Dehradun
केदारनाथ हेली टिकट बुकिंग में मचा बवाल: चंद मिनटों में 7 हजार टिकट बुक, एजेंटों की चालबाज़ी या श्रद्धालुओं की दीवानगी ?

देहरादून: बाबा केदार के दर्शन की चाह लिए हजारों श्रद्धालुओं ने जैसे ही हेली सेवा टिकट बुकिंग के लिए आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर लॉगइन किया, वैसे ही कुछ ही मिनटों में सात हजार से अधिक टिकट बुक हो गए और बुकिंग विंडो बंद हो गई। अब सवाल यह है कि क्या यह टिकट श्रद्धालुओं ने व्यक्तिगत रूप से बुक किए या फिर कोई एजेंट सिंडीकेट सक्रिय हो गया है?
आईआरसीटीसी द्वारा श्री केदारनाथ धाम हेली सेवा के लिए बुकिंग व्यवस्था को पूरी तरह से ऑनलाइन किया गया है और किसी भी अन्य विंडो या प्लेटफॉर्म से टिकट जारी नहीं किए जाते। मंगलवार को सुबह 12 बजे जैसे ही बुकिंग खुली, कुछ ही मिनटों में मई महीने की सभी सीटें फुल हो गईं। इस प्रक्रिया में लोगों को विस्तृत फॉर्म भरकर, ओटीपी वेरीफिकेशन के बाद टिकट मिलना था। लेकिन हज़ारों लोग ओटीपी का इंतज़ार करते रह गए और टिकट उनकी आंखों के सामने “सोल्ड आउट” हो गए।
यह घटना 2022 में सामने आए रेलवे टिकट स्कैम की याद दिलाती है, जब कई विदेशी सॉफ्टवेयर और बॉट्स के माध्यम से दलालों ने कंफर्म टिकटों का काला बाज़ार चलाया था। तब भी हज़ारों फर्जी आईडी पकड़ी गईं और कई एजेंट गिरफ्तार हुए थे। अब फिर से वैसा ही पैटर्न दिखने लगा है, जिससे सिस्टम की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं।
उत्तराखंड सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आईआरसीटीसी से बुकिंग के दौरान इस्तेमाल हुए आईपी एड्रेस का विवरण तलब किया है। यह जानना ज़रूरी है कि बुकिंग करने वाले कौन थे? क्या वे श्रद्धालु थे या एजेंटों के नेटवर्क से जुड़े लोग?
जानकारी के अनुसार, इस बुकिंग विंडो में करीब 23 हजार लोगों ने टिकट पाने की कोशिश की, लेकिन सिर्फ 7,000 टिकट ही बुक हो पाए। ऐसे में भारी संख्या में लोगों को मायूसी ही हाथ लगी। यह भी देखा गया कि कुछ टिकट एजेंट साइट्स पर ऊंचे दामों पर रीसेल के लिए भी डाले गए, जिससे संदेह और गहरा गया।
श्रद्धालु: हमने समय पर फॉर्म भरा, ओटीपी नहीं आया और टिकट गायब हो गया। क्या ये भक्तों के साथ धोखा नहीं ?
साइबर विशेषज्ञ: यदि लगातार कुछ ही आईपी से भारी मात्रा में टिकट बुक हो रहे हैं, तो साफ है कि कोई ऑटोमेटेड सिस्टम या स्क्रिप्ट इस्तेमाल की जा रही है।
अब निगाहें हैं सरकार और आईआरसीटीसी की जाँच रिपोर्ट पर। अगर एजेंटों की संलिप्तता पाई जाती है, तो टिकट बुकिंग प्रक्रिया में बदलाव और एजेंट सिंडीकेट पर शिकंजा कसना तय माना जा रहा है।
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Breakingnews
उत्तराखंड से बड़ी खबर: कोर्ट के अग्रिम आदेश तक नहीं होंगे पंचायत चुनाव, निर्वाचन आयोग ने सभी कार्यवाही पर लगाई रोक !

देहरादून: राज्य निर्वाचन आयोग ने कोर्ट के अग्रिम आदेश तक राज्य में होने वाले पंचायत चुनावों के नामांकन और आगे की कार्यवाही को स्थगित किया।
प्रदेश से आदर्श आचार संहिता खत्म।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने जारी किया आदेश।
कोर्ट के अग्रिम आदेशों तक नहीं होगी पंचायत चुनाव की कोई कार्यवाही।
राज्य निर्वाचन आयोग ने तीन रोज पहले जारी किया था पंचायत चुनाव का शेड्यूल।
हाई कोर्ट की रोक के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने लिया फैसला।
कल 25 तारीख से होने थे नामांकन।
Dehradun
अब नहीं लगानी पड़ेगी लाइन, QR कोड से मिनटों में भरें पानी का बिल

देहरादून: प्रदेशभर के जल उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। उत्तराखंड जल संस्थान ने पानी के बिल भरने की प्रक्रिया को और सरल बनाते हुए क्यूआर कोड आधारित भुगतान सुविधा शुरू कर दी है। इस नई व्यवस्था के तहत अब प्रदेश के करीब 30 लाख जल संयोजन धारक अपने बिलों का भुगतान मोबाइल से सीधे क्यूआर कोड स्कैन कर के कर सकेंगे।
जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक डीके सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि अब उपभोक्ताओं को पानी का बिल जमा करने के लिए लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। वे घर बैठे डिजिटल पेमेंट, नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड या क्यूआर कोड से भुगतान कर सकते हैं। यह सुविधा सभी जिलों में लागू कर दी गई है।
जल संस्थान के बिलिंग काउंटरों पर एटीएम कार्ड स्कैन मशीन भी लगाई गई हैं….ताकि ऑफलाइन भुगतान भी आसान बनाया जा सके। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य है कि उपभोक्ताओं को समय से बिल भरने के लिए अधिकतम सुविधा मिल सके।
हालांकि शुरुआत में कुछ उपभोक्ताओं ने शिकायत की कि कुछ बिलों पर क्यूआर कोड सही ढंग से प्रिंट नहीं हुआ है….जिससे स्कैन करने में दिक्कत आ रही है। जल संस्थान के इंजीनियरों का कहना है कि यह तकनीकी दिक्कत शुरुआती चरण में आती है और जल्द ही इसे पूरी तरह ठीक कर लिया जाएगा।
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Dehradun
मुख्यमंत्री धामी ने वाराणसी में हुई मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उत्तराखंड के अहम मुद्दे उठाए

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को वाराणसी में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में प्रतिभाग किया। बैठक में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं मंत्रीगण उपस्थित थे।
मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगा उत्तराखण्ड राज्य सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके दृष्टिगत राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, संचार, सुरक्षा एवं रसद आपूर्ति की समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री से आग्रह किया कि सीमा सड़क संगठन के माध्यम से उत्तराखण्ड को और अधिक सहायता प्रदान की जाए। वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के सीमावर्ती गाँवों में सुविधाओं का विकास किया जाए जिससे वहां हो रहे पलायन को रोकने में सहायता मिल सके। उन्होंने सीमांत क्षेत्रों में संचार सुविधाओं के विकास के लिए भारत नेट योजना, 4-जी विस्तार परियोजना तथा उपग्रह आधारित संचार सेवाएं प्रारंभ करने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने बैठक में उत्तराखंड राज्य के हित में केंद्र सरकार से कुछ नीतिगत प्रावधानों में शिथिलता प्रदान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के केंद्रीय अनुदान का आवंटन एकमुश्त किये जाने, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कुशल संचालन हेतु अतिरिक्त सहयोग प्रदान करने, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अध्ययन के लिए राज्य में एक उच्चस्तरीय ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की स्थापना किये जाने और जैव विविधता संरक्षण संस्था की स्थापना के लिए भी केंद्र से तकनीकी सहयोग की मांग की। मुख्यमंत्री ने राज्य में साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए सहयोग मांगा। उन्होंने उत्तराखण्ड में वर्ष 2026 में नंदा राजजात यात्रा और 2027 में कुम्भ मेले के सफल एवं भव्य आयोजन हेतु केंद्र सरकार से आवश्यक सहयोग प्रदान करने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत पर्वतीय भू-भाग वाले उत्तराखण्ड राज्य का 71 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है। राज्य की जटिल भौगोलिक परिस्थिति तथा विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य की आर्थिक गतिविधियाँ सीमित हैं। इन प्रतिकूल परिस्थितियों एवं सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य की अर्थव्यवस्था में लगभग डेढ़ गुना की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी रैंकिंग में उत्तराखण्ड ने प्रथम स्थान प्राप्त करने के साथ ही इस वर्ष जारी केयर एज रेटिंग रिपोर्ट में सुशासन एवं वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में छोटे राज्यों की श्रेणी में भी उत्तराखण्ड को दूसरा स्थान मिला है। राज्य में समान नागरिक संहिता, सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगारोधी कानून, भू-कानून बनाकर उत्तराखण्ड को समरस एवं सुरक्षित राज्य बनाने हेतु कार्य किये जा रहे हैं। वोकल फॉर लोकल, विरासत एवं संस्कृति, शिक्षा एवं कौशल, सहभागिता तथा आत्मनिर्भरता के सूत्रों को आत्मसात करते हुए प्रदेश के लगभग तीन लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार के विभिन्न माध्यमों से जोड़ने की महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित की गई है। उत्तराखंड को आयुष तथा वेलनेस हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य में देश की पहली ’’योग नीति’’ का शुभारंभ भी किया गया है। राज्य में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना करने का निर्णय भी लिया गया है। इन प्रयासों और राज्य सरकार की प्रतिबद्धताओं को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारने में केन्द्र सरकार द्वारा भरपूर समर्थन और सहयोग मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद की विगत वर्षों की बैठकों में अनेकों महत्वपूर्ण नीतिगत एवं अंतर्राज्यीय विषयों के समाधान का मार्ग प्रशस्त हुआ है। देश में सहकारिता, सुरक्षा और क्षेत्रीय समन्वय के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व और गृह मंत्री के प्रयासों से भारत आंतरिक रूप से कहीं अधिक सुरक्षित, संगठित और आत्मविश्वास से परिपूर्ण होकर विकसित एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर हुआ है।
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