बदरीनाथ (उत्तराखंड): बदरीनाथ धाम में कपाटोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। शनिवार को भगवान उद्धव, गरुड़ उत्सव डोलियां और आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी परंपरा अनुसार धाम पहुंच गईं, जबकि भगवान कुबेर जी की डोली रात्रि विश्राम के लिए बामणी गांव स्थित मां नंदा देवी मंदिर में ठहराई गई है।
कपाट खुलने से पहले मंदिर को 15 कुंतल गेंदे के फूलों से भव्य रूप से सजाया गया है। धाम में देश-विदेश से हजारों तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। रावल अमरनाथ नंबूदरि, ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, बीकेटीसी के अधिकारी-कर्मचारी, स्थानीय नागरिक एवं सैकड़ों श्रद्धालु इस आध्यात्मिक उत्सव के साक्षी बनने के लिए धाम में जुटे हैं।
बदरीनाथ में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए होटल, रेस्टोरेंट और दुकानें खुल चुकी हैं। साथ ही श्रद्धालुओं द्वारा भंडारों का आयोजन भी किया जा रहा है। चारधाम यात्रा के इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।
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