देहरादून: उत्तराखंड में आयकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए तय समय सीमा से पहले ही 15 हजार करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट टैक्स) संग्रह कर लिया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है। इस संग्रह में सबसे बड़ा योगदान ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) का रहा, जिसने अकेले 12,500 करोड़ रुपये का आयकर जमा किया। यह कुल संग्रह का 83 प्रतिशत है।
विभाग ने समय से पहले अपना लक्ष्य पूरा किया और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है। आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अब बड़े और संदिग्ध लेनदेन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि कर चोरी पर रोक लगाई जा सके।
आंकड़ों के मुताबिक, उत्तराखंड में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। 2018-19 में रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या 7.81 लाख थी, जो अब बढ़कर 10.25 लाख हो गई है। विभाग के अनुसार, करदाता आधार को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, और व्यापारियों, प्रोफेशनल्स और उच्च आय वर्ग के लोगों को रिटर्न दाखिल करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
आयकर विभाग ने संपत्तियों की रजिस्ट्री में ई-स्टांप प्रणाली लागू की है, जिससे कर चोरी पर रोक लगाने में मदद मिल रही है। इसके अलावा, विभाग नकद लेनदेन पर भी कड़ी नजर रख रहा है और 2 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी की जांच की जा रही है।
इस सफलता पर उत्तर प्रदेश (पश्चिम) और उत्तराखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त कृष्ण मुरारी ने देहरादून में अधिकारियों के साथ बैठक की और समय से पहले लक्ष्य पूरा करने पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने अधिकारियों को टैक्स वसूली तेज करने और बड़े करदाताओं के साथ समन्वय बनाकर टैक्स अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इस वित्तीय वर्ष में राज्य में आयकर संग्रह में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो राज्य की आर्थिक प्रगति को दर्शाता है। अब आयकर विभाग प्रक्रिया को और भी पारदर्शी बना रहा है और करदाताओं के लिए हेल्पलाइन और ऑनलाइन सहायता की सुविधा भी उपलब्ध करा रहा है।
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