आगरा: साइबर अपराधियों ने दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर एक शिक्षक को तीन बार डिजिटल अरेस्ट किया और उसे युवती से अश्लील बातचीत करने का आरोप लगाकर 1.55 लाख रुपये की ठगी की। पीड़ित शिक्षक, बिजेंद्र सिंह ने रुपये जुटाने के लिए अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रखे। घटना 13 अगस्त 2024 को शुरू हुई, जब शिक्षक के पास अंजान नंबर से कॉल आई। इसके बाद कॉल करने वाले ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच से बताया और दावा किया कि एक युवती ने उनके खिलाफ शिकायत की है।
युवती के आरोप के बाद आरोपियों ने उन्हें धमकाया और रुपये की मांग की। बाद में युवती की कथित आत्महत्या और इलाज के नाम पर एक लाख रुपये और मांग किए गए। शिक्षक ने पैसे जुटाने के लिए पत्नी के जेवर गिरवी रखे और आरोपियों के बताए खाते में पैसे जमा किए। जब तीसरी बार फिर कॉल आई और ढाई लाख रुपये की मांग की गई, तब शिक्षक ने अपने बेटे को मामले की जानकारी दी। उनके बेटे ने साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत की, जिसके बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा।
पुलिस ने जांच के बाद 6 जनवरी को मुकदमा दर्ज किया और साइबर क्राइम के तहत कार्रवाई शुरू की। एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा ने कहा कि पुलिस कभी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती और इस तरह की कॉल आने पर तुरंत कॉल काट देना चाहिए। साथ ही साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करने की सलाह दी।
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि साइबर क्राइम के मामलों में जांच के बाद ही मुकदमा दर्ज किया जाता है और आरोपी गिरफ्तार किए जाते हैं। पिछले साल आगरा में 185 साइबर क्राइम मामले दर्ज किए गए थे।
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