विकसित करने, क्षेत्र को डेस्टिनेशन वेडिंग हब बनाने और शहीदों के सम्मान में “शौर्य स्थल” तैयार करने की भी रूपरेखा साझा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना टनकपुर की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को सहेजते हुए, पर्यटन, पर्यावरण और श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाएगी। इसके साथ ही यह स्थानीय रोजगार संवर्धन और जनजीवन स्तर सुधार का माध्यम भी बनेगी।
इस परियोजना में लगभग ₹3300 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है और योजना के निर्माण हेतु त्वरित गति से कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। बैठक में जिलाधिकारी चम्पावत मनीष कुमार, जिलाधिकारी उधम सिंह नगर नितिन सिंह भदौरिया, अपर जिलाधिकारी चम्पावत कृष्णा नाथ गोस्वामी, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती और अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
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चंपावत में भैया दूज पर सजी परंपरा की छटा, सीएम धामी ने निभाई लोक संस्कृति की रस्में

चंपावत – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को अपने एक दिवसीय चंपावत जनपद भ्रमण के दौरान टनकपुर और बनबसा क्षेत्र में आयोजित पारंपरिक भैया दूज (च्यूड़ा पूजन) समारोह में प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में स्थानीय महिलाओं ने कुमाऊं की लोक संस्कृति का शानदार प्रदर्शन करते हुए पारंपरिक ढंग से प्रसिद्ध ‘च्यूड़ा पूजन’ अनुष्ठान किया। इस पवित्र अवसर पर महिलाओं ने मुख्यमंत्री धामी की दीर्घायु, स्वस्थ जीवन और सुख-समृद्धि की कामना की। यह अनुष्ठान भाई-बहन के अटूट बंधन और कुमाऊं की लोक परंपराओं के प्रति लोगों की गहरी आस्था का प्रतीक माना जाता है।

मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं के स्नेह और सम्मान के लिए हृदय से आभार जताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराएँ हमारी पहचान हैं, और ऐसे पर्व हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने का अवसर देते हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सभी माताओं और बहनों को भैया दूज की शुभकामनाएँ देते हुए राज्य के संपूर्ण विकास और जनता के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्यमंत्री ने शारदा घाट में की पूजा-अर्चना
भैया दूज कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री धामी टनकपुर स्थित शारदा घाट पहुँचे, जहाँ उन्होंने पूजा-अर्चना कर प्रदेश में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि पूर्णागिरि धाम आने वाले श्रद्धालु अब शारदा घाट की आरती से गहराई से जुड़ते हैं, जिससे क्षेत्र की धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों में तेजी आई है।
सीएम ने कहा कि इस आरती के आयोजन से न केवल लोगों की धार्मिक भावनाओं का संचार हुआ है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं।

इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती, स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
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सीएम धामी : बनबसा में ₹500 करोड़ की लैंड पोर्ट परियोजना से खुलेगा रोजगार और व्यापार का नया द्वार

चंपावत- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चंपावत जनपद के बनबसा स्थित गुदमी क्षेत्र में लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (LPAI) द्वारा करीब ₹500 करोड़ की लागत से बनने वाली आधुनिक लैंड पोर्ट परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि यह परियोजना भारत और नेपाल के बीच सहयोग, व्यापार और सीमांत क्षेत्रों के समग्र विकास में बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, उत्तराखंड सरकार के सहयोग से इस महत्वाकांक्षी परियोजना को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है।
पर्यावरणीय स्वीकृति के बाद निर्माण को मिली रफ्तार
सीएम धामी ने बताया कि परियोजना की शुरुआत से ही पर्यावरणीय मंजूरी, प्रतिपूरक पौधारोपण और भूमि हस्तांतरण से जुड़ी सभी औपचारिकताएँ समय पर पूरी की गईं। इस वर्ष पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 84 एकड़ वन भूमि को अंतिम स्वीकृति प्रदान की है, जिसके बाद निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया गया है।
सीमा पार व्यापार और यात्रा के लिए आधुनिक ढांचा
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लैंड पोर्ट भारत और नेपाल के बीच व्यापार एवं यात्री आवागमन के लिए एक समेकित, सुरक्षित और सुविधाजनक प्रणाली तैयार करेगा। इसमें कस्टम, सुरक्षा, व्यापार और बॉर्डर प्रबंधन से जुड़ी सभी एजेंसियाँ एक ही परिसर में कार्य करेंगी, जिससे सीमा प्रबंधन अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनेगा।
सीमांत क्षेत्रों में बढ़ेंगे अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना केवल एक अवसंरचना निर्माण नहीं, बल्कि सीमांत क्षेत्रों के आर्थिक परिदृश्य को बदलने का माध्यम बनेगी। बनबसा की रणनीतिक स्थिति को देखते हुए यह परियोजना सीमा पार व्यापार को सशक्त बनाएगी, जिससे कृषि व औद्योगिक उत्पादों को नया बाजार मिलेगा और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
उन्होंने कहा कि किसानों और छोटे उत्पादकों को इस लैंड पोर्ट से सीमा पार बाजारों तक सीधी पहुँच मिलेगी, जिससे परिवहन लागत घटेगी और उत्पादों का मूल्य संवर्धन होगा।
भारत-नेपाल संबंध होंगे और मजबूत
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना भारत और नेपाल के आपसी संबंधों को और प्रगाढ़ करेगी। इससे दोनों देशों के बीच पर्यटन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक सहयोग को नया बल मिलेगा।
उन्होंने बताया कि यह पहल भारत सरकार की क्षेत्रीय एकीकरण की दृष्टि और सुरक्षित, सतत सीमा विकास नीति के अनुरूप है।
पर्यावरण-अनुकूल मॉडल पर होगा विकास
सीएम धामी ने बताया कि LPAI द्वारा इस परियोजना के लिए डिज़ाइन प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है, ताकि ऐसा पर्यावरण-अनुकूल और आधुनिक मॉडल तैयार किया जा सके जो विकास और प्रकृति संरक्षण का संतुलित उदाहरण बने।
मुख्यमंत्री ने भारत सरकार, लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी और राज्य के सभी विभागों से समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए, ताकि निर्माण कार्य शीघ्र पूरा हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा —
“बनबसा लैंड पोर्ट परियोजना उत्तराखंड की सीमाओं को समृद्धि, सहयोग और अवसरों की नई पहचान देगी। यह सीमांत क्षेत्रों के विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगी।”
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