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चंडीगढ़ को दहलाने की साजिश नाकाम, RDX और टाइम बम के साथ दो आतंकी गिरफ्तार…

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ को एक बार फिर से दहलाने की बड़ी साजिश को पुलिस की मुस्तैदी ने नाकाम कर दिया। आतंकियों के इशारे पर काम कर रहे दो बदमाश RDX और टाइम बम लेकर शहर में दाखिल हुए थे, लेकिन क्राइम ब्रांच ने वारदात को अंजाम देने से पहले ही उन्हें सेक्टर-39 की जीरी मंडी के पास से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार किए गए दोनों बदमाश अमेरिका में बैठे मोस्ट वांटेड गैंगस्टर हैप्पी पसिया के इशारे पर काम कर रहे थे। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार, टाइम बम और विस्फोटक (RDX) बरामद हुआ है। यह ऑपरेशन एसपी जसबीर सिंह के नेतृत्व में और इंस्पेक्टर सतविंदर सिंह की टीम द्वारा अंजाम दिया गया।
हाल ही में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने इनपुट दिया था कि आतंकी हैप्पी पसिया चंडीगढ़ के साउथ एरिया के किसी थाने को उड़ाने की साजिश रच रहा है। इस अलर्ट के बाद सभी थानों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।
हैप्पी पसिया और पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा पहले भी 9 सितंबर 2024 को सेक्टर-10 की कोठी नंबर-575 पर हैंड ग्रेनेड हमला करवा चुके हैं। यह कोठी एनआरआई रमेश मल्होत्रा की है। उस हमले की जिम्मेदारी भी हैप्पी पसिया ने ली थी।
सितंबर 2024 से अब तक पंजाब और चंडीगढ़ में 15 से ज्यादा ग्रेनेड हमले हो चुके हैं। इनमें प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:
23 नवंबर 2024: अजनाला पुलिस स्टेशन के पास विस्फोटक प्लांट
29 नवंबर: अमृतसर के गुरबख्श नगर में पुलिस चौकी पर हमला
2 दिसंबर: नवांशहर, 4 व 13 दिसंबर:** मजीठा और बटाला पर हमले
17 दिसंबर: अमृतसर के इसलामाबाद थाने पर BKI का हमला
16 मार्च 2025: यूट्यूबर रोजर संधू पर हमला
8 अप्रैल 2025: भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के घर ग्रेनेड अटैक
गौरतलब है कि गैंगस्टर हैप्पी पसिया को अप्रैल 2025 में अमेरिका में FBI और इमीग्रेशन विभाग ने गिरफ्तार किया था, बावजूद इसके उसके नेटवर्क के लोग भारत में सक्रिय हैं और लगातार आतंकी हमलों की साजिश रच रहे हैं।
पुलिस ने कहा है कि पूछताछ के बाद इस मामले में और गिरफ्तारियां संभव हैं। शहर में अलर्ट जारी कर दिया गया है और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो चुकी हैं।
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मल्यालम सिनेमा को लगा बड़ा झटका! नहीं रहे श्रीनिवासन, 69 की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा..

मल्यालम सिनेमा के दिग्गज अभिनेता, पटकथा लेखक और निर्देशक Sreenivasan का 69 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। आज, 20 दिसंबर 2025 को उन्होंने कोच्चि के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके जाने की खबर ने पूरे दक्षिण भारतीय फिल्म जगत को गहरे शोक में डुबो दिया है।
इस विशेष लेख में हम उनके जीवन, करियर, परिवार और उस विरासत को याद कर रहे हैं, जिसने मल्यालम सिनेमा को सोचने की नई भाषा दी।
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श्रीनिवासन (Sreenivasan) जीवनी: एक नजर में
श्रीनिवासन सिर्फ एक कलाकार नहीं थे। वे मल्यालम सिनेमा की अंतरात्मा कहे जाते थे। उनकी फिल्मों में हास्य था, लेकिन वह हंसी हमेशा समाज से सवाल पूछती थी।
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| पूरा नाम | श्रीनिवासन (Sreenivasan) |
| जन्म | 6 अप्रैल 1956 |
| जन्म स्थान | पट्टिओम, कन्नूर, केरल |
| निधन | 20 दिसंबर 2025 |
| उम्र | 69 वर्ष |
| पेशा | अभिनेता, पटकथा लेखक, निर्देशक |
| सक्रिय वर्ष | 1976 – 2023 |

शुरुआती जीवन और शिक्षा
श्रीनिवासन का जन्म केरल के कन्नूर जिले के छोटे से गांव पट्टिओम में हुआ। उनके पिता स्कूल शिक्षक थे और वामपंथी विचारधारा से जुड़े थे। यही सोच आगे चलकर श्रीनिवासन की फिल्मों की आत्मा बनी।
उन्होंने PRNSS कॉलेज, मट्टनूर से अर्थशास्त्र में स्नातक किया। फिल्मों के प्रति लगाव उन्हें चेन्नई ले गया, जहां उन्होंने फिल्म और टेलीविजन से जुड़ी औपचारिक ट्रेनिंग ली। यहीं से उनके सिनेमा सफर की नींव पड़ी।
Sreenivasan Career: अभिनय से आगे की सोच
1976 में उन्होंने फिल्म Manimuzhakkam से अभिनय की शुरुआत की। शुरुआती दौर में वे सहायक भूमिकाओं में दिखे, लेकिन उनकी असली पहचान एक लेखक के रूप में बनी।
पटकथा लेखक के रूप में पहचान
1984 में आई Odaruthammava Aalariyam ने यह साफ कर दिया कि मल्यालम सिनेमा को एक नया लेखक मिल चुका है। उनकी कहानियां आम आदमी के संघर्ष, राजनीति की विडंबनाओं और सामाजिक दिखावे पर तीखा व्यंग्य करती थीं।
मोहनलाल और श्रीनिवासन की ऐतिहासिक जोड़ी
Mohanlal के साथ उनकी जोड़ी मल्यालम सिनेमा की सबसे यादगार जोड़ियों में गिनी जाती है। Nadodikkattu में ‘दासन और विजयन’ आज भी दर्शकों की जुबान पर हैं। यह जोड़ी सिर्फ हंसाती नहीं थी, बल्कि बेरोजगारी और मध्यम वर्ग की हकीकत भी दिखाती थी।
श्रीनिवासन की यादगार फिल्में
श्रीनिवासन ने 225 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया और दर्जनों क्लासिक फिल्मों की पटकथा लिखी। उनकी कुछ सबसे प्रभावशाली फिल्में:
- Sandesham
राजनीति और परिवारवाद पर करारा व्यंग्य, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है। - Nadodikkattu
बेरोजगारी पर बनी कॉमेडी, जिसने इतिहास रच दिया। - Vadakkunokkiyanthram
पुरुष असुरक्षा पर आधारित यह फिल्म उन्होंने खुद निर्देशित की। - Chinthavishtayaya Shyamala
रिश्तों और जिम्मेदारियों की संवेदनशील कहानी। - Katha Parayumpol
यही कहानी आगे चलकर हिंदी फिल्म Billu बनी। - Udayananu Tharam
फिल्म इंडस्ट्री की अंदरूनी सच्चाइयों पर बनी सशक्त कहानी।
पुरस्कार और सम्मान
अपने लंबे करियर में श्रीनिवासन को कई बड़े सम्मान मिले:
- राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
- केरल राज्य फिल्म पुरस्कार (कई बार)
- फिल्मफेयर अवॉर्ड्स साउथ
इन पुरस्कारों से ज्यादा अहम थी दर्शकों की वह स्वीकृति, जो उन्हें हर पीढ़ी से मिली।
निजी जीवन और परिवार
श्रीनिवासन का परिवार भी सिनेमा से जुड़ा रहा।
- पत्नी: विमला
- बड़े बेटे: Vineeth Sreenivasan – गायक, अभिनेता और सफल निर्देशक
- छोटे बेटे: Dhyan Sreenivasan – अभिनेता और निर्देशक
दोनों बेटों में दर्शक आज भी श्रीनिवासन की झलक महसूस करते हैं।
Sreenivasan Death: अंतिम दिन
पिछले कुछ वर्षों से श्रीनिवासन की तबीयत ठीक नहीं रहती थी। 2022 में उन्हें दिल का दौरा पड़ा था और बायपास सर्जरी भी हुई थी। इसके बाद स्वास्थ्य लगातार कमजोर होता गया।
20 दिसंबर 2025 की सुबह तबीयत अचानक बिगड़ने पर उन्हें कोच्चि के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी मौत का कारण लंबे समय से चली आ रही बीमारी बताया गया है।
निष्कर्ष: एक युग का अंत
श्रीनिवासन का जाना सिर्फ एक अभिनेता का जाना नहीं है। यह उस सिनेमा का अंत है जो हंसते हुए सच कहता था। उनकी फिल्में, संवाद और किरदार आने वाली पीढ़ियों को सोचने पर मजबूर करते रहेंगे।
Sreenivasan Biography in Hindi पढ़ते हुए एक बात साफ हो जाती है। कलाकार चला जाता है, लेकिन उसकी सोच हमेशा जिंदा रहती है।
FAQs
श्रीनिवासन की मृत्यु कब हुई?
20 दिसंबर 2025 को कोच्चि में।
उनके कितने बच्चे हैं?
दो बेटे, विनीत श्रीनिवासन और ध्यान श्रीनिवासन।
क्या फिल्म Billu उनकी कहानी पर आधारित है?
हां, Billu फिल्म Katha Parayumpol की आधिकारिक रीमेक है।
उन्होंने कितनी फिल्मों में काम किया?
करीब 225 से अधिक फिल्मों में।
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क्या है G RAM G Bill ?, बिल पास होने से मनरेगा में होंगे कौन से बदलाव, जानें यहां

G RAM G Bill : आज यानी कि 18 दिसंबर को संसद के मॉनसून सत्र में लोकसभा में ग्रामीण रोजगार से जुड़ा विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी कि VB-G RAM G Bill पास हो गया है। जिसके बाद इसे लेकर चर्चाएं हैं कि ये क्या है और इसके पास होने से मनरेगा में क्या बदलाव होंगे ? तो आईए जानते हैं।
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क्या है G RAM G Bill ?
G RAM G Bill जो कि आज देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसे लेकर ना केवल विपक्ष देशभर में प्रदर्शन कर रहा है बल्कि आम जनता भी जानना चाहती है कि ये है क्या ?, तो आपको बता दें कि VB-G RAM G बिल का फुल फॉर्म विकासशील भारत गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) है। ये बिल ग्रामीण रोजगार को विकसित भारत 2047 के विज़न से जोड़ने की कोशिश करता है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण विकास को तेज़, आधुनिक और टिकाऊ बनाना है।

VB G RAM G बिल का विपक्ष क्यों कर रहा विरोध ?
लोकसभा में VB G RAM G बिल पर करीब 14 घंटे तक चर्चा हुई। इसमें 98 सांसदों ने हिस्सा लिया लेकिन विपक्ष इसका लगातार विरोधस करता रहा। विपक्ष की मांग थी कि इसे स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाए। लेकिन सरकार ने इस मांग को ना मानते हुए इस बिल को पारित कर दिया है।
विपक्ष का कहना है कि ये महात्मा गांधी का अपमान है। जबकि इस पर सदन में शिवराज सिंह चौहान ने जवाब देते हुए कहा कि मनरेगा का नाम शुरुआत में महात्मा गांधी के नाम पर नहीं रखा गया था। यह योजना पहले नरेगा (राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम) के नाम से जानी जाती थी। वर्ष 2009 के चुनावों से पहले इसमें महात्मा गांधी का नाम जोड़ा गया। जिसके बाद ये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) कहलाने लगी।

बिल पास होने के बाद मनरेगा में होंगे कौन से बदलाव
G RAM G Bill 2025 के पास होने के बाद लोगों के जहन में सवाल उठ रहे हैं कि अब मनरेगा में कौन से बदलाव होंगे। तो आपको बता दें कि इस बिल के पास होने के बाद दावा किया गया है कि ग्रामीण परिवारों को अब पहले से ज्यादा काम मिलेगा।

नए बिल के तहत रोजगार की गारंटी को 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन करने का प्रावधान है। इसके साथ ही खर्च की जिम्मेदारी में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। जहां पहले मनरेगा में पूरा खर्चा केंद्र सरकार उठाती थी। तो वहीं अब इसमें राज्यों का भी हिस्सा होगा। राज्यों को 10 से लेकर 40 प्रतिशत तक खर्च वहन करना पड़ेगा।
1. G RAM G Bill क्या है?
G RAM G Bill का पूरा नाम विकासशील भारत गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) – VB-G RAM G Bill, 2025 है। यह बिल ग्रामीण रोजगार व्यवस्था को नए ढांचे में ढालने की कोशिश करता है।
2. इस बिल को क्यों लाया गया है?
इसका मकसद ग्रामीण रोजगार को सिर्फ मजदूरी तक सीमित न रखकर उसे विकसित भारत 2047 के लक्ष्य से जोड़ना और गांवों का दीर्घकालीन विकास करना है।
3.क्या ये मनरेगा की जगह लेगा?
सरकार का कहना है कि यह मनरेगा से आगे बढ़कर एक आधुनिक और परिणाम आधारित मॉडल पेश करता है, जिसमें रोजगार के साथ विकास पर ज़ोर है।
4. रोजगार के दिनों में क्या बदलाव होगा?
नए बिल के तहत ग्रामीण परिवारों को 100 दिन की जगह 125 दिन तक रोजगार देने का प्रावधान किया गया है।
5. विपक्ष इस बिल का विरोध क्यों कर रहा है?
विपक्ष का आरोप है कि यह बिल मनरेगा की मूल भावना को कमजोर करता है और महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी योजना में बदलाव को अपमान के रूप में देखा जा रहा है।
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1 जनवरी से शुरू हो रही ‘Bharat Taxi’ ऐप , ओला-उबर और रैपिडो के लिए बजी खतरे की घंटी…

Ola , Uber , Rapido को टक्कर देने आगयी Bharat Taxi ऐप
भारत में ओला (Ola) और उबर (Uber) जैसी दिग्गज कंपनियों के एकाधिकार को चुनौती देने के लिए एक नया ‘देसी’ विकल्प तैयार हो गया है। केंद्र सरकार के सहयोग से शुरू होने वाली ‘भारत टैक्सी’ ऐप 1 जनवरी 2026 से दिल्ली में अपनी आधिकारिक सेवा शुरू करने जा रही है।
यह केवल एक ऐप नहीं, बल्कि एक सहकारी (Cooperative) आंदोलन है जो यात्रियों को सस्ते सफर और ड्राइवरों को बेहतर कमाई की गारंटी देता है। आइए जानते हैं क्या है ‘भारत टैक्सी’ ऐप और यह आपकी यात्रा को कैसे बदलेगा।
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Bharat Taxi ऐप: 1 जनवरी से दिल्ली में लॉन्च, ओला-उबर की मनमानी होगी खत्म!
दिसंबर 2025 के अंत में दिल्लीवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। सहकारी मॉडल पर आधारित भारत की पहली सरकारी समर्थित कैब सर्विस भारत टॅक्सी अब पूरी तरह तैयार है। इसे सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड (Sahakar Taxi Cooperative Ltd) द्वारा संचालित किया जा रहा है।
Bharat Taxi ऐप की मुख्य विशेषताएं और फायदे
इस ऐप को यात्रियों और ड्राइवरों दोनों की समस्याओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। यहाँ इसके कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
- सर्ज प्राइसिंग से मुक्ति: अक्सर बारिश या पीक ऑवर्स में ओला-उबर का किराया 2-3 गुना बढ़ जाता है। भारत टॅक्सी में फिक्स और पारदर्शी किराया होगा, जो पीक टाइम में भी नहीं बढ़ेगा।
- ड्राइवरों के लिए ‘जीरो कमीशन’ मॉडल: निजी कंपनियां ड्राइवरों से 25-30% तक कमीशन लेती हैं। इसके विपरीत, भारत टैक्सी ड्राइवरों को किराये का 80% से 100% हिस्सा खुद रखने की अनुमति देती है (केवल एक छोटा सदस्यता शुल्क लेकर)।
- सुरक्षा का भरोसा: यह ऐप दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ एकीकृत (Integrate) है। इसमें रियल-टाइम व्हीकल ट्रैकिंग और 24×7 कस्टमर सपोर्ट की सुविधा मिलेगी।
- सभी वाहन एक ही जगह: इस एक ऐप के जरिए आप ऑटो-रिक्शा, कार और बाइक टैक्सी तीनों बुक कर सकेंगे।
Bharat Taxi बनाम Ola-Uber
नीचे दी गई तालिका से आप समझ सकते हैं कि यह नया ऐप मार्केट में मौजूद पुराने खिलाड़ियों से कैसे अलग है:
| फीचर | Ola / Uber | Bharat Taxi ऐप |
| किराया मॉडल | सर्ज प्राइसिंग (अस्थिर) | स्थिर और पारदर्शी किराया |
| ड्राइवर कमीशन | 25% – 30% | 0% – 20% (सहकारी मॉडल) |
| स्वामित्व | प्राइवेट इन्वेस्टर | ड्राइवर-स्वामित्व (Co-owners) |
| सफलता का आधार | दिल्ली-गुजरात ट्रायल सफल | 56,000+ ड्राइवर रजिस्टर्ड |
Bharat Taxi ऐप पर बुकिंग कैसे करें? (Step-by-Step)
- डाउनलोड और साइन-अप: Google Play Store या Apple App Store से Bharat Taxi ऐप डाउनलोड करें और मोबाइल नंबर/OTP से रजिस्टर करें।
- लोकेशन चुनें: पिक-अप और ड्रॉप लोकेशन दर्ज करें।
- राइड का प्रकार: ऑटो, मिनी, सेडान या बाइक में से अपनी पसंद का विकल्प चुनें।
- बुकिंग कंफर्म करें: किराया चेक करें और ‘Book Now’ पर क्लिक करें। आप नकद, UPI या डिजिटल वॉलेट से भुगतान कर सकते हैं।
प्रो टिप: यह ऐप फिलहाल दिल्ली और गुजरात (राजकोट) में उपलब्ध है। सरकार की योजना अगले एक साल में इसे मुंबई, लखनऊ, पुणे और भोपाल जैसे 20 अन्य प्रमुख शहरों में विस्तार देने की है।
निष्कर्ष: क्या यह गेम चेंजर साबित होगा?
Bharat Taxi ऐप न केवल यात्रियों की जेब पर बोझ कम करेगा, बल्कि यह ड्राइवरों को ‘सारथी’ बनाकर उन्हें वित्तीय आजादी भी देगा। यदि यह मॉडल सफल रहता है, तो भारत के परिवहन क्षेत्र में यह एक बड़ी क्रांति साबित हो सकता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. भारत टैक्सी (Bharat Taxi) ऐप क्या है? उत्तर: भारत टैक्सी एक सहकारी (Cooperative) कैब सर्विस ऐप है, जिसे ड्राइवरों के समूह और सरकार के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य ओला और उबर जैसी निजी कंपनियों के मुकाबले कम किराए में बेहतर सेवा देना है।
Q2. क्या भारत टैक्सी ऐप में सर्ज प्राइसिंग (किराया बढ़ना) लागू है? उत्तर: नहीं, भारत टैक्सी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें बारिश या पीक ऑवर्स के दौरान किराया अचानक नहीं बढ़ता। इसमें एक तय और पारदर्शी किराया प्रणाली लागू की गई है।
Q3. ड्राइवर ओला-उबर छोड़कर भारत टैक्सी से क्यों जुड़ रहे हैं? उत्तर: निजी कंपनियां ड्राइवरों से 25% से 30% तक कमीशन लेती हैं, जबकि भारत टैक्सी ‘जीरो या न्यूनतम कमीशन’ मॉडल पर काम करती है, जिससे ड्राइवरों की बचत 20-30% तक बढ़ जाती है।
Q4. भारत टैक्सी ऐप वर्तमान में किन शहरों में उपलब्ध है? उत्तर: फिलहाल इसकी सेवाएं दिल्ली और गुजरात (राजकोट) में शुरू की गई हैं। 1 जनवरी 2026 से इसका विस्तार लखनऊ, मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहरों में किया जा रहा है।
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