Dehradun
पहाड़ों में आज बर्फ़बारी के आसार, नए साल पर कहा कैसा रहेगा मौसम…जाने

देहरादून – उत्तराखंड में मौसम का मिजाज पल-पल बदल रहा है। आज भी सुबह की शुरुआत हल्की धूप के साथ हुई। वहीं, कुमाऊं के कुछ इलाकों में और हरिद्वार में घना कोहरा छाया रहा। वहीं, प्रदेश के पर्वतीय जिलों में आज बर्फबारी के आसार हैं। इससे सुबह-शाम के साथ दोपहर में भी ठंड बढ़ जाएगी।

इसके बाद नए साल पर मैदानी इलाकों में सुबह और रात घना कोहरा लोगों की परेशानी बढ़ा सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र ने उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में बारिश और बर्फबारी के आसार जताए हैं। जबकि, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में घना कोहरा छाने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
कहां कैसा है मौसम
- पहाड़ो की रानी मसूरी,धनोल्टी और कैम्पटी में मौसम साफ।
- यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में धुंध के बीच धूप निकली।
- कोहरे की वजह से कर्णप्रयाग, गैरसैंण सहित पिंडरघाटी के देवाल, थराली और नारायणबगड़ क्षेत्र में कड़ाके की ठंड जारी।
- टनकपुर में पहली बार छाया घना कोहरा।
- पिथौरागढ़ में धूप खिली।
- हल्द्वानी में सुबह के समय छाया घना कोहरा।
- चंपावत में चटख धूप।
- अल्मोड़ा में धूप।
- रामनगर में कोहरा।
- नैनीताल में धूप निकली।
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वरिष्ठ पत्रकार पंकज मिश्रा की संदिग्ध मौत, हादसा या षडयंत्र ?, दो दिन पहले ही सिस्टम पर उठाए थे सवाल…

Dehradun journalist Pankaj Mishra : राजधानी देहरादून से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। सोमवार रात राजपुर थानाक्षेत्र की दून विहार कॉलोनी में देहरादून के वरिष्ठ पत्रकार 52 वर्षीय पंकज मिश्रा (Dehradun journalist Pankaj Mishra) संदिग्ध परिस्थितयों में मौत हो गई। इस मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं क्योंकि पंकज मिश्रा के भाई ने दो लोगों पर उनकी हत्या के आरोप लगाए हैं।
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Dehradun journalist Pankaj Mishra की संदिग्ध मौत
देहरादून के वरिष्ठ पत्रकार पंकज मिश्रा की संदिग्ध मौत ने पत्रकार जगत में हलचल मचा दी है। मिली जानकारी मुताबिक सोमवार रात को Pankaj Mishra (52) की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। वरिष्ठ पत्रकार की मौत के बाद ये सामने आया है कि सोमवार रात उन्होंने दो लोगों के साथ बैठकर शराब पी थी। शराब पीने के दौरान ही उनके बीच विवाद हो गया। देखते ही देखते ये विवाद इतना बढ़ा की बात हाथापाई तक पहुंच गई। यहां तक की मामले को शांत कराने के लिए पुलिस को तक पुलाना पड़ा था।

Pankaj Mishra की संदिग्ध मौत हादसा या षडयंत्र ?
पुलिस का कहना है कि इस दौरान पंकज मिश्रा नशे में धुत थे। जिस वजह से उन्होंने शिकायत करने से मना कर दिया और वो वापस लौट गई थी। इसी के कुछ ही घंटों बाद यानी मंगलवार सुबह उन्हें पकंज मिश्रा के बेसुध होने की खबर मिली। जिसके बाद वो फिर मौके पर पहुंचे। जिसके बाद डॉक्टरों ने पकंज मिश्रा को मृत घोषित कर दिया।
पंकज मिश्रा के भाई ने लगाए हत्या के आरोप
Pankaj Mishra की मौत को लेकर चर्चाओं के बाजार तब गर्म हो गए जब उनके भाई ने उनकी हत्या होने के आरोप लगाए हैं। उनके भाई ने पुलिस को लिखित तहरीर दी है कि अमित सहगल के खिलाफ हत्या, लूट सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। अरविंद के मुताबिक अमित सहगल वही व्यक्ति है, जिसके साथ शराब पीने के बाद पंकज का विवाद हुआ था।
तहरीर में आरोप लगाया गया है कि अमित सहगल एक अन्य व्यक्ति के साथ जाखन स्थित पंकज के घर पहुंचा और वहां पंकज के साथ बेरहमी से मारपीट की। अरविंद ने बताया कि झगड़े के दौरान भाभी ने मोबाइल फोन से वीडियो बनाना शुरू किया, जिससे नाराज होकर आरोपियों ने उनके साथ भी हाथापाई की और फोन छीनकर फरार हो गए।परिजनों का कहना है कि मारपीट में गंभीर रूप से घायल पंकज ने कुछ घंटों बाद दम तोड़ दिया। तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश में दबिश देना शुरू कर दिया है।

दो दिन पहले ही सिस्टम पर उठाए थे सवाल…
आपको बता दें कि अपनी मौत के दो दिन पहले ही पंकज मिश्रा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था। जिसमें उन्होंने सिस्टम पर कई सवाल उठाए थे। उन्होंने कई पत्रकारों और बड़े औहदों पर बैठे लोगों पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस पोस्ट में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जांच की मांग की थी। लेकिन अगली सुबह ही उनके द्वारा ये पोस्ट हटा दी गई। इतना ही नहीं उन्होंने माफी मांगते हुए एक और फेसबुक पोस्ट की और इसी रात कथित पत्रकार उनके घर पहुंचे और उनके साथ मारपीट की। इसकी अगली सुबह वो अपने घर में मृत पाए गए। उनकी मौत के बाद परिजन लगातार हाई लेवल की जांच की मांग कर रहे हैं।
पत्रकारों की हो रही है हत्या – कांग्रेस
परिजनों की मांग पर ही Pankaj Mishra का दूसरी बार पोस्टमार्टम कराया गया है और उनका विसरा भी सुरक्षित रखा गया है। देहरादून ही नहीं प्रदेश के साथ ही प्रदेश के बाहर भी अब ये मामला तूल पकड़ रहा है। लोग इसकी जांच की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस का कहना है कि पत्रकारों की हत्या की जा रही है। जबकि बीजेपी का इस पूरे मामले पर कहना है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था के लिए खुद मुख्यमंत्री गंभीर है। अगर इस मामले में कोई दोषी है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब देखना ये होगा कि सरकार इस मामले में अगला कदम क्या उठाती है ? और क्या सरकार के कदमों से पकंज मिश्रा का परिवार संतुष्ट होता है या नहीं।
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VHP और बजरंग दल ने निकाली विकासनगर में तहसील प्रशासन की शव यात्रा, लगाए गंभीर आरोप

Vikasnagar : विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सेलाकुई से विकासनगर तहसील तक विकासनगर तहसील प्रशासन की शव यात्रा निकाली।
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Vikasnagar में निकाली गई तहसील प्रशासन की शव यात्रा
सेलाकुईं से विकासनगर तहसील तक आज विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विकासनगर तहसील प्रशासन की शव यात्रा निकाली। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि विकासनगर तहसील क्षेत्र में भू-माफिया के हौसले बुलंद हैं और इसमें तहसील प्रशासन की मिलीभगत भी बताई जा रही है।

कई बार महत्वपूर्ण दस्तावेजों की चोरी होने के आरोप
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विकासनगर तहसील वही है जहां से महत्वपूर्ण दस्तावेजों की चोरी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। प्रदर्शन के दौरान विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने तहसील प्रशासन की शव यात्रा निकाली और तहसील विकासनगर पहुंचकर पुतले आग के हवाले कर दिए। इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया।
20 दिनों बाद चक्का जाम की चेतावनी
कार्यकर्ताओं द्वारा दो पुतले बनाए गए जिसमें एक Vikasnagar तहसील प्रशासन का और दूसरा कथित संरक्षण देने वाले को दर्शाने वाला सफेदपोश का पुतला था। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि ऐसे संरक्षण के चलते ही भू-माफिया के हौसले बढ़े हुए हैं। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर तहसील प्रशासन समय रहते जागृत नहीं हुआ और भू-माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो 20 दिनों के बाद चक्का जाम किया जाएगा।
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PRSI राष्ट्रीय अधिवेशन में एआई, साइबर क्राइम और संचार पर अहम् चर्चा

PRSI National Convention: AI के दौर में जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा
देहरादून : पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (PRSI National Convention) के राष्ट्रीय अधिवेशन के तीसरे दिन का माहौल खासा विचारशील और गंभीर रहा। इस दिन आयोजित पांचवें सत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर क्राइम और मिसइन्फॉर्मेशन जैसे मुद्दों पर खुलकर बातचीत हुई। विशेषज्ञों ने कहा कि बदलती तकनीक से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि उसे समझना और सही तरीके से अपनाना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।
AI ने बदला साइबर अपराध का चेहरा
सत्र के मुख्य वक्ता उत्तराखण्ड पुलिस के अपर पुलिस अधीक्षक अंकुश मिश्रा ने साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौतियों को बेहद सरल भाषा में समझाया। उन्होंने बताया कि आज के समय में साइबर फ्रॉड के लिए किसी को बाहर निकलने की भी जरूरत नहीं पड़ती, अपराध घर बैठे हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि Artificial Intelligence के जरिए अब आवाज की नकल करना और डीपफेक वीडियो बनाना आसान हो गया है। ऐसे में अगर हम थोड़ी सी लापरवाही बरतें, तो बड़ी परेशानी में पड़ सकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि अनजान लिंक पर क्लिक न करें और सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करने से बचें।
एएसपी मिश्रा ने ये भी स्पष्ट किया कि डीपफेक वीडियो को आगे शेयर करना भी अपराध की श्रेणी में आता है। साथ ही उन्होंने अभिभावकों से बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एआई से डरिए मत, लेकिन लापरवाह भी न बनें।
Public Relation में AI बना मजबूत साथी
सत्र की शुरुआत स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के असिस्टेंट जनरल मैनेजर विनय जायसवाल ने की। उन्होंने बताया कि Artificial Intelligence ने जनसंपर्क के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है।
आज मीडिया मॉनिटरिंग हो या ऑडियंस एनालिसिस, हर जगह एआई एक मजबूत सहायक के रूप में सामने आया है। उन्होंने कहा कि जहां एआई ने काम को आसान और तेज बनाया है, वहीं इसके साथ साइबर जोखिम भी बढ़े हैं। ऐसे में संस्थानों को जिम्मेदारी के साथ इसका इस्तेमाल करना चाहिए। सही रणनीति और प्रशिक्षण के जरिए एआई पीआर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है।
AI इंसान की जगह नहीं ले सकता
ग्राफिक हिल यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर ताहा सिद्दिकी ने PRSI पर आधारित अपनी प्रेजेंटेशन के जरिए तकनीक को बेहद आसान अंदाज़ में समझाया। उन्होंने बताया कि वो “अधीरा” नामक प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को एआई के प्रति जागरूक कर रही हैं।

उनका कहना था कि Artificial Intelligence इंसान की जगह नहीं ले सकता, लेकिन यह उसका सबसे अच्छा सहायक जरूर बन सकता है। समय के साथ तकनीक बदलती है और हमें भी अपने कौशल उसी हिसाब से ढालने चाहिए। उन्होंने खास तौर पर युवाओं से अपील की कि Artificial Intelligence को डर की नजर से नहीं, बल्कि एक अवसर के रूप में देखें।
संगठन की छवि की नींव है कॉरपोरेट कम्युनिकेशन
इसके बाद आयोजित छठवें सत्र में PRSI के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष यू.एस. शर्मा ने कॉरपोरेट कम्युनिकेशन की अहमियत पर बात की। उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन की पहचान और भरोसा मजबूत संचार से ही बनता है।
आज के डिजिटल दौर में पारदर्शिता, सही समय पर प्रतिक्रिया और भरोसेमंद कंटेंट बेहद जरूरी हो गया है। पीआर प्रोफेशनल्स को बदलते मीडिया माहौल को समझते हुए नैतिक और रणनीतिक संचार अपनाना होगा।
प्रचार नहीं, संवाद है पीआर: आरईसी
आरईसी के मैनेजर कॉरपोरेट कम्युनिकेशन इरफान रसीद ने बताया कि उनके संगठन में पीआर को केवल प्रचार तक सीमित नहीं रखा गया है। मीडिया, सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए हितधारकों से लगातार संवाद बनाए रखा जाता है। उन्होंने कहा कि मजबूत और ईमानदार संचार ही किसी संगठन की साख को लंबे समय तक बनाए रखता है।
स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में THDC का योगदान
सत्र में डॉ. अमरनाथ त्रिपाठी, चीफ जनरल मैनेजर (एचआर एंड कॉरपोरेट कम्युनिकेशन), टीएचडीसी ने पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि टीएचडीसी सार्वजनिक क्षेत्र में स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा का एक बेहतरीन उदाहरण है।
टिहरी डैम को उन्होंने इंजीनियरिंग की एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह न केवल ऊर्जा उत्पादन में अहम है, बल्कि इको-टूरिज्म और जल क्रीड़ा के लिए भी नए अवसर पैदा कर रहा है।
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