Pithauragarh
विद्यालयों के 100 मीटर तक तंबाकू पान बीड़ी की दुकाने पूर्ण रूप से होगी प्रतिबंध, डीएम ने दिए निर्देश।

पिथौरागढ़ – विद्यालयों के 100 मीटर की परिधि में तंबाकू पान बीड़ी की दुकान पूर्ण प्रतिबंध होगी, साथ ही नशे के दुष्प्रभाव के प्रति स्कूली बच्चों व युवाओं को जागरूक किया जाए । यह बात जिलाधिकारी रीना जोशी ने जिला कार्यालय में एंटी ड्रग्स समिति की बैठक लेते हुए कही।

बैठक मे जिलाधिकारी ने स्कूल, महाविद्यालयों में जागरूकता अभियान चलाएं तथा बच्चों की नियमित स्क्रीनिंग भी की जाए जो बच्चे नियमित स्कूल आने में अब्सेंट है। उनके अभिभावकों से भी बात की जाए। 18 वर्ष से कम के बच्चों को बीड़ी,सिगरेट, पान ,तंबाकू,शराब अन्य मादक द्रव्य बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि सभी विद्यालयों में बड़ी कक्षाओं के बच्चों की नियमित स्क्रीनिंग की जाए तथा प्रार्थना सभा में उन्हें जागरूक भी किया जाए। उन्होंने कहा जिन विद्यालयों के बच्चे नशा करते हुए पकड़े गए तो उनके प्रधानाचार्य के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी ।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया कि जनपद के सभी मेडिकल स्टोर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे व प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पर भी रोक लगाई जाय ,इस हेतु दवा बिक्री पंजीकाओं का भी निरीक्षण किया जाए।
जिलाधिकारी ने आबकारी,पुलिस, एसडीएम सयुक्त रूप से अभियान चलाकर अवैध शराब बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिऐ अभियान चलाकर छापेमारी करे,साथ ही निर्देश दिए कि रात को पुलिस विभाग से सहायता लेकर गस्त किया जाय। उन्होंने कहा कच्ची शराब बेचने के भी मामले आ रहे हैं इसलिए कच्ची शराब बनाने वालों पर भी पैनी नजर रखी जाए वह कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने रात्रि ग्रस्त करते हुए शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ भी संयुक्त अभियान चलाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि बॉर्डर एरिया पर भी पैनी नजर रखते हुए गहन चेकिंग की जाए ताकि किसी भी प्रकार का कोई भी मादक पदार्थ जनपद में प्रवेश न करने पाए ।
बैठक में पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, एसडीम आशीष कुमार मिश्रा, जिला आबकारी अधिकारी हरिश्चंद्र, डीईओ शिक्षा हवलदार प्रसाद, सहायक कृषि अधिकारी विनोद जोशी, मेडिकल नोडल डा ललित भट्ट, आईटीबीपी आदि अधिकारी उपस्थित थे।
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उत्तराखंड: जनसुनवाई में जिलाधिकारी ने दिखाई सख्ती, लापरवाह अधिकारियों पर की तुरंत कार्रवाई

पिथौरगढ़: आज कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जनता मिलन कार्यक्रम में जिलाधिकारी पिथौरागढ़ आशीष कुमार भटगांई ने आमजन से भेंट कर उनकी समस्याएं सुनीं तथा संबंधित विभागीय अधिकारियों को उनके त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक शिकायत का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए और शिकायतकर्ता को शिकायत निस्तारण के बाद वास्तविक स्थिति से अवगत कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने हिदायत दी कि एक ही शिकायत दोबारा जनसुनवाई में प्रस्तुत न हो।

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विभागों से संबंधित कई शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें एक मामला विद्युत विभाग से संबंधित था। इस पर जिलाधिकारी ने अधीक्षण अभियंता, विद्युत विभाग की बैठक में अनुपस्थिति और बिना अनुमति जनपद मुख्यालय से बाहर जाने पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए संबंधित अधिकारी का वेतन रोके जाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी भटगांई ने कहा कि जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को आमजन की शिकायतों के प्रति संवेदनशीलता, उत्तरदायित्व और पारदर्शिता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी कहा कि सीएम हेल्पलाइन पोर्टल (1905) पर प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए तथा शिकायत बंद करने से पूर्व शिकायतकर्ता से वार्ता कर उसकी संतुष्टि सुनिश्चित की जाए।
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पिथौरागढ़ में यौन और प्रजनन संक्रमण की जांच, 842 में से 18 मरीज संक्रमित

पिथौरागढ़- पिथौरागढ़ जिले में स्वास्थ्य विभाग ने यौन संचरित संक्रमण (एसटीआई) और प्रजनन पथ संक्रमण (आरटीआई) की जांच कर लोगों को जागरूक करने का कार्य तेज कर दिया है। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में जिले में 842 लोगों की एसटीआई/आरटीआई जांच की गई, जिनमें 12 महिलाएं और 6 पुरुष संक्रमित पाए गए।
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि महिलाओं में संक्रमण पुरुषों की तुलना में अधिक पाया गया है। चिकित्सकों के अनुसार, एक से अधिक लोगों के साथ असुरक्षित शारीरिक संबंध, गंदे कपड़े पहनना, संक्रमित व्यक्ति के शौचालय का उपयोग और हार्मोन असंतुलन मुख्य कारण हैं।
लक्षण और उपचार:
एसटीआई में जननांग में खुजली, सूजन, पेट के निचले हिस्से में दर्द और बुखार प्रमुख लक्षण हैं। आरटीआई में मांसपेशियों में दर्द, खांसी और अन्य अस्वस्थता दिखाई देती है। चिकित्सक बताते हैं कि बेंजाथीन पेंसिलिन इंजेक्शन से एसटीआई का इलाज संभव है, लेकिन समय पर इलाज न कराने पर संक्रमण तेजी से फैल सकता है।
जागरूकता और बचाव:
डॉक्टरों ने लोगों को गुप्तांगों की नियमित सफाई, माहवारी के दौरान स्वच्छता, निजी कपड़ों और रेजर का साझा उपयोग न करने की सलाह दी। संक्रमण की स्थिति में पति-पत्नी दोनों को इलाज कराना आवश्यक है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ललित भट्ट ने बताया कि लोगों को इस विषय में खुद जागरूक होना होगा ताकि एसटीआई और आरटीआई एचआईवी में न बदलें।
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मिड डे मील में एक्सपायरी दूध का खुलासा: स्कूलों में पहुंचा 5 साल पुराना दूध, होगी जांच

पिथौरागढ़ – सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में सरकारी स्कूलों को एक्सपायरी दूध भेजे जाने के मामले ने शिक्षा विभाग और दुग्ध संघ की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चार दिन पूर्व सामने आए इस प्रकरण के बाद अभिभावकों और विभिन्न संगठनों ने कड़ी नाराज़गी जताई थी। अब विभाग ने दूध की पूरी खेप वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
6,000 से अधिक पैकेट होंगे वापस
शिक्षा विभाग ने जानकारी दी कि जिले में 6,808 दूध के पैकेट स्कूलों में भेजे गए थे, जिनमें 5,549 एक किलो और 1,259 आधा किलो के पैकेट शामिल हैं। इनकी कीमत लगभग ₹25 लाख 33 हजार 185 रुपये बताई गई है। अब सभी पैकेट सील कर स्कूलों से वापस मंगवाए जा रहे हैं।
प्रयोगशाला जांच के लिए सैंपल
हर विकासखंड से एक-एक पैकेट का सैंपल खाद्य सुरक्षा विभाग को जांच हेतु भेजा जाएगा। पीएम पोषण योजना (मिड डे मील) के तहत कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में दो दिन फोर्टिफाइड दूध दिया जाता है।
सीईओ बोले— जांच होगी गहनता से
शिक्षा विभाग के सीईओ हरक राम कोहली ने कहा,
“एक्सपायरी दूध को पूरी तरह वापस किया जाएगा। हर ब्लॉक से सैंपल लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग को जांच के लिए भेजा जा रहा है। मामले की गहनता से जांच कराई जाएगी।”
दुग्ध संघ ने दी सफाई— प्रिंटिंग गलती
दुग्ध संघ के प्रबंधक प्रह्लाद सिंह ने कहा,
“प्रथम दृष्टया यह प्रिंटिंग की गलती लग रही है। फिर भी हम पूरी खेप को वापस ले रहे हैं और इसकी जगह नया दूध भेजा जाएगा।”
समय रहते खुला मामला, टला बड़ा हादसा
सूत्रों के अनुसार, यदि समय रहते एक्सपायरी दूध की जानकारी सामने नहीं आती तो हजारों बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता था। सौभाग्य से दूध बच्चों तक नहीं पहुंच पाया।
प्रिंटिंग में लापरवाही भी उजागर
जांच में यह भी पाया गया कि कुछ पैकेटों पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट उल्टी-सीधी छपी हुई है। एक पैकेट पर 2020 की पैकेजिंग दिख रही थी, जबकि दूसरे पर 2025 की— जिससे प्रिंटिंग में गड़बड़ी और संभावित लापरवाही की आशंका बढ़ गई है।
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