Dehradun
राज्यपाल गुरमीत सिंह का खास संदेश! समग्र स्वास्थ्य ही असली इलाज

राज्यपाल Gurmeet Singh ने कहा– सिर्फ़ दवा नहीं, समग्र स्वास्थ्य और जीवनशैली है असली इलाज।
देहरादून – राजभवन में हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय द्वारा ‘समग्र चिकित्सा संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस संगोष्ठी में विभिन्न विशेषज्ञ डॉक्टरों ने समग्र स्वास्थ्य देखभाल के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारी प्रदान की। डॉ. रविकांत, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, मेडिसिन विभाग, एम्स ऋषिकेश ने हृदय रोगों, हाइपरटेंशन के बारे में बताया कि जीवनशैली की गड़बड़ियों के कारण हृदयाघात की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं और समय रहते जोखिम कारकों को नियंत्रित करना अत्यंत आवश्यक है।
डॉ. वी. सत्यावली, विभागाध्यक्ष, मेडिसिन, दून मेडिकल कॉलेज ने मधुमेह और उच्च रक्तचाप से बचाव और इनसे बचने के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि आज के युग की “साइलेंट किलर” बीमारियां हैं जो धीरे-धीरे किडनी फेलियर का कारण बनती हैं। डॉ. गौरव मुखीजा, बाल रोग विशेषज्ञ, दून मेडिकल कॉलेज ने बताया कि बच्चों में एनीमिया का मुख्य कारण पोषक तत्वों की कमी है। उन्होंने कहा कि संतुलित आहार, आयरन-सप्लीमेंटेशन एवं जनजागरूकता आवश्यक है। डॉ. नंदन एस. बिष्ट, आपातकालीन चिकित्सक, दून मेडिकल कॉलेज ने बताया कि आधुनिक जीवनशैली में तनाव एक सामान्य स्थिति बन चुकी है, जो हृदय, मस्तिष्क और व्यवहार पर गहरा प्रभाव डालती है। योग, ध्यान और समय प्रबंधन इसके प्रभावी समाधान हैं।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि यह संगोष्ठी समाज को स्वस्थ रखने की दिशा में एक अहम पहल है। उन्होंने कहा कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप और तनाव आज की जीवनशैली से जुड़ी आम बीमारियाँ बन चुकी हैं, जो बुजुर्गों के साथ-साथ युवाओं को भी प्रभावित कर रही हैं।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की शुद्ध हवा, साफ पानी और शांत वातावरण स्वास्थ्य के लिए अनमोल हैं। लेकिन शहरीकरण, तकनीकी निर्भरता और भागदौड़ वाली दिनचर्या के कारण हमारा रहन-सहन और खान-पान अस्वस्थ हो गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे शांत, प्राकृतिक और आध्यात्मिक राज्य में भी इन बीमारियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है, हमें अपनी जीवनशैली पर ध्यान देना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों की ओर लौटना होगा और पारंपरिक आहार, योग, प्राणायाम और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि ‘समग्र स्वास्थ्य’ का मतलब केवल बीमारी का इलाज नहीं है, बल्कि जीवनशैली, मानसिक शांति, सामाजिक जुड़ाव और आध्यात्मिक संतुलन को बनाए रखना भी जरूरी है। उन्होंने उपस्थित विशेषज्ञ डॉक्टरों को जानकारी प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया।
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DM Savin Bansal ने खुद चढ़ी पहाड़ की खड़ी चढ़ाई! चकराता अस्पताल को लेकर लिया बड़ा फैसला

DM Savin Bansal ने खुद दुर्गम पहाड़ी रास्तों पर चढ़कर चकराता अस्पताल का निरीक्षण किया।
देहरादून: चकराता क्षेत्र के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) चकराता का स्थलीय निरीक्षण किया और जल्द ही यहां की स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने का आश्वासन दिया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने जनहित को देखते हुए वर्तमान सीएचसी की सीमित जगह और संकरे बाजार में मौजूदगी को लेकर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक नई जगह पर आधुनिक और विस्तृत सीएचसी भवन बनाने की योजना तैयार की जा रही है। इस नए सीएचसी में ओपीडी, फार्मेसी, ऑपरेशन थिएटर, वार्ड, लैब, रजिस्ट्रेशन और दवा वितरण काउंटर के अलावा डॉक्टरों और स्टाफ के लिए आवासीय सुविधा भी प्रस्तावित है।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए:
वर्तमान सीएचसी में महिला प्रसूति कक्ष के लिए एलईडी फोकस लाइट लगाने के लिए तुरंत धनराशि स्वीकृत की।
पंजीकरण काउंटर और ओपीडी का विस्तार कर मरीजों की भीड़ को कम करने के निर्देश दिए।
आरवीजी एक्स-रे मशीन की मरम्मत जल्द कराने और भवन में लाइटिंग की समस्या के स्थायी समाधान के लिए विभागीय इंजीनियर के जरिए प्रस्ताव बनाने को कहा।
नए भवन के लिए चिन्हित भूमि का सीमांकन और जियोलॉजिकल सर्वे कराने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान डीएम ने सीएचसी परिसर में आए स्थानीय लोगों की समस्याएं भी सुनीं। स्थानीय निवासियों ने अस्पताल को वर्तमान जगह से ग्वासा पुल के पास शिफ्ट किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वहां सार्वजनिक परिवहन की पर्याप्त सुविधा नहीं है और यह क्षेत्र सैकड़ों गांवों के लिए सुलभ भी नहीं है। इस पर जिलाधिकारी ने भरोसा दिलाया कि जनहित को प्राथमिकता देते हुए ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी ने ग्वासा पुल (डाकरा) के पास प्रस्तावित नए सीएचसी स्थल का भी दौरा किया और वहां की भौगोलिक स्थिति, मिट्टी की गुणवत्ता और अन्य पहलुओं का अध्ययन करने के निर्देश दिए।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एमके शर्मा, एसीएमओ डॉ दिनेश चौहान और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। प्रशासन का मानना है कि नए और बेहतर सीएचसी के निर्माण से चकराता और आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का व्यापक लाभ मिलेगा।
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Dehradun police action: ढोल की थाप पर जिले से बाहर निकाला ज़मीन घोटाले का आरोपी

Dehradun police action
देहरादून: एसएसपी देहरादून के निर्देश पर जिले में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत थाना प्रेमनगर पुलिस ने भूमि धोखाधड़ी और अन्य मामलों में लिप्त आदतन अपराधी कमल पुत्र पदम सिंह को जिले से बाहर कर दिया है।
पुलिस जांच में सामने आया कि कमल के खिलाफ थाना प्रेमनगर समेत देहरादून के अन्य थानों में कुल सात मुकदमे दर्ज हैं….जिनमें ज़मीन से जुड़े कई गंभीर धोखाधड़ी के मामले शामिल हैं।
कमल की लगातार बढ़ती आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए पुलिस ने उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम 1970 की धारा 3(1) के तहत रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट देहरादून को भेजी थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने कमल को 6 महीने के लिए जिला बदर करने का आदेश जारी किया। आदेश के पालन में आज पुलिस ने कमल को ढोल बजाकर अशारोड़ी बॉर्डर तक ले जाकर जिले की सीमा से बाहर कर दिया।
एसएसपी देहरादून का साफ संदेश है कि देहरादून को अपराधियों की शरणस्थली नहीं बनने देंगे! जनता की सुरक्षा और शहर को अपराध मुक्त रखने के लिए अभियान लगातार जारी रहेगा।
Dehradun
धामी कैबिनेट की बैठक समाप्त, तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पर मुहर

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की अहम बैठक खत्म हो गई है। बैठक में प्रदेश से जुड़े तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई, जो आने वाले समय में सीधे तौर पर जनता और प्रशासन दोनों के लिए असरदार साबित होंगे।
सबसे पहले हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। कुंभ मेले की व्यवस्थाओं के लिए 82 नए पदों पर नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इस फैसले से मेले की व्यवस्थाओं को समय पर पूरा करने और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
दूसरा बड़ा फैसला शिक्षा विभाग से जुड़ा है। कैबिनेट ने प्रधानाचार्य की नियुक्ति की नियमावली में संशोधन को भी हरी झंडी दिखा दी है। इससे चयन प्रक्रिया को और पारदर्शी और सुचारू बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
तीसरा महत्वपूर्ण निर्णय राज्य में ई-स्टैंप व्यवस्था को लेकर हुआ है। राज्य सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए प्रक्रिया को और आसान और पारदर्शी बनाने की मंजूरी दी है। इससे लोगों को सरकारी कामकाज में सहूलियत मिलेगी और भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
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