Rudraprayag
बाबा केदार के मंदिर में 23 घंटे धार्मिक गतिविधियां हो रही संचालित, 19 घंटे श्रद्धालु कर रहे दर्शन…उमड़ रहा भक्तों का सैलाब।

रुद्रप्रयाग – भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ धाम में श्रद्धा व भक्ति का उल्लास अपने चरम पर है। प्रतिदिन बढ़ रही भक्तों की भीड़ के चलते इन दिनों से मंदिर में 23 घंटे तक धार्मिक गतिविधियां हो रही हैं, जिसमें 15 घंटे धर्म दर्शन, 4 घंटे श्रृंगार दर्शन और देर रात्रि से तड़के तक चार घंटे भक्तों द्वारा ऑनलाइन व ऑफलाइन बुक की गई पूजाएं संपादित की जा रही हैं।
केदारनाथ यात्रा के इतिहास में यह पहला मौका है, जब मंदिर दिनरात में सिर्फ एक घंटे बंद रहा है। इसके अलावा, समूची केदारपुरी, पैदल मार्ग और राजमार्ग पर 24 घंटे यात्रा संचालित हो रही है। 10 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में इस वर्ष आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। यात्रा के 14 दिनों में ही दर्शनार्थियों का आंकड़ा 4 लाख 24 हजार 242 पहुंच गया है। धाम में पिछले सात दिनों से प्रतिदिन 30 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन को पहुंच रहे हैं, जिस कारण मंदिर केा अधिकाधिक समय के लिए खुला रखा जा रहा है।
इन दिनों 24 घंटे के दिनरात में 23 घंटे तक बाबा केदार के मंदिर में धार्मिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं, जिसमें सुबह 4 बजे कपाट खुलने के बाद पूजा-अर्चना हो रही है। इसके बाद सुबह 5 बजे से बाबा के भक्तों के लिए धर्म दर्शन शुरू हो रहे हैं, जो अपराह्न तीन बजे तक हो रहे हैं।
इसके बाद बाबा केदार को बाल भोग लगाया जा रहा है, जिस कारण मंदिर के कपाट 30 मिनट के लिए बंद किए जा रहे हैं। गर्भगृह की साफ-सफाई और अन्य धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के उपरांत 3.30 बजे पुन: मंदिर के कपाट खोले जा रहे हैं और भक्तों को धर्म दर्शन कराए जा रहे हैं, जो सांय 7 बजे तक हो रहे हैं।
इसके उपरांत मंदिर में भगवान केदारनाथ की सांयकालीन पूजा व आरती हो रही है, जिसमें प्रतिदिन 10 हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। आरती के उपरांत साढ़े सात बजे से भगवान के श्रृंगार दर्शन हो रहे हैं, जो सभामंडप से कराए जा रहे हैं। इस दौरान गर्भगृह में प्रवेश वर्जित है।
श्रृंगार दर्शन रात्रि 11 बजे तक कराए जा रहे हैं। इसके मंदिर के कपाट बंद किए जा रहे हैं। लेकिन मंदिर के अंदर गर्भगृह में बाबा के भक्तों की ऑनलाइन व ऑफलाइन बुक की गईं पूजाएं की जा रही हैं, जो सुबह 4 बजे तक संपादित हो रही हैं।
केदारनाथ यात्रा में पहली बार गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर 24 घंटे आवाजाही हो रही है। गौरीकुंड से जहां सुबह 3 बजे से भक्तों का धाम जाना शुरू हो रहा है। वहीं, देर शाम 5 बजे के बाद भी केदारनाथ से श्रद्धालु वापस सोनप्रयाग लौट रहे हैं, जो मध्य रात्रि के बाद गौरीकुंड तक पहुंच पा रहे हैं। गौरीकुंड के पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी ने बताया कि रात्रि दो-तीन बजे तक यात्रियों की चहलकदमी बनी हुई है। इधर, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग और ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर भी 24 घंटे यातायात संचालित हो रहा है।
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केदारनाथ यात्रा पर अपडेट, जानिए हालात और जरूरी निर्देश !

रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड से लगभग एक किलोमीटर आगे छोड़ी गधेरे के पास अचानक भारी बोल्डर, मलबा और पत्थर गिरने से पैदल मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने फिलहाल सोनप्रयाग से आगे यात्रा को रोक दिया है।
पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ की टीमें और निर्माण एजेंसी के कर्मचारी मलबा हटाने में जुटे हुए हैं। मैनुअल तरीके से यह कार्य जारी है, इसलिए मार्ग खुलने में कुछ समय लग सकता है।
प्रशासन सभी यात्रियों से अनुरोध करता है कि वे अफवाहों से बचें और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का सख्ती से पालन करें। मनकटिया क्षेत्र और गौरीकुंड की छोटी पार्किंग से आगे का रास्ता पैदल यात्रा के लिए खुला है…लेकिन मुख्य मार्ग खुलने तक संयम और धैर्य बनाए रखें।
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केदारनाथ यात्रा पर ब्रेक! सोनप्रयाग में भूस्खलन से राजमार्ग हुआ ध्वस्त

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते रुद्रप्रयाग जिले के सोनप्रयाग क्षेत्र में मुनकटिया स्लाइडिंग जोन पर बुधवार देर रात भूस्खलन हो गया। इसके चलते केदारनाथ धाम से लौट रहे दर्जनों श्रद्धालु मार्ग में फंस गए। घटना के बाद गुरुवार सुबह प्रशासन ने एहतियातन केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया है।
पुलिस के अनुसार रात करीब 10 बजे भारी बारिश के चलते मुनकटिया क्षेत्र में अचानक मलबा और चट्टानें गिर गईं जिससे सड़क पूरी तरह अवरुद्ध हो गई। इस दौरान गौरीकुंड से लौट रहे तीर्थयात्रियों का एक समूह रास्ते में फंस गया।
स्थिति की जानकारी मिलते ही SDRF की टीम मौके पर पहुंची और करीब 40 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर सोनप्रयाग पहुंचाया। सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं और किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रुद्रप्रयाग प्रशासन के अनुसार जब तक मार्ग पूरी तरह से साफ नहीं हो जाता और मौसम अनुकूल नहीं होता यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित रखा जाएगा। मौसम विभाग ने भी अगले कुछ दिनों में फिर से बारिश की संभावना जताई है। प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा मार्ग और मौसम की ताजा जानकारी लेने के बाद ही यात्रा शुरू करें।
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कार खाई में गिरने से बैंक मैनेजर की मौत !

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में एक और दर्दनाक सड़क हादसा सामने आया है। बुधवार देर रात जिले के सन बैंड क्षेत्र के पास एक कार अनियंत्रित होकर करीब 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई, जिसमें कार सवार व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतक की पहचान चमोली जिला सहकारी बैंक सतेराखाल शाखा के मैनेजर के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि वह गोपेश्वर में बैंक की बैठक में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे। लौटते समय यह दर्दनाक हादसा हो गया।
हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को खाई से बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। दुर्घटना में कार के परखच्चे उड़ गए, जिससे हादसे की भयावहता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
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