Uttarakhand
रामलीला मैदान में महापंचायत की शुरुआत, प्रदेशभर से पहुंचे हिंदूवादी नेता !

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में आज रामलीला मैदान में देवभूमि विचार मंच द्वारा मस्जिद विवाद के विरोध में महापंचायत का आयोजन किया गया। इसमें हिंदूवादी नेताओं, हैदराबाद के विधायक टी राजा, गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान और स्वामी दर्शन भारती ने भाग लिया। विधायक चौहान ने इस अवसर पर उत्तरकाशी को धार्मिक नगरी घोषित करने की बात कही और सभी से इसमें सहयोग की अपील की।
मस्जिद विवाद के बीच आयोजित इस महापंचायत में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं। चार महीने से जारी मस्जिद विवाद के कारण माहौल गर्म है, जिसमें 24 अक्टूबर को हुई जनाक्रोश रैली के दौरान पथराव और लाठीचार्ज की घटना हुई थी, जिसमें 27 लोग घायल हुए थे। इस महापंचायत के आयोजन को लेकर प्रशासन ने शुक्रवार शाम को सशर्त अनुमति दी थी।
महापंचायत की सुरक्षा को लेकर एसपी सरिता डोबाल ने बताया कि शहर को 7 जोन और 15 सेक्टर में बांटा गया है और यातायात को डायवर्ट किया गया है। इसके अलावा, ड्रोन कैमरों के माध्यम से कार्यक्रम पर नजर रखी जाएगी और चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवानों की तैनाती की जाएगी। पुलिस ने जनाक्रोश रैली के दौरान ड्रोन कैमरों से मिली मदद का भी उल्लेख किया, जिससे पथराव करने वालों का पता चल सका था।
इस दौरान, टिहरी से एएसपी जेआर जोशी समेत अन्य पुलिस अधिकारी भी उत्तरकाशी पहुंचे। अतिरिक्त पुलिस बल में चार सीओ, नौ इंस्पेक्टर, पांच सब-इंस्पेक्टर, नौ सहायक सब-इंस्पेक्टर और दो कंपनी पीएसी को बुलाया गया है। सबसे ज्यादा पुलिस बल हरिद्वार से भेजा गया है।
टी राजा, जो कि विवादास्पद धार्मिक टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं, इस महापंचायत में शामिल हुए हैं। उत्तरकाशी एसपी सरिता डोबाल ने कहा कि शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और आयोजकों से शर्तों का पालन करने के लिए भी कहा गया है।
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Nainital
कैंचीधाम में लगेगा आस्था का मेला, 15 जून को बदल जाएगा रूट, बंद रहेंगे कैमरे और गाड़ियाँ

नैनीताल: 15 जून को कैंची धाम का स्थापना दिवस मनाया जाएगा, जिसे लेकर नैनीताल जिला प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। मेले के दौरान भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर प्रबंधन के साथ बैठक की है। इस बार श्रद्धालुओं की संख्या पिछले साल की तुलना में दोगुनी मानी जा रही है।
प्रशासन ने साफ निर्देश दिए हैं कि कैंची धाम और उसके आसपास के इलाके में किसी भी प्रकार के वाहन नहीं चलेंगे। साथ ही फोटो, वीडियो और सोशल मीडिया के लिए रील्स बनाने पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए 13 जून तक सभी जरूरी काम पूरे करने के निर्देश दिए गए हैं। बिजली, पानी और शौचालय की व्यवस्था को भी दुरुस्त किया जा रहा है।
इस बार सिर्फ 15 जून को ही नहीं बल्कि 17 जून तक कैंची धाम में प्रसाद का वितरण किया जाएगा। श्रद्धालुओं के आवागमन को आसान बनाने के लिए हल्द्वानी, नैनीताल, भवाली और भीमताल से शटल सेवा चलाई जाएगी।
सुरक्षा के लिहाज से एसएसबी की तैनाती की जा रही है और सड़क किनारे किसी भी तरह के स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मेले के दौरान पहाड़ों की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए रूट प्लान में भी बदलाव किया गया है…उन्हें रामगढ़ होते हुए अल्मोड़ा भेजा जाएगा।
प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे शांति और अनुशासन के साथ मेले में भाग लें और दिए गए निर्देशों का पालन करें।
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Politics
सीएम धामी ने पुरोला में 210 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया, क्षेत्रीय विकास को मिलेगी रफ्तार

उत्तरकाशी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को उत्तरकाशी के पुरोला में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 210 करोड़ की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें 35 योजनाओं का लोकार्पण तथा 20 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुरोला स्थित खेल मैदान के उच्चीकरण , मोरी के देवरा गांव में कर्ण महाराज मंदिर के सौंदर्यकरण, नौगांव में रुद्रेश्वर महादेव मंदिर का सौंदर्यीकरण, नौगांव सामुदायिक स्वास्थ केंद्र का विस्तारीकरण, पुरोला – नौगांव मोटर मार्ग डूकाणा रोड होते हुए मोरी बैंड तक बाईपास का निर्माण एवं मोरी के पट्टी गडूगाड़ के देवजानी ओरा से केदरकांठा तक पर्यटक क्षेत्र के घोषित किए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा लोकार्पण एवं शिलान्यास की गई योजनाओं से उत्तरकाशी जनपद के पुरोला और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। ये योजनाएं क्षेत्र के सर्वांगीण विकास और नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इन विकास योजनाओं से क्षेत्र में आर्थिक विकास को बल मिलेगा तथा कनेक्टिविटी और रोजगार के बेहतर अवसरों की उपलब्धता में भी ये सहायक होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ हर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पूर्व में की गई घोषणाओं को पूरा कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ग्यारह वर्ष का कालखंड सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण को समर्पित रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि जिन योजनाओं का शिलान्यास हो रहा है। उन योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा राज्य सरकार द्वारा अपराधी मानसिकताओ के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा रही है। राज्य में सख्त भू कानून लागू किया गया है। साथ ही देश में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड, पहला प्रदेश बन गया है। उन्होंने कहा राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरोला क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य पेयजल, सड़क के क्षेत्र में जो विकास कार्य हुए है, वो क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे जिससे इस क्षेत्र का समेकित विकास होगा। उन्होंने कहा इस क्षेत्र में पर्यटन और बागवानी के क्षेत्र में अपार संभावनाए हैं।
पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल ने पूरे क्षेत्र की ओर से मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। उन्होंने रंवाई क्षेत्र में अस्पताल के भूमि पूजन और मोरी जखोल मोटर मार्ग के निर्माण की स्वीकृति प्रदान किए जाने पर मुख्यमंत्री का धन्यवाद अर्पित किया। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जीरो टॉलरेंस, यूसीसी और सिल्क्यारा सुरंग रेस्क्यू जैसे ऐतिहासिक कार्य किए हैं।
इस अवसर पर विधायक गंगोत्री सुरेश चौहान, पूर्व विधायक माल चंद, भाजपा जिलाध्यक्ष नागेंद्र चौहान, राज्य मंत्री प्रताप सिंह पंवार, रामसुंदर नौटियाल, जगत सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष पुरोला बिहारी लाल शाह ,जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, पुलिस अधीक्षक सरिता डोभाल, एवं अन्य लोग मौजूद थे।
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Dehradun
अब बुके नहीं, बुक दें: उत्तराखण्ड में बोले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की साधारण सभा और प्रबंध कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से अपील की कि वे भेंट के रूप में बुके देने की बजाय किताबें दें, ताकि पढ़ाई-लिखाई का प्रचार हो सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड की बोलियाँ, लोक कथाएँ, लोकगीत और साहित्य को डिजिटली रूप में संग्रहित करने का काम तेजी से किया जाए। इसके लिए एक ई-लाइब्रेरी भी बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि लोक कथाओं पर आधारित अधिक से अधिक संग्रह बनाए जाएं और उनका ऑडियो-विजुअल रूप में भी निर्माण किया जाए।
स्कूलों में स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने के लिए सप्ताह में एक दिन भाषण, निबंध और अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा उत्तराखण्ड भाषा और साहित्य का बड़ा महोत्सव भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें देशभर के साहित्यकारों को आमंत्रित किया जाएगा। उत्तराखण्ड की बोलियों का भाषाई मानचित्र भी बनाया जाएगा।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान की राशि 5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख 51 हजार की जाएगी। इसके अलावा दीर्घकालीन साहित्य सेवा सम्मान भी दिया जाएगा, जिसकी राशि 5 लाख होगी। युवा रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए दो आयु वर्गों (18-24 वर्ष और 25-35 वर्ष) में युवा कलमकार प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी।
राज्य के दूर-दराज़ इलाकों तक सचल पुस्तकालय पहुंचाने के लिए काम किया जाएगा और बड़े प्रकाशकों से सहयोग लेकर विभिन्न विषयों की पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी। बच्चों में स्थानीय बोलियों के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए छोटे वीडियो बनाए जाएंगे।
जौनसार-बावर क्षेत्र की पौराणिक पंडवाणी गायन ‘बाकणा’ का अभिलेखीकरण किया जाएगा। साथ ही प्रख्यात नाट्यकार गोविन्द बल्लभ पंत का संपूर्ण साहित्य संग्रहित किया जाएगा। 50 से 100 वर्ष पुराने साहित्य को भी संकलित किया जाएगा और उच्च हिमालयी तथा जनजातीय भाषाओं के संरक्षण व अध्ययन के लिए शोध परियोजनाएं चलायी जाएंगी।
राज्य में प्रकृति के बीच साहित्य सृजन और साहित्यकारों की बैठक के लिए दो साहित्य ग्राम बनाए जाएंगे।
इस बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव वी.षणमुगम, निदेशक भाषा स्वाति भदौरिया, कुलपति दून विश्वविद्यालय डॉ. सुरेखा डंगवाल, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।
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