Dehradun
उत्तराखंड: आपदा प्रभावितों को क्या सुविधाएं मिलीं? हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा

देहरादून: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चमोली जिले की थराली आपदा मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगते हुए प्रभावितों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान आया है…जिसमें आपदा से हुए नुकसान और क्षेत्रवासियों की समस्याओं को उजागर किया गया था।
22 अगस्त को पिंडर और प्राणमती नदियों में आई आपदा के बाद थराली क्षेत्र में भारी तबाही हुई थी। इस आपदा में एक लड़की मलबे में दबकर जान गंवा चुकी है और एक व्यक्ति अभी भी लापता है। स्कूल और अस्पताल को तो दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है…लेकिन सड़कों की हालत अभी भी खराब होने के कारण स्थानीय लोगों को आवश्यक सामान पहुंचाने में दिक्कत हो रही है।
धराली निवासी अधिवक्ता सिद्धार्थ नेगी ने यह जनहित याचिका दायर कर उच्च न्यायालय से प्रभावित लोगों के लिए उचित सहायता की मांग की थी। मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्दर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि प्रभावित लोगों को किन-किन सुविधाओं से लाभान्वित किया गया है।
अदालत ने राज्य सरकार को प्रभावितों की सहायता सुनिश्चित करने के साथ-साथ इस पर विस्तृत प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही प्रभावितों को जल्द से जल्द मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया गया है ताकि इलाके के लोग अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस लौट सकें।
Dehradun
पशुओं की दवाओं पर FDA का सख्त आदेश, उत्तराखंड में 34 एंटी माइक्रोबियल दवाओं पर रोक

देहरादून: देशव्यापी छापेमारी और केंद्रीय निर्देशों के बाद उत्तराखण्ड सरकार ने भी कफ सिरप और पशुओं में उपयोग की जाने वाली एंटीमाइक्रोबियल दवाओं के क्रय–विक्रय, आयात और बिक्री–वितरण पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन उत्तराखण्ड (FDA) के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने इसके लिए आवश्यक आदेश जारी किए हैं। यह कार्रवाई स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 23 सितंबर 2025 को जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप की गई है।
अधिकारिक आदेश के अनुसार बच्चों को दिए जाने वाले कुछ कफ सिरपों के क्रय–विक्रय पर रोक लगाई गई है जबकि पशुओं के उपयोग के लिए कई वर्गों के रोगाणुरोधी (antimicrobial) पदार्थों और उनके फॉर्मूलेशन्स के आयात, निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अपर आयुक्त ने कहा है कि यह कदम मानव स्वास्थ्य और पशु स्वास्थ्य दोनों की सुरक्षा के उद्देश्य से उठाया गया है तथा दवाओं के दुरुपयोग से पैदा होने वाले एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) के जोखिम को रोका जाएगा।
प्रतिबंधित एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)
आदेश में जिन एंटीबायोटिक्स पर रोक लगाई गई है…उनमें प्रमुख रूप से निम्न शामिल हैं:
Ureidopenicillins (यूरिडो-पेनिसिलिन्स)
Ceftobiprole (सेफ्टोबिप्रोल)
Ceftaroline (सेफ्टारोलाइन)
Siderophore cephalosporins (साइडेरोफोर सेफलोस्पोरिन)
Carbapenems (कार्बापेनेम्स)
Penems (पेनेम्स)
Monobactams (मोनोबैक्टम्स)
Glycopeptides (ग्लाइकोपेप्टाइड्स)
Lipopeptides (लिपोपेप्टाइड्स)
Oxazolidinones (ऑक्साजोलिडिनोन्स)
Fidaxomicin (फिडैक्सोमिसिन)
Plazomicin (प्लाजोमिसिन)
Glycylcyclines (ग्लाइसिलसाइक्लिन्स)
Eravacycline (एरावासाइक्लिन)
Omadacycline (ओमाडासाइक्लिन)
प्रतिबंधित एंटीवायरल्स (Antivirals)
पशुओं में उपयोग के लिए जिन एंटीवायरल दवाओं पर रोक लगाई गई है…वे इस प्रकार हैं:
Amantadine (अमैंटाडाइन)
Baloxavir marboxil (बालोक्साविर मार्बॉक्सिल)
Celgosivir (सेल्गोसिविर)
Favipiravir (फेविपिराविर)
Galidesivir (गैलिडेसिविर)
Lactimidomycin (लैक्टिमिडोमाइसिन)
Laninamivir (लैनिनामिवीर)
Methisazone / Metisazone (मेथिसाजोन/मेटिसाजोन)
Molnupiravir (मोलनुपिराविर)
Nitazoxanide (निटाज़ोक्सानाइड) — (नोट: इसे एंटीप्रोटोज़ुअल भी माना गया है)
Oseltamivir (ओसेल्टामिवीर)
Peramivir (पेरामिविर)
Ribavirin (रिबाविरिन)
Rimantadine (रिमांटाडाइन)
Tizoxanide (टिज़ोक्सानाइड)
Triazavirin (ट्रायजाविरिन)
Umifenovir (उमीफेनोविर)
Zanamivir (जानामिवीर)
इसके अतिरिक्त Nitazoxanide (निटाजोक्सानाइड) को एंटी‑प्रोटोज़ुअल दवा के रूप में भी सूचीबद्ध कर प्रतिबंधित किया गया है।
क्या बदलेगा राज्य में?
इन दवाओं का आयात, निर्माण, बिक्री और वितरण उत्तराखण्ड में प्रभावी रूप से प्रतिबंधित होगा। एफडीए ने चिकित्सा, पशु चिकित्सा और दवा आपूर्ति श्रृंखलाओं को निर्देश दिए हैं कि वे सूचीबद्ध दवाओं की उपलब्धता तथा स्टॉक‑रहितता की रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। नियमानुसार जो भी संस्थाएँ या व्यक्ति इन प्रतिबंधों का उल्लंघन पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी…जिसमें लाइसेंस रद्द करने, जुर्माने व आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शामिल है।
क्यों आवश्यक था यह कदम?
अधिकारियों के अनुसार इन उच्च-स्तरीय एंटीबायोटिक्स और एंटीवायरल्स का पशुओं में अनियंत्रित प्रयोग मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है क्योंकि इससे एंटीबायोटिक प्रतिरोध (AMR) जैसी गंभीर चुनौतियाँ बढ़ती हैं। साथ ही, हालिया दिनों में देशभर में प्रतिबंधित कफ सिरप और हानिकारक दवाओं की तस्करी व दुरुपयोग की घटनाएँ बढ़ने के मद्देनजर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
एफडीए का आदेश और आगे की प्रक्रिया
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने कहा है कि आदेश तत्काल प्रभाव से लागू है और संबंधित विभाग जल्द ही जिलेवार निर्देश जारी करेंगे ताकि इस प्रतिबंध का ठोस क्रियान्वयन हो सके। उन्होंने जनता से भी अनुरोध किया है कि वे किसी भी संदिग्ध दवा की खरीद–फरोख्त से परहेज करें और किसी संदिग्ध दवा की सूचना एफडीए को दें।
Dehradun
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने पूर्व सैनिकों को बताया राष्ट्र की प्रेरणा, दिव्यांग जवानों को बांटे स्कूटर

देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को जसवंत सिंह ग्राउंड, गढ़ी कैंट में आयोजित ‘‘देवभूमि मेगा पूर्व सैनिक रैली’’ में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, सीडीएस जनरल अनिल चौहान सहित हजारों की संख्या में पूर्व सैनिक एवं वीर नारियाँ उपस्थित रहीं। उत्तराखण्ड सब एरिया द्वारा आयोजित इस रैली के दौरान राज्यपाल एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने वार वूण्डेड संस्था की ओर से 14 दिव्यांग पूर्व सैनिकों को स्कूटर वितरित किए। साथ ही 20 वीर नारियों तथा उत्कृष्ट कार्य कर रहे भूतपूर्व सैनिकों को सम्मानित भी किया गया। वहीं सैनिक कल्याण विभाग द्वारा उत्तराखण्ड सब एरिया को गोल्फ कार्ट भी प्रदान किए गए। यह गोल्फ कार्ट पूर्व सैनिकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उपनल (उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड) के माध्यम से वित्त पोषित की गयी है।
राज्यपाल ने इस अवसर को “ऐतिहासिक” बताते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों का एकत्र होना गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों का त्याग, अनुशासन और देशप्रेम हमारे समाज के लिए अमूल्य प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि जो संस्कार और अनुशासन आप सभी ने अपने जीवन में स्थापित किए हैं, वे आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करेंगे। राज्यपाल ने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम आपके योगदान को सदैव स्मरण रखें और समाज के हर वर्ग को यह प्रेरणा दें कि – ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से ही भारत विश्व गुरु बनेगा।
राज्यपाल ने वीर नारियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि वे स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर अपनी आर्थिकी को सशक्त करें और आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों का आह्वान किया कि वे अपनी नेतृत्व क्षमता, अनुभव, अनुशासन और दृष्टिकोण को समाज के साथ साझा करें, जिससे युवा पीढ़ी को दिशा और प्रेरणा मिले। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में पूर्व सैनिकों की शिकायतों के समाधान हेतु एक शिकायत निवारण अधिकारी की तैनाती की गई है, जो उनकी समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के लिए राजभवन के दरवाजे सदैव खुले हैं।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व सैनिकों के राष्ट्र निर्माण में योगदान की सराहना की और कहा कि उत्तराखण्ड, जो ‘‘वीरों की भूमि’’ है, ने हर युद्ध और संकट में अपनी वीरता से राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है। सीडीएस ने कहा कि भारतीय सशस्त्र सेनाएं आज तेजी से आधुनिक युद्ध प्रणाली और तकनीक की ओर बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि हम एक शांतिप्रिय राष्ट्र हैं, लेकिन अपनी संप्रभुता पर किसी भी प्रकार का खतरा बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने पूर्व सैनिकों की सराहना व्यक्त करते हुए कहा कि वे राष्ट्र की सीमा पर वो आँखें हैं जो राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने पूर्व सैनिकों की निस्वार्थ सेवा और राष्ट्र के प्रति समर्पण की सराहना की और युवाओं को उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
सीडीएस ने कहा कि देहरादून मिलिट्री स्टेशन में इंटीग्रेटेड वेटरन्स वेलनेस एंड सेवा केंद्र स्थापित किया जाएगा। यह केंद्र पूर्ण रूप से तकनीक आधारित और पूर्व सैनिकों की सुविधा के लिए समर्पित होगा। उन्होंने मुख्यालय उत्तराखण्ड सब एरिया पर इस परियोजना को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने का विश्वास जताया।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार सेवारत और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए सदैव तत्पर है। रैली में जीओसी-इन-सी सेंट्रल कमांड ले. जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, जीओसी उत्तर भारत एरिया ले. जनरल डी.जी. मिश्रा, जीओसी उत्तराखण्ड सब एरिया मेजर जनरल एम.पी.एस. गिल, वॉर वूंडेड फाउंडेशन के अध्यक्ष ले. जनरल असित मिस्त्री (से नि) व ब्रिगेडियर हरचरण सिंह (से नि) सहित अनेक गणमान्य अधिकारी तथा बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक उपस्थित रहे। रैली में 21 कंपनियों द्वारा जॉब फेयर, बैंकिंग सुविधाएं, राज्य सरकार की योजनाओं से संबंधित स्टॉल और निःशुल्क चिकित्सा शिविर भी आयोजित किए गए।
Dehradun
वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को मिला नोटिस, पत्रकारों समेत करन माहरा उतरे समर्थन में…

देहरादून(janmanchTV ): उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को हाल ही में कानूनी नोटिस भेजे जाने को लेकर उत्तराखंड में चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भई उनके समर्थन में उतर आए हैं। उनका कहना है कि देश में सच बोलना अब अपराध बन गया है।
वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी के समर्थन में आए पत्रकार
प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को लीगल नोटिस भेजने को लेकर अब पत्रकार उनके समर्थन में उतर आए हैं। बता दें कि अजीत राठी ने सोशल मीडिया पर लिखी अपनी एक पोस्ट में राज्य के आईटी पार्क क्षेत्र की जमीन को लेकर सरकार और सिडकुल के बीच हुए एक कथित भूमि आवंटन को लेकर सवाल उठाए थे।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि आईटी पार्क की जमीन को 90 साल की लीज पर एक निजी कंपनी को देने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने इसे जनता के हितों और राज्य की नीतियों के खिलाफ बताया। इस पोस्ट के बाद उन्हें कथित तौर पर सरकारी पक्ष से एक कानूनी नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस के बाद अब पत्रकार अजीत राठी के समर्थन में सोशल मीडिया पर #IStandWithAjitRathi लिख रहे हैं और नोटिस को लेकर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार को आलोचना और सवालों का स्वागत करना चाहिए, न कि पत्रकारों को डराने-धमकाने की कोशिश करनी चाहिए।
करन माहरा भी उतरे समर्थन में
पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी अजीत राठी के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने अजीत राठी को नोटिस भेजने को लेकर सावल उठाए हैं। उनका कहना है कि देश में सच बोलना अपराध हो गया है। एक पत्रकार अगर जनता के हित के लिए सच बोलता है तो उसे नोटिस भेजा जाता है। इसके साथ ही उसके घर पर पुलिस वालों को भेजकर पत्रकार और पत्रकार के घर वालों को डराने की कोशिश की जाती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की डबल इंजन की सरकार जनता के सवालों के जवाब देने के बजाय सावल पूछने वालों को चुप कराने में व्यस्त है।
मैं राज्यहित के मुद्दे उठाता रहूूंगा – अजीत राठी
अजीत राठी ने उन्हें मिले नोटिस को लेकर सोशल मीडिया पर लिखा है कि नोटिस देने से पहले मेरी गैरमौजूदगी में तीन दिन तक खाकी वर्दी में सरकारी लोग गए। ये सब मेरे परिवार पर मानसिक दबाव बनाने के लिए किया गया लेकिन ये कोशिश बेकार साबित हुई। उन्होंने कहा कि नोटिस मिलते रहे लेकिन वो राज्यहित के मुद्दे उठाते रहेंगे।
- Accident2 years ago
सिल्क्यारा टनल हादसा: सीएम धामी ने की प्रेसवार्ता दी रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी।
- Breakingnews2 years ago
देहरादून पहुँचे बीजेपी के राष्टीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, सीएम धामी ने किया स्वागत।
- Uttar Pradesh5 years ago
उत्तर प्रदेश बोर्ड : 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए 05 जनवरी 2021 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं छात्र….
- Haryana2 years ago
नायब सिंह सैनी को बनाया गया हरियाणा का नया सीएम, सैनी ने पीएम मोदी का जताया आभार…पूर्व सीएम के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा हुई तेज।
- Breakingnews3 years ago
बरातियों से भरी मैक्स सड़क से 70 मीटर नीचे खेतों जा गिरी, 2 की मौत 10 घायल।
- Crime2 years ago
पूर्व विधायक किन्नर महिला के ग्रुप की ऑटो चालक ने की बीच सड़क पर पिटाई, वीडियो वायरल।
- Breakingnews5 years ago
23 जनवरी को पीएम मोदी जाएंगे कोलकाता , ‘पराक्रम दिवस’ समारोह को करेंगे संबोधित…..
- Breakingnews5 years ago
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को दी मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं…..