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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से भेट कर सुनी उनकी समस्याएं, जल्द निस्तारण के अधिकारीयों को दिए निर्देश।

उधमसिंह नगर – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने लोहियाहेड कैंप कार्यालय में विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आए लोगों से भेंट की और उनकी समस्याएं सुनी। साथ ही उनके त्वरित समाधान हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। जिसके बाद एक बुजुर्ग महिला ने धामी के सर पर हाथ रख कर आशीर्वाद भी दिया।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भाजपा सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारण के मूल मन्त्र को आत्मसात करते हुए जनसेवा के भाव से निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश में भ्रमण के दौरान जनता से लगातार सरकार के कार्यों का फीडबैक लगातार लिया जा रहा है, कहा जनआकांक्षाओं के अनुरुप हमारी सरकार प्रदेशहित में कार्य करने के लिए संकल्पित हैं।
Dehradun
लखपति दीदी और स्वयं सहायता समूहों को मिली मजबूती, श्रीनगर में सीएम ने की सराहना

सहकारिता से समृद्धि की राह पर अग्रसर उत्तराखंड, सहकारिता आंदोलन बनेगा ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण का प्रेरक सूत्र
सहकारिता ही सामाजिक एकता और आर्थिक स्वावलंबन की आधारशिला – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को आवास विकास मैदान श्रीनगर में आयोजित नौ दिवसीय सहकारिता मेले में प्रतिभाग किया।
देहरादून: मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों/समूहों/संस्थाओं द्वारा लगाए गए स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों का निरीक्षण कर स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने तथा उन्हें बाजार से जोड़ने के प्रयासों के लिए काश्तकारों एवं स्वयं सहायता समूहों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में सहकारिता आंदोलन ग्रामीण विकास एवं महिला सशक्तिकरण का प्रेरक सूत्र बनने के साथ सामाजिकता तथा आंशिक स्वावलंबन का आधार भी है। सहकारिता समाज को जोड़ने और आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि यह मेला सहकारिता की भावना को और प्रगाढ़ करेगा तथा महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों को एक व्यापक मंच उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि सहकारिता भारत की संस्कृति और जीवन पद्धति का प्रतीक है, जिसकी झलक “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना में भी दिखाई देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 को विश्व सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है और सहकारी से समृद्धि के लक्ष्य को साकार करने हेतु केंद्र सरकार ने एक अलग सहकारी मंत्रालय का गठन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाने के तहत अब तक 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा हो चुका है। साथ ही 13 जनपदों की 5511 समितियों में से 3838 समितियों के अभिलेख राष्ट्रीय सहकारी पोर्टल पर अपलोड कर ऑनलाइन किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष की तुलना में मंडुवा की खरीद में 5.50 रुपये प्रति किलो की वृद्धि कर 48.86 प्रति किलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि कार्याें हेतु किसानों को पं दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना से तीन तथा महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण प्रदान किया जा रहा है। कहा कि आज प्रदेश के सहकारी बैंकों में 16 हजार करोड़ रुपये की सहकारी पूंजी जमा होना जनता के विश्वास का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिला उद्यमिता को नई दिशा मिल रही है और “लखपति दीदी” अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के “इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा” कथन को राज्य की महिलाएँ अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के माध्यम से साकार कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जनपदों में चल रहे विकास कार्यों को प्राथमिकता दी है। राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है। नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने हेतु देश का सबसे सख़्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है और सौ से अधिक नकल माफियाओं को जेल भेजा गया है। हाल ही में हरिद्वार में उजागर नकल प्रकरण पर त्वरित संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्यवाही की और युवाओं की अपेक्षा के अनुरूप सीबीआई जांच की संस्तुति की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक सख्त भू-कानून लागू कर भूमाफियाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया गया है, जिससे उत्तराखंड के मूल अस्तित्व और भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीनगर में सीवर लाइन एवं पेयजल आपूर्ति की डीपीआर प्राप्त होते ही तत्काल स्वीकृति दी जाएगी, जिससे नगर में पंद्रह घंटे तक निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में वर्तमान में 31 लाख लोग सहकारिता से जुड़े हैं, जिसे 50 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। सहकारिता द्वारा प्रदेशभर के 16 लाख किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण वितरित किया गया है। उन्होंने बताया कि श्रीनगर में आयोजित सहकारिता मेले में महिला स्वयं सहायता समूहों ने लगभग 35 लाख का व्यापार किया है तथा इस मेले से श्रीनगर में लगभग 1 करोड़ का व्यापार हुआ है।
मंत्री ने बताया कि कॉपरेटिव इस समय 30 करोड़ रुपये के लाभ में है। लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन से जोड़ा जा रहा है। सहकारिता मंत्री ने बताया कि सरकार के प्रयासों से रोजगार के अवसरों में निरंतर वृद्धि हो रही है। कल 1500 एलटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे, जिससे राज्य में रोजगार का आंकड़ा 26,500 के पार पहुंच जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री व सहकारिता मंत्री ने शक्ति स्वयं सहायता समूह पाबौ को बागवानी के लिए, उड़ान स्वयं सहायता समूह पाबौ को मुर्गीपालन, सवेरा स्वयं सहायता समूह पलिगांव पाबौ को दोना-पत्तल, महादेव स्वयं सहायता समूह पैठाणी को मुर्गीपालन, जयहरीखाल के मालन स्वयं सहायता समूह को बद्री गाय पालन के लिए 5-5 लाख के चेक वितरित किये। इसके अलावा वसुंधरा स्वायत्त सहकारिता पसीणा तथा जय भोलेनाथ स्वायत्त सहकारिता कंडेरी को कृषि विभाग की एसएमएएम योजना के अंतर्गत कृषि यंत्रों के लिए 4-4 लाख के चेक जबकि गुच्छी उत्पादन तकनीक के लिए नवीन पटवाल को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने विद्यालय के बच्चों की उत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम में विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, जिला पंचायत अध्यक्षा रचना बुटोला, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह सहित सहकारिता से जुड़े लोग एवं अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित रहे।
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धामी सरकार का कार्यकाल बेमिसाल, युवाओं, बुजुर्गों से लेकर नेता भी हुए फैन !

देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल को चार साल पूरे हो गए हैं। इस समय में उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जिन्होंने मिसाल ही पेश कर दी। सीएम धामी के सिर पर ऐसे समय में मुख्यमंत्री का ताज सजा था जब उत्तराखंड राजनीतिक अस्थिरता के भंवर में गोते खा रहा था। उस समय किसी को किसी को अंदाजा भी नहीं था कि उनके जैसे साधारण कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। उत्तराखंड राज्य गठन के 25 साल पूरे हो गए हैं और इस अवधि में सीएम धामी दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने चार साल तक पदभार संभाला है।
सीएम धामी का अभी तक का कार्यकाल बेदाग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चार साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। इस पूरे समय में मुख्यमंत्री पर एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा बल्कि सीएम के नेतृत्व में कई भ्रष्टाचारी जेल गए। जो कि उत्तराखंड के इतिहास में एक रिकॉर्ड बन गया। इस दौरान उन्होंने आमजन की अपेक्षाओं में खुद को ढाला और चुनौतियों से निपटने का जज्बा भी दिखाया। साल 2021 में चार जुलाई को जब बतौर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना पहला कार्यकाल शुरू किया था तो तत्कालीन भाजपा सरकार में छह महीने के अंतराल में ही दो मुख्यमंत्री बदले जा चुके थे।
ऐसे में विधानसभा चुनाव की चुनौती के बीच राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें इसी बात पर टिकी थी कि अनुभवी नेताओं के बीच एक एक युवा चेहरा कैसे अपनी जगह बनाता है और कैसे पार्टी हाईकमान की उम्मीदों पर खरा उतरता है। लेकिन पुष्कर सिंह धामी ने ना केवल पार्टी हाईकमान की उम्मीदों के मुताबिक काम किया बल्कि जनता का भी विश्वास जीता और साल 2022 में पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत हुई। लेकिन सीएम धामी अपनी सीट से हार गए। लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने उनपर भरोसा जताया और एक बार फिर से उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया। पार्टीहाईकमान की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए धामी ने भी खुद को साबित किया और इसी के साथ उनके खाते में पूर्व सीएम एनडी तिवारी के बाद सर्वाधिक चार वर्ष तक उत्तराखंड का मुख्यमंत्री रहने की उपलब्धि जुड़ गई।
यूसीसी लागू कर देश में पेश की मिसाल
सीएम धामी ने अपनी दूसरी सरकार के कार्यकाल में वो किया जो पूरे देश के लिए मिसाल बन गया। विधानसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फरवरी 2022 में यह घोषणा की थी कि फिर सत्ता में आने पर समान नागरिक संहिता को प्रदेश में लागू किया जाएगा। उस समय तो इसे चुनावी वादा ही समझा गया था लेकिन दोबारा सीएम बनते ही उन्होंने अपना वादा पूरा किया और उत्तराखंड देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद ऐसा पहला राज्य बन गया जिसने यूसीसी (समान नागरिक संहिता) लागू की। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद सीएम ने एक और ऐसा कदम उठाया जिसने युवाओं को उम्मीद की नई किरण दी। प्रदेश में कई पेपर लीक होने के कारण गताश युवाओं के लिए धामी सरकार ने कड़ा नकलरोधी कानून बनाया।
राजधानी देहरादून में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और घोटालों को लेकर 11 फरवरी, 2023 को विरोध प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन के अगले ही दिन उत्तराखंड के राज्यपाल ने परीक्षाओं में अनुचित साधनों के उपयोग को रोकने हेतु उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों के नियंत्रण और रोकथाम उपाय) अध्यादेश, 2023 को अपनी सहमति दी और फिर देश का सबसे कड़ा नकलरोधी कानून बना। इसके साथ ही धामी सरकार ने इन चार सालों में जनसांख्यिकीय में तेजी से बदलाव से निपटने के लिए मतांतरण, दंगाइयों से निपटने को कड़े कानून भी बनाए।
लैंड जिहाद के खिलाफ लिए बड़े फैसले
प्रदेश में लैंड जिहाद के खिलाफ सीएम धामी का कड़ा रूख देखने को मिला। सरकारी जमीनों पर हुए कब्जों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराया गया। इस अभियान के तहत रामनगर से लेकर देहरादून तक एक्शन देखने को मिला और सरकारी और वन भूमि पर बने अवैध धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किया गया। लैंड जिहाद मामले में अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत सरकार ने 9000 एकड़ से भी अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराया। इसके साथ ही सरकार ने प्रदेश में अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए। सत्यापन अभियान के तहत प्रदेशभर में 132 से भी ज्यादा अवैध मदरसों को सील किया गया।
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयास
चार साल का कार्यकाल पूरा होने और पांचवें वर्ष में प्रवेश करते हुए सीएम धामी ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास शुरु किए हैं। सीएम ने पिथौरागढ़ और रुद्रपुर में निर्माणाधीन मेडिकल कालेज शीघ्र शुरू करने का संकल्प दोहराया। इसके साथ ही उन्होंने राज्य की माली हालत सुधारने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सहायता से कर संग्रह का पुख्ता तंत्र बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी।
1905 डायल करें आपकी शिकायत सुनेंगे सीएम
आमजन की समस्याएं सीएम तक पहुंचे इसके लिए सीएम हेल्पलाइन 1905 जारी किया गया है। सीएम ने लोगों की समस्याएं उन तक सीधे पहुंचे इसलिए सीएम हेल्पलाइन पर समस्याओं के जल्द निस्तारण के निर्देश दिए हैं। हर हफ्ते सीएम धामी खुद सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निस्तारण के बारे में हर जिले के जिलाधिकारी से जानकारी लेते हैं। सीएम धामी की पहल के कारण कई लोगों को सालों पुरानी समस्याओं का सिर्फ कॉल पर समाधान मिला है।
प्रदेश के युवाओं का भी जीता भरोसा
जहां एक ओर नकलरोधी कानून बनने के बाद पेपर लीक से मुक्ति मिलने की युवा सोच रहे थे तो वहीं इसके उलट इसी साल सितंबर में कुछ ऐसा हुआ कि एक बार फिर से युवाओं को सड़कों पर उतरने के मजबूर होना पड़ा। 21 सितंबर को यूकेएसएसएससी ती स्नातक परीक्षा हुई। जिसके शुरू होने के लगभग एक घंटे बाद ही पेपर लीक होने की खबरें तैरने लगी। पेपर खत्म हुआ और मामले ने तूल पकड़ा। नतीजन बेरोजगार युवा एक बार फिर से सड़कों पर उतर आए। युवाओं के प्रदर्शन को देख सरकार ने मामले की जांच एसआईटी को सौंपी। लेकिन युवा इस से संतुष्ट नहीं हुए और आंदोलन जारी रहा। इस बीच सरकार और युवाओं के बीच बातचीत हुई लेकिन बात नहीं बनी।
युवा लगातार मामले की सीबीआई जांच और परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़े रहे। वहीं विपक्ष भी इस मौके को भुनाना चाहता था। लेकिन सीएम धामी ने अचानक खुद युवाओं के बीच पहुंचकर सबको चौंका दिया जिसका किसी को भी अंदाजा नहीं था। युवाओं के बीच पहुंचकर सीएम ने मामले की सीबीआई जांच की घोषणा की। इसी के साथ युवाओं का आंदोलन खत्म हुआ लेकिन परीक्षा को रद्द करने की मांग अब भी थी।
उत्तराखंड के युवाओं की ईमानदारी और लगन सबसे बड़ी पूंजी – CM
राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया। इस खबर से आंदोलनरत छात्र खुश हुए और सीएम को धन्यवाद किया। इसी के साथ सीएम धामी ने युवाओं का भरोसा भी जीत लिया। पेपर लीक होने क के बाद जहां एक ओर लग रहा था कि सरकार में कुछ बड़ा हो सकता है तो वहीं मुख्यमंत्री धामी ने इस चुनौती से निपटते हुए युवाओं का भरोसा जीत लिया। राज्य के इतिहास में सीएम धामी पहले ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने लगातार तीसरी बार युवाओं के बीच जाकर उनसे मुलाकात की। युवाओं ने सीएम से मिलकर उनके हित में लिए गए फैसले के लिए उनका धन्यवाद किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि सरकार लगातार इस दिशा में कार्य कर रही है कि हर पात्र युवक-युवती को निष्पक्ष अवसर मिले और राज्य के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूर्ण पारदर्शिता और विश्वास का माहौल स्थापित हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं की मेहनत, लगन और ईमानदारी ही राज्य के भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी है, और सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर है।
कुछ इस तरह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बीते चार सालों में भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े चेहरे के रूप में उभरे। उनका नाम ना केवल उत्तराखंड के बल्कि देश के बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार हो गया है। उनके काम को देख कई बार विपक्ष के नेता भी खुद को उनकी तारीफ करने से नहीं रोक पाए। यही नहीं सीएम धामी ने साल 2023 और 2024 में देश के 100 शक्तिशाली नेताओं में भी अपनी जगह बनाई थी। जहां साल 2023 में इस सूची में उनका नाम 93वें पायदान पर था तो वहीं साल 2024 में वो 61वें सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बने।
Dehradun
मुख्यमंत्री धामी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से की मुलाकात, राज्य की परियोजनाओं को स्वीकृति देने का किया अनुरोध

देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट कर राज्य से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री को जीएसटी सुधारों के सफल क्रियान्वयन के लिए शुभकामनाएँ देते हुए वित्त मंत्रालय द्वारा उत्तराखंड राज्य को दिए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या का दबाव लगातार बढ़ रहा है। पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील एवं भारी वर्षा वाले प्रदेश में नगरीय जल निकासी प्रणाली (Urban Drainage System) के सुधार और अपग्रेडेशन की बहुत आवश्यकता है। इसके लिए राज्य के सर्वाधिक बारिश से प्रभावित 10 जिलों के लिए स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम के उन्नयन और सुधार के लिए डीपीआर तैयार की गई हैं, जिनकी कुल अनुमानित लागत रुपये 8,589.47 करोड़ है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से इन परियोजनाओं को पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से उत्तराखंड राज्य के बाह्य सहायतित परियोजनाओं (EAPs) की शीघ्र स्वीकृति का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से उत्तराखंड क्लाइमेट रिज़िलीअन्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिल चुकी है। इसी के साथ राज्य सरकार की ओर से सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सुदृढ़ीकरण परियोजना के लिए 850 करोड़ रुपये और जलापूर्ति व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए 800 करोड़ का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से इन परियोजनाओं की शीघ्र स्वीकृति कराने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय वित्त मंत्री से पूर्व में मिले आश्वासन के क्रम में उत्तराखंड को वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2025-26 के बाह्य सहायतित परियोजनाओं की सीलिंग के अतिरिक्त 4 अन्य प्रमुख परियोजनाओं को भी शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। इन परियोजनाओं में 2000 करोड़ की जल एवं स्वच्छता नगरीय अवसंरचना विकास परियोजना, 424 करोड़ रुपये की डीआरआईपी -III, 3638 करोड़ रुपए की उत्तराखंड क्लाइमेट रेसिलिएंट इंट्रा स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन सिस्टम डेवलपमेंट और 1566 करोड़ रुपये की उत्तराखंड पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन रिलायबिलिटी इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी परियोजनाएँ राज्य के बुनियादी ढाँचे, जल संसाधन प्रबंधन, ऊर्जा और सार्वजनिक सर्विस डिलीवरी व्यवस्था को मज़बूती प्रदान करेंगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्यमंत्री धामी को हर संभव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।
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