International
चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में तब्दील हुआ जश्न, महिलाओं समेत 10 की मौत !

बेंगलुरु: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने 18 साल बाद आईपीएल 2025 का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। इस ऐतिहासिक जीत के जश्न में मंगलवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। लेकिन यह खुशी का मौका उस समय मातम में बदल गया, जब स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है…जबकि 50 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह में आरसीबी की टीम को आधिकारिक रूप से सम्मानित किया जाना था। इस समारोह में टीम को देखने और जीत का जश्न मनाने के लिए लाखों की भीड़ स्टेडियम के बाहर उमड़ पड़ी।
लेकिन भीड़ नियंत्रण में प्रशासन की विफलता के चलते हालात बेकाबू हो गए। धक्का-मुक्की के दौरान कई लोग जमीन पर गिर पड़े..जिन्हें कुचलने से जान गंवानी पड़ी। कुछ लोग बेहोश हो गए…और कई गंभीर रूप से घायल हैं।
घायलों को तुरंत बेंगलुरु के बॉरिंग अस्पताल और वैदेही अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहा बॉरिंग अस्पताल में 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। वैदेही अस्पताल में 4 लोगों की मौत हुई है। लगभग 50 अन्य घायलों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है।
जहां एक ओर स्टेडियम के अंदर टीम की जीत का उत्सव चल रहा था…वहीं बाहर परिजनों की चीख-पुकार और अफरा-तफरी का माहौल था। घटना के बाद इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बन गई, जिसे काबू में करने के लिए पुलिस बल तैनात करना पड़ा।
जानकारी के अनुसार पहले आरसीबी टीम को एक ओपन बस परेड के जरिए शहर में घुमाने की योजना थी। लेकिन बढ़ती भीड़ को देखते हुए यह परेड रद्द कर दी गई और खिलाड़ियों को सीधे स्टेडियम लाया गया। इस परिवर्तन की जानकारी आम लोगों को समय पर नहीं दी गई…जिसके कारण बड़ी संख्या में फैंस स्टेडियम के पास जमा हो गए और अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गई।
चश्मदीद ने कहा कि हम सुबह से खिलाड़ी देखने आए थे। अंदर नहीं जा सके लेकिन बाहर भी ऐसी अफरा-तफरी होगी, सोचा नहीं था…लोगों की सांसें टूटती देखी….एक फैन की आँखों में आँसू
इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का आरोप है कि पुलिस और आयोजकों की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से जवाबदेही तय करने की मांग की जा रही है।
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Chhattisgarh
अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों की बड़ी जीत: 27 नक्सली ढेर, इनामी बसवराजू का खात्मा, पीएम मोदी ने जवानों को दी बधाई…

नारायणपुर/बस्तर – छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में बुधवार सुबह एक ऐतिहासिक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने अबूझमाड़ के घने जंगलों में 27 खूंखार नक्सलियों को ढेर कर दिया। यह ऑपरेशन ‘ब्लैक फॉरेस्ट’ के नाम से जाना जा रहा है, जिसमें सीपीआई (माओवादी) के महासचिव और सबसे बड़े नक्सली सरगना नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू को भी मार गिराया गया। बसवराजू पर 1.5 करोड़ रुपये का इनाम था। मुठभेड़ के दौरान डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) का एक जवान भी शहीद हुआ है, जबकि कुछ अन्य घायल हुए हैं।
19 मई को नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोण्डागांव से डीआरजी की संयुक्त टीमें अबूझमाड़ रवाना हुई थीं। 21 मई की सुबह माओवादियों ने सुरक्षाबलों पर घात लगाकर हमला किया, जिसके जवाब में बहादुर जवानों ने न केवल मुकाबला किया, बल्कि 27 नक्सलियों को ढेर कर decisive बढ़त हासिल की।
इस अभियान में बसवराजू जैसे टॉप नक्सली लीडर को मार गिराना सुरक्षा बलों के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि 30 वर्षों में पहली बार किसी महासचिव स्तर के नक्सली को खत्म किया गया है। इस कार्रवाई से सुरक्षाबलों का मनोबल उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
मुठभेड़ के बाद चलाए गए तलाशी अभियान में AK-47, SLR, INSAS, कार्बाइन सहित भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य सामग्री बरामद की गई है। जंगल में अभी भी तलाशी अभियान जारी है और घायल अथवा फरार माओवादियों की तलाश की जा रही है।
कौन था बसवराजू ?
उम्र: लगभग 70 वर्ष
शिक्षा: B.Tech, वारंगल
निवासी: जियान्नापेटा गांव, श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश
उपनाम: प्रकाश, विजय, कमलू, कृष्णा आदि
भूमिका: माओवादी पोलित ब्यूरो का प्रमुख रणनीतिकार
इनाम: 1.5 करोड़
इतिहास: 1970 के दशक से नक्सली आंदोलन से जुड़ा, छत्तीसगढ़ में कई हमलों का मास्टरमाइंड
नेताओं और सरकार की प्रतिक्रियाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी – छत्तीसगढ़ में 27 माओवादियों को मार गिराने वाले सुरक्षा बलों पर गर्व है। यह सफलता हमारे बहादुर जवानों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
गृह मंत्री अमित शाह – तीन दशकों की लड़ाई में यह पहली बार है जब महासचिव रैंक के नक्सली को मारा गया है। यह नक्सलवाद के खिलाफ हमारी निर्णायक विजय है।
सीएम विष्णुदेव साय – जवानों ने दुर्गम परिस्थितियों में साहस दिखाते हुए बसवराजू जैसे खतरनाक माओवादी को मार गिराया। मैं उनकी वीरता को नमन करता हूं।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा – 30 वर्षों में पहली बार महासचिव स्तर का नक्सली मारा गया है। यह जवानों के अद्भुत शौर्य का परिणाम है।
डिप्टी सीएम अरुण साव – यह ऐतिहासिक सफलता केंद्र सरकार की रणनीति और हमारे जवानों की बहादुरी का परिणाम है।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल – यह बड़ी ऑपरेशनल सफलता है। हमारी सरकार के दौरान 600 गांव नक्सलियों से मुक्त कराए गए। अब वे सीमित क्षेत्र में सिमट गए हैं।
इस मुठभेड़ में एक डीआरजी जवान शहीद हुआ है और कुछ जवान घायल हुए हैं। घायल जवानों को समय पर चिकित्सा सुविधा दी गई है और सभी खतरे से बाहर हैं। शहीद जवान को पूरे राज्य ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।
इस ऑपरेशन के साथ ही छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ एक निर्णायक मोड़ आया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि भारत सरकार 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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Chhattisgarh
छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर नक्सली हमला: IED ब्लास्ट में तीन जवान शहीद, तीन घायल…

सुकमा(छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर एक बार फिर नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाया है। सूत्रों के अनुसार, तेलंगाना के वेंकटपुरम और ईडमिली की पहाड़ियों में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ जारी है। इसी दौरान मूलगु जिले के वाजेडु गांव के पास हुए आईईडी ब्लास्ट में तीन जवान शहीद हो गए हैं, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हालांकि, इस घटना की अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
जिस क्षेत्र में यह धमाका हुआ है, वह छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की सीमा से सटा हुआ है और नक्सली गतिविधियों के लिहाज से यह इलाका अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। ब्लास्ट के तुरंत बाद इलाके में अतिरिक्त सुरक्षाबलों को रवाना किया गया है और संभावित नक्सली ठिकानों की घेराबंदी की जा रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी 7 मई को बीजापुर जिले के जंगलों में एक भीषण मुठभेड़ हुई थी, जिसमें कई नक्सली मारे गए थे। यह घटना उसी सिलसिले की अगली कड़ी मानी जा रही है।
फिलहाल, घायल जवानों को एवैक्यूएट कर नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है और पूरे घटनाक्रम पर सुरक्षा एजेंसियां और खुफिया विभाग नजर बनाए हुए हैं।
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Delhi
भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत लिया पहलगाम हमले का बदला, PoK और पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकाने तबाह !

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारत ने करारा जवाब दिया है। भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकियों के नौ ठिकानों पर मिसाइलें दागीं और उन्हें पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। इस संयुक्त अभियान में सेना, वायुसेना और नौसेना ने सटीक हथियारों का इस्तेमाल कर आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान में बहावलपुर, सियालकोट और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जबकि पांच अन्य कैंप PoK के भीतर थे। यह अभियान भारत की ज़मीन से ही चलाया गया और पूरी तरह से केंद्रित, गैर-उकसावे वाला और संयमित रहा।
रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि ये हमले जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के ठिकानों पर किए गए, जो भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। मंत्रालय ने कहा, “भारत ने संयम का परिचय देते हुए केवल आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को ही निशाना बनाया है, किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को नहीं छुआ गया।”
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के बायसरन घाटी में छुट्टियां मना रहे 26 पर्यटकों की आतंकियों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस हमले के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई थी। भारत ने अब उस हमले का जवाब वैश्विक मंच पर संयम दिखाते हुए सटीक सैन्य कार्रवाई से दिया है।
भारतीय हमले के बाद पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “मगरमच्छ के आंसू” बहाने शुरू कर दिए हैं। ISPR के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि भारत ने कुल 24 हमले किए हैं, जिनमें आठ पाकिस्तानी नागरिक मारे गए और 35 घायल हुए हैं। उन्होंने इसे “कायरता” करार दिया, जबकि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह कदम आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक संदेश है।
यह कार्रवाई 2019 में हुए बालाकोट एयरस्ट्राइक की याद दिलाती है, जब पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में आतंकियों के शिविर तबाह किए थे। अब, छह साल बाद भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने को तैयार है।
रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के परिणाम और रणनीतिक विवरण पर विस्तृत रिपोर्ट जल्द सार्वजनिक की जाएगी।
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