Chamoli
जंगल में घास लेने गई महिला की खाई में गिरकर दर्दनाक मौत, पढ़िए !

चमोली: नारायणबगड़ के गड़सीर गांव से एक दुखद खबर सामने आई है, जहां 36 वर्षीय कृष्णा देवी की जंगल में घास लेने के दौरान चट्टान से गिरकर मौत हो गई। यह घटना पटोरी के जंगल में हुई…जहां कृष्णा देवी अन्य महिलाओं के साथ घास काटने गई थीं।
सूचना के मुताबिक कृष्णा देवी का पैर अचानक फिसल गया और वह गहरी खाई में गिर गईं। साथ आई महिलाओं ने तुरंत इस घटना की सूचना गांव में दी। ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन को सूचना देकर मदद मांगी। राजस्व पुलिस और डीडीआरएफ की टीम देर शाम घटना स्थल पर पहुंची और गहरी खाई से महिला का शव बरामद किया।
मौके पर मौजूद एसडीएम पंकज भट्ट ने बताया कि मृतक महिला के शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए उपजिला अस्पताल कर्णप्रयाग भेज दिया गया है। उन्होंने घटना की जांच कराने के निर्देश भी दिए हैं। ग्रामीणों में इस दुखद घटना को लेकर शोक की लहर है। प्रशासन ने भी मृतक के परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
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Uttarakhand में फिर टूटा कुदरत का कहर! Chamoli के मुख गांव में फटा बादल

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जनपद में नंदप्रयाग घाट के आगे स्थित मुख गांव से बादल फटने की खबर ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम तुरंत राहत और बचाव कार्य के लिए मौके की ओर रवाना हो गई है। स्थानीय प्रशासन स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए है…और सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं।
तेज बारिश के चलते इलाके में भूस्खलन और भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। मौसम विज्ञान विभाग के हाइड्रोमेट डिवीजन नई दिल्ली की ओर से राज्य में बाढ़ के खतरे को लेकर पूर्वानुमान जारी किया गया है। इसके बाद राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश देते हुए जरूरी सावधानियां बरतने के लिए पत्र भेजा है।
प्राप्त सूचना के अनुसार सोमवार को 24 घंटे के भीतर अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में भारी वर्षा के कारण जलभराव और बाढ़ की स्थिति बनने की आशंका है। प्रशासन से कहा गया है कि संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाए, और आवागमन पर नियंत्रण रखा जाए।
इधर प्रदेश में मूसलाधार बारिश के चलते 74 सड़कें बंद हो चुकी हैं। राज्य आपातकालीन केंद्र के अनुसार, रुद्रप्रयाग में पांच, उत्तरकाशी में एक नेशनल हाईवे और आठ ग्रामीण सड़कें, नैनीताल में एक, चमोली में एक राज्य मार्ग और 20 सड़कें, पिथौरागढ़ में 9, अल्मोड़ा में 3, बागेश्वर में 8, चंपावत में 1, पौड़ी में 6, देहरादून में 4, और टिहरी जिले में 8 ग्रामीण सड़के भूस्खलन के कारण बंद हो गई हैं।
वहीं पहले से बंद पड़ा ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी औजरी के पास अब तक नहीं खुल पाया है जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह अलर्ट पर हैं…लेकिन लगातार हो रही बारिश ने राहत कार्य में भी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। सरकार ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम विभाग के ताज़ा अलर्ट्स का पालन करें।
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उमटा के पास फिर बंद हुआ बदरीनाथ हाईवे, हिमनी-बलाण सड़क भी एक हफ्ते से ठप

कर्णप्रयाग/ देवाल/चमोली (उत्तराखंड): पहाड़ों में आफत की बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। कर्णप्रयाग और आसपास के इलाकों में सुबह से लगातार हो रही तेज बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। भारी बारिश के चलते बदरीनाथ नेशनल हाईवे एक बार फिर उमटा के पास मलबा आने से बंद हो गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है।
सिवाई क्षेत्र में भी हालात गंभीर हैं, जहां रेलवे टनल के पास गदेरे का जलस्तर बढ़ने से अस्थायी सड़क बह गई। कर्णप्रयाग-सिवाई संपर्क टूट गया है, जिससे लोगों को आवाजाही में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गौचर रानो मोटर मार्ग भी गंगानगर रानो के पास पहाड़ी से आए भारी मलबे के कारण अवरुद्ध हो गया है। कई जगहों पर छोटे-छोटे बोल्डर और मलबा सड़कों पर बिखर गया है, जिससे दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है।
विकासखंड की हिमनी-बलाण सड़क पर भी मलबा हटाने का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। कालीताल से आगे का रास्ता पूरी तरह बंद है, और ग्रामीणों को रोजाना करीब 5 किलोमीटर पैदल चलकर जरूरी कार्यों के लिए जाना पड़ रहा है।
बलाण गांव के गोविंद सिंह और विक्की कुमार ने बताया कि सड़क के पुनः खुलवाने के लिए बार-बार विभाग से संपर्क किया गया, लेकिन एक सप्ताह बीतने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने स्थायी रूप से जेसीबी मशीन की तैनाती की मांग करते हुए जिलाधिकारी से हस्तक्षेप की अपील की है। इस बीच पीएमजीएसवाई विभाग के एई डीएस भंडारी ने कहा है कि मशीन मौके पर भेज दी गई है और जल्द ही मार्ग को खोलने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
नारायणबगड़ क्षेत्र का झिंझौंणी गांव भी बारिश की मार से अछूता नहीं है। भारी भूस्खलन की वजह से गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला एकमात्र पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक को पत्र भेज कर बताया कि बच्चों को स्कूल और आंगनबाड़ी पहुंचने में भारी दिक्कत हो रही है। बुजुर्गों की आवाजाही भी ठप हो गई है। ग्रामीणों ने विधायक निधि से धन आवंटन कर रास्ते के शीघ्र पुनर्निर्माण की मांग की है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी और बढ़ गई है कि वह प्रभावित क्षेत्रों में जल्द राहत पहुंचाए।
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बदरीनाथ हाईवे पर गिरा भारी मलबा, बाल-बाल बचे लोग…आवाजाही ठप

कर्णप्रयाग ( चमोली): उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। आज सुबह बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग गौचर तलधारी के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गया। पहाड़ी से अचानक भारी मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर सड़क पर गिर गए। गनीमत रही कि उस समय सड़क पर चल रहे लोग बाल-बाल बच गए।
इसी के साथ कर्णप्रयाग-नेनीसैंण मोटर मार्ग पर भी एक चट्टान टूटकर गिर गई। यह घटना आईटीआई से लगभग 500 मीटर आगे हुई, जिससे मार्ग बाधित हो गया है। सड़क बंद होने की वजह से कपीरीपट्टी के लोगों को डिम्मर-सिमली होते हुए कर्णप्रयाग की ओर जाना पड़ रहा है।
इधर मौसम विभाग ने देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में आज दिनभर और रात के समय बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। अन्य जिलों में भी ऑरेंज अलर्ट के तहत तेज बारिश की चेतावनी दी गई है।
गंगा का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार सुबह से जारी बारिश के बाद जलस्तर बढ़कर 292.90 मीटर तक पहुंच गया है, जो चेतावनी रेखा 293 मीटर के बेहद करीब है। गंगा घाटों को खाली करवा दिया गया है और प्रशासन ने आसपास रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया है।
आपदा प्रबंधन टीम और प्रशासन चौकस है। राज्य के साथ-साथ उत्तर प्रदेश का प्रशासन भी अलर्ट पर है। नदी-नालों के किनारे जाने से बचने और पर्वतीय क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी गई है।
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