Dehradun
बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल से UFDC के CEO बंशीधर तिवारी की मुलाकात: “पास्ट टेंस” के सेट पर हुई चर्चा !

देहरादून – मसूरी रोड पर अनंत नारायण महादेवन द्वारा निर्देशित आगामी बॉलीवुड फ़िल्म “पास्ट टेंस” के सेट पर बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध अभिनेता परेश रावल और उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद (UFDC) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बंशीधर तिवारी के बीच महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक सूचना और संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. नितिन उपाध्याय भी उपस्थित रहे।
परेश रावल, जिन्होंने अपने फ़िल्मी करियर में 240 से अधिक फ़िल्मों में काम किया है और कई पुरस्कारों से सम्मानित हुए हैं, ने “पास्ट टेंस” के बारे में बताया कि यह एक सोशल फ़ैमिली ड्रामा है। फ़िल्म में रावल के अलावा आदित्य रावल, आदिल हुसैन, शरीब हाशमी, तनिष्ठा चटर्जी, गगन देव रीआर, स्मिता ताम्बे, सतीश शर्मा और शरद्धा भट्ट जैसे अन्य अभिनेता भी मुख्य भूमिका में हैं। इस फ़िल्म के लिए अधिकतर सपोर्ट क्रू स्थानीय स्तर से लिया गया है, जो इसे और भी खास बनाता है।
महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा हाल ही में पारित नई फ़िल्म नीति में फ़िल्मों के लिए अनुदान की राशि में वृद्धि की गई है। इसमें ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर रिलीज़ होने वाली फ़िल्मों और वेब सीरीज को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार, सरकार फ़िल्म निर्माण के सभी क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।”
तिवारी ने आगे कहा कि यह नई नीति राज्य में फ़िल्म निर्माण को बढ़ावा देने के साथ ही पर्यटन को भी प्रोत्साहित करेगी। UFDC, पर्यटन विभाग के सहयोग से, नए शूटिंग डेस्टिनेशंस की पहचान कर रहा है ताकि राज्य के अनछुए स्थलों को बढ़ावा मिल सके।
इस बातचीत में, परेश रावल ने बताया कि उन्होंने हाल ही में उत्तराखंड में दो फ़िल्मों की शूटिंग पूरी की है, जिनका पोस्ट प्रोडक्शन चल रहा है। उन्होंने राज्य की नई फ़िल्म नीति की सराहना करते हुए कहा, “यह सिंगल विंडो सिस्टम के कारण शूटिंग परमिशन की प्रक्रिया को सरल बनाता है। इससे उत्तराखंड एक फ़िल्म-फ्रेंडली डेस्टिनेशन बन रहा है।”
उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा शूटिंग के दौरान हर प्रकार की सहायता मिलती है, जो फ़िल्म निर्माण के लिए एक अनुकूल माहौल तैयार करती है।
इसके अलावा, पिछले कुछ महीनों में उत्तराखंड में फ़िल्म और वेब सीरीज की शूटिंग में तेजी आई है। हाल ही में विपुल शाह की कॉमेडी सस्पेंस फ़िल्म “हिसाब” और अनुपम खेर की फ़िल्म “तन्वी द ग्रेट” की शूटिंग सफलतापूर्वक पूरी हुई है।
संयुक्त निदेशक सूचना डा. नितिन उपाध्याय ने भी बताया कि उत्तराखंड में कई सफल वेब सीरीज और फ़िल्में रिलीज़ हुई हैं, जैसे “11 11” और “रौतू का राज”, जिसमें नवाजुद्दीन सिद्धिकी ने मुख्य भूमिका निभाई है।
राज्य में गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी भाषाओं की फ़िल्मों की शूटिंग में भी वृद्धि हो रही है, जिससे स्थानीय संस्कृति को भी बढ़ावा मिल रहा है।
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Dehradun
मसूरी में जिंदगी फंसी जाम में: इलाज से पहले टूटी सांसें, नहीं पहुंच पाया वक्त पर अस्पताल

मसूरी: दिल्ली से मसूरी घूमने आए छह पर्यटकों के दल में शामिल 62 वर्षीय बुजुर्ग की इलाज से पहले ही मौत हो गई। बताया गया कि अचानक तबीयत बिगड़ने पर जब परिजन उन्हें अस्पताल ले जा रहे थे, तब पौन घंटे तक सड़क जाम में फंसे रहे। समय पर इलाज न मिलने से उनकी मौत हो गई।
मृतक की पहचान दिल्ली निवासी कमल किशोर टंडन के रूप में हुई है, जो अपने रिश्तेदारों के साथ लाइब्रेरी क्षेत्र में ठहरे थे। परिवार के सदस्य अर्जुन कपूर ने बताया कि बृहस्पतिवार को बारिश और ठंड के कारण कमल किशोर की तबीयत अचानक बिगड़ गई — संभवतः हार्ट अटैक आया था।
परिवार ने तत्काल एंबुलेंस के लिए कॉल किया, लेकिन देहरादून से एंबुलेंस आने में समय लगने के कारण वे खुद उन्हें वाहन में लेकर अस्पताल के लिए रवाना हुए। लेकिन किंग्रेग मार्ग, गांधी चौक और मोतीलाल नेहरू रोड पर भारी ट्रैफिक जाम में पौन घंटे तक फंसे रहे। जब तक वे अस्पताल पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
परिजनों का आरोप है कि मसूरी जैसे पर्यटन स्थल पर आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल सुविधा का अभाव है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी होटलों में बेसिक मेडिकल किट उपलब्ध होनी चाहिए और प्रशासन को स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं का प्रचार-प्रसार करना चाहिए।
परिजनों ने यह भी बताया कि पुलिस ने उनकी मदद की, लेकिन जाम इतना ज़्यादा था कि स्थिति नियंत्रण में नहीं आई। स्थानीय लोगों का कहना है कि पर्यटन सीज़न में भारी वाहनों को किंग्रेग से ऊपर नहीं आने देना चाहिए। कोतवाल संतोष कुंवर का कहना है कि सभी चौराहों पर पुलिसकर्मी तैनात हैं, लेकिन उन्हें इस विशेष घटना की जानकारी नहीं है
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Dehradun
उत्तराखंड बना बारिश का पसंदीदा ठिकाना, हिमाचल, कश्मीर और दिल्ली से ज्यादा होती है वर्षा

देहरादून: ऐसा लगता है कि मेघों को उत्तराखंड बेहद पसंद है। मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड में पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तुलना में हर साल अधिक बारिश दर्ज की जाती है।
राज्य में वार्षिक औसत वर्षा 1477.6 मिमी है, जो कि हिमाचल (1245.1 मिमी), जम्मू-कश्मीर व लद्दाख (1232.3 मिमी), पश्चिमी उत्तर प्रदेश (765.3 मिमी), पंजाब (565.5 मिमी) और दिल्ली-हरियाणा-चंडीगढ़ क्षेत्र (527.1 मिमी) से कहीं अधिक है।
राज्य की राजधानी देहरादून में तीन जून को 23.2 मिमी, चार को 7.8 मिमी और पांच जून को 0.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस लगातार हो रही बारिश के कारण गर्मी से कुछ हद तक राहत महसूस की गई है।
मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार, उत्तराखंड में मानसून के दौरान औसतन 1162.7 मिमी बारिश होती है, जिसमें जुलाई और अगस्त सबसे ज्यादा भीगे हुए महीने रहते हैं। उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी की शाखा उत्तराखंड में अधिक प्रभावी होती है, जिससे यहां अधिक बारिश होती है।
मौसम विभाग ने 1989 से 2018 के बीच दैनिक वर्षा आंकड़ों का विश्लेषण कर बताया कि कई जिलों में वर्षा के पैटर्न में बदलाव आया है।
नैनीताल, रुद्रप्रयाग, चमोली और बागेश्वर में वार्षिक वर्षा में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है।
वहीं पौड़ी जिले में मानसून और वार्षिक वर्षा में कमी दर्ज की गई है।
पिछले 26 वर्षों में उत्तराखंड में केवल तीन बार औसत से अधिक बारिश हुई है वर्ष 2000, 2007 और 2010 में। वहीं छह बार न्यूनतम और 18 बार सामान्य बारिश रिकॉर्ड की गई।
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Dehradun
चारधाम और वैष्णो देवी यात्रा से लौटे श्रद्धालु निकले कोरोना पॉजिटिव, एक ही दिन में सात नए मामले, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर

देहरादून: अब प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। वर्तमान में सभी सात सक्रिय मरीज घर पर ही आइसोलेट किए गए हैं। उत्तराखंड में कोरोना एक बार फिर से पैर पसारने लगा है। शुक्रवार को कोरोना वायरस के इस सीजन के सबसे अधिक मामले सामने आए। एक ही दिन में सात मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए हैं।
शुक्रवार को सामने आए कोरोना के सात मरीजों में तीन ऐसे हैं, जो चारधाम और वैष्णो देवी की यात्रा कर लौटे थे। जानकारी के मुताबिक देहरादून के रायपुर क्षेत्र में सामने आया कोरोना का मरीज हाल ही में बदरीनाथ धाम की यात्रा कर लौटा था। सहसपुर निवासी मरीज केदारनाथ धाम से वापस आया था।
इन मरीजों में कोरोना के लक्षण मिलने पर आरटीपीसीआर जांच कराई गई थी। इसके अलावा चकराता रोड निवासी एक मरीज 25 मई को वैष्णो देवी से वापस आया था। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। उधर, चार अन्य मरीज भी कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं।
डॉ. आर राजेश कुमार स्वास्थ्य सचिव उत्तराखंड :अब तक सामने आए कोरोना के ज्यादातर मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। मौजूदा समय में कोरोना के सिर्फ सात मरीज ही सक्रिय हैं। अभी तक किसी भी मरीज में वायरस के गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले हैं। लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।
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