Dehradun
उत्तराखंड पर्यटन को लगेगी रफ़्तार: सीएम धामी ने की ‘गेम चेंजर योजनाओं’ की गहन समीक्षा

देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को पर्यटन विभाग की ‘गेम चेंजर योजनाओं’ की वर्चुअल समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने पर्यटन नीति-2023 के तहत राज्य में हुए निजी निवेश, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने की योजनाओं और स्वरोजगार कार्यक्रमों की प्रगति की गहराई से समीक्षा की।
सीएम धामी ने निर्देश दिए कि अब तक हुए निवेश, एमओयू की प्रगति और ग्राउंड पर हो रहे काम की पूरी रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि पर्यटन केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि स्थानीय रोजगार, आर्थिक सशक्तिकरण और पलायन रोकने का सबसे मजबूत माध्यम है।
मुख्यमंत्री ने खासकर शीतकालीन पर्यटन के प्रचार-प्रसार, पर्यटकों की सुविधाओं को बेहतर बनाने और प्रमुख पर्यटक स्थलों जैसे मसूरी व नैनीताल की कैरिंग कैपेसिटी का आकलन कर नए पर्यटन स्थलों के विकास पर बल दिया।
सीएम धामी ने पर्वतीय क्षेत्रों के अधिक से अधिक परिवारों को होम-स्टे से जोड़ने, ट्रैकिंग रूट्स के आसपास स्वरोजगार को बढ़ावा देने और ‘ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर होम-स्टे अनुदान योजना’ को तेज़ी से लागू करने के निर्देश दिए। साथ ही वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना को प्रभावी ढंग से संचालित कर युवाओं को समय पर ऋण और अनुदान उपलब्ध कराने को कहा।
उन्होंने ‘गोल्जू कॉरिडोर’ (अल्मोड़ा, चम्पावत, घोड़ाखाल) के मास्टर प्लान पर तेज़ी से काम शुरू करने और रुद्रप्रयाग के धार्मिक स्थलों को एकीकृत पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने के भी निर्देश दिए। साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए माउंटेन बाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग जैसे खेलों को नियमित रूप से संचालित करने और प्रचार-प्रसार के लिए विशेष बजट का प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया।
सीएम धामी ने राज्य में विवाह पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संभावित स्थलों की पहचान कर प्रचार अभियान चलाने और गंगोत्री व ध्याणोत्थान क्षेत्र को ‘स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन’ के रूप में विकसित करने के लिए एक माह में कार्ययोजना पेश करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में जानकारी दी गई कि दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना के तहत अब तक 1085 लाभार्थियों को करीब 50 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है और राज्य में कुल 5331 होम-स्टे पंजीकृत हो चुके हैं। 2025-26 में 245 नए होम-स्टे जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। टिहरी, नैनीताल और चमोली जिलों में योजना को खास सफलता मिली है। वहीं, ट्रैकिंग ट्रैक्शन योजना से 115 गांवों के 584 स्थानीय लोगों को जोड़ा गया और अब तक 18 ट्रैकिंग सेंटर विकसित किए गए हैं।
राज्य में 5 करोड़ से अधिक की उच्च मूल्य परियोजनाओं और 1 करोड़ से 5 करोड़ रुपये तक के निवेश के लिए ‘पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना’ भी चलाई जा रही है। इसमें अब तक 909 आवेदन दर्ज हुए हैं, जिनमें 70% निवेशक स्थानीय हैं और 5 करोड़ रुपये से कम का निवेश कर रहे हैं।
बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पर्यटन सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि ये ‘गेम चेंजर योजनाएं’ न सिर्फ पर्यटन को गति दें, बल्कि युवाओं, महिलाओं और सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाएं। उन्होंने पारदर्शिता से अनुदान वितरण और निवेश को ज़मीनी स्तर पर परिणाम में बदलने पर खास ज़ोर दिया।
Crime
छांगुर धर्मांतरण: आगरा के पांचों आरोपी देहरादून कोर्ट में पेश, जेल भेजे गए

देहरादून: बरेली निवासी एक व्यक्ति ने थाना प्रेमनगर में प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की कि उसकी छोटी बहन को आगरा में धर्मांतरण के आरोपियों के संपर्क में लाकर ब्रेनवॉश किया गया और अन्य युवाओं को भी धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया गया। आरोपियों ने बहन को प्रलोभन देकर उसके खाते में पैसे भी जमा किए।
शिकायत पर थाना प्रेमनगर में मुकदमा दर्ज किया गया (मु0अ0सं0: 126/25, धारा 3/5 उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 व धारा 61(2) बीएनएस)। जांच में पता चला कि पीड़िता की फेसबुक के माध्यम से आयशा उर्फ कृष्णा और उसके साथियों अब्दुल रहमान, अब्दुल रहीम व अब्दुल्ला ने उसे प्रभावित किया और धर्म परिवर्तन के लिए प्रोत्साहित किया।
अभियुक्तों को पहले आगरा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। न्यायालय के आदेश पर आज सभी पांचों अभियुक्तों को जिला कारागार आगरा से देहरादून लाकर न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने सभी को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
अभियुक्तों की सूची:
अब्दुल रहमान उर्फ महेन्द्र पाल सिंह – दिल्ली
एसवी कृष्णा उर्फ आयशा माहेनूर – गोवा
अब्दुर रहमान उर्फ रूपेन्द्र सिंह – सहसपुर, देहरादून
अब्दुल रहीम – दिल्ली
अब्दुल्ला – दिल्ली
Crime
उत्तराखंड: पेपर लीक मामले में एसआईटी को मिला खालिद का रिकॉर्ड, मेरठ और दिल्ली से जुड़े तार

देहरादून: यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में लगभग एक महीने की जांच के बाद दून एसआईटी ने मुख्य आरोपी खालिद मलिक का आपराधिक रिकॉर्ड उजागर किया है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार खालिद के खिलाफ मेरठ में वर्ष 2023 में नकल का मुकदमा दर्ज था, लेकिन यूपी पुलिस को अब तक उसकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी। एसआईटी की सूचना पर मेरठ पुलिस ने अब उसकी गिरफ्तारी की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
एसआईटी ने जांच के दौरान एक बड़े नेटवर्क तक भी पहुँच बनाई है, जिसके तार मेरठ और दिल्ली तक जुड़े हुए हैं। इस मामले में जुटाई गई पूरी जानकारी और दस्तावेज मंगलवार को सीबीआई को सौंप दिए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सीबीआई इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की कार्रवाई कर सकती है और मामले में और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

एसआईटी की अल्पावधि जांच में यह भी खुलासा हुआ कि खालिद और साबिया की गिरफ्तारी का विवरण सीबीआई को सौंपा गया है। सर्च वारंट के दौरान खालिद के घर से किसी प्रकार की पाठ्य सामग्री नहीं मिली, जिससे शक और बढ़ गया। दस्तावेजों की जांच में पता चला कि खालिद ने 2023 से 2025 तक कुल नौ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन किया…जिनमें से पाँच परीक्षाओं में वह सम्मिलित नहीं हुआ और कुछ परीक्षाओं की शैक्षिक योग्यताओं को भी वह पूरा नहीं करता था।
Dehradun
उत्तराखंड वित्तीय प्रबंधन में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल, दूसरा स्थान किया प्राप्त

देहरादून: उत्तराखंड ने वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश के श्रेष्ठ राज्यों में अपनी पहचान बनाई है। अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एजेएनआईएफएम) की वित्तीय वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट के अनुसार, हिमालयी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखंड दूसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर अरुणाचल प्रदेश और तीसरे पर मेघालय है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तराखंड ने वित्तीय अनुशासन और राजकोषीय समायोजन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। राज्य की जीएसडीपी 3,32,998 करोड़ रुपये रही…जिसमें 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई। प्रति व्यक्ति आय 2,46,178 रुपये दर्ज की गई। शिक्षा और स्वास्थ्य पर कुल व्यय का 18 प्रतिशत खर्च किया गया।
उत्तराखंड ने कोविड महामारी के बाद से अपने कुल राजस्व में लगातार सुधार किया है। वित्त वर्ष 2020 तक राज्य का कर राजस्व धीरे-धीरे बढ़ा, और वित्त वर्ष 2021 में 1,113 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष आया…जो वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 5,310 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2020 के 7,657 करोड़ रुपये से घटकर 2023 में केवल 2,949 करोड़ रुपये रह गया।
राज्य का कर राजस्व वित्त वर्ष 2020 से 14 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है। इसमें जीएसटी 14 प्रतिशत, पेट्रोलियम व शराब पर नौ प्रतिशत, स्टांप और पंजीकरण शुल्क पर 23 प्रतिशत, तथा राज्य उत्पाद शुल्क में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर रही।
वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान पर राज्य का व्यय वित्त वर्ष 2024 तक कुल राजस्व व्यय का लगभग 58 प्रतिशत रहेगा, जो वित्त वर्ष 2019 के 66.5 प्रतिशत से कम है।
उत्तराखंड के सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने कहा कि प्रदेश सरकार वित्तीय प्रबंधन में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत है। एजेएनआईएफएम की रिपोर्ट में हिमालयी राज्यों में दूसरा स्थान हासिल करना हमारी बड़ी उपलब्धि है।
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