Dehradun
सीएम धामी ने जल विद्युत निगम को सौंपा 20.10 करोड़ के लांभाश का चैक,कारपोरेट भवन का लोकार्पण, इण्टर कॉलेज भानियावाला को दी बस, फ्लेग ऑफ कर किया रवाना।

देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को सायं उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम के 23वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को जल विद्युत निगम के एम.डी ने 20 करोड़ 09 लाख 58 हजार 211 रूपये का लाभांश का चेक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने यूजेवीएनएल के कारपोरेट भवन का लोकार्पण के साथ ही सी.एम.आर के तहत सरस्वती विद्या इण्टर कॉलेज भानियावाला को दी गई बस को फ्लेग ऑफ कर रवाना किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में आयोजित हुए ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में लक्ष्य से अधिक 3.50 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों में ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव शामिल है। उन्होंने जल विद्युत निगम से 2030 तक विद्युत उत्पादन के लक्ष्य 2200 मेगावाट को और अधिक बढ़ाये जाने पर बल देते हुए अपेक्षा की कि जल विद्युत निगम प्रदेश में स्थापित तथा नये स्थापित होने वाले उद्योगों की विद्युत जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान देना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी विभागों एवं संस्थानों से बेहतर वर्क कल्चर के साथ जीरो पेडेंसी का संकल्प लेने को भी कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना के उपरांत यूजेवीएनएल का गठन उत्तराखण्ड को सही अर्थों में ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिए किया गया था। जिसे निगम द्वारा प्रतिवर्ष किए जाने वाले अपने रिकार्ड उत्पादनों के माध्यम से साबित भी किया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि निगम अपनी बेहतर कार्यसंस्कृति और कुशल प्रबन्धन के बल पर इसी प्रकार ऊर्जा के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित करता रहेगा। राज्य निर्माण के समय ऊर्जा क्षेत्र को हमारी आर्थिकी का मूल आधार माना गया था, परंतु हमारा यह लक्ष्य अभी तक पूर्णरूपेण सफल नहीं हो पाया है। अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर यह विचार करें कि इस दिशा में कैसे तेजी से आगे बढ़ा जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र की विकास योजनाओं को समय पर पूर्ण करने में हमें केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर आवश्यक सहयोग दिया जा रहा है।इसका उदाहरण लखवाड़ बहुउद्देश्यीय जल विद्युत परियोजना है जिसमें तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना से करीब 475 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हो सकेगा, जो हमारे प्रदेश के लिए ऊर्जा क्षेत्र में नए अवसर सृजित करेगा। इसके साथ ही जमरानी बांध परियोजना के लिए भी केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है, जिस पर भी कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।

यूजेवीएनएल द्वारा अप्रैल-मई 2022 में व्यासी परियोजना (120 मे.वा.) का कार्य पूर्ण कर एक ऐतिहासिक कार्य किया गया है, जो देवभूमि के ऊर्जा क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। इस परियोजना से जहां एक ओर जौनसार बावर के क्षेत्रों को उच्च गुणवत्ता की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी, वहीं दूसरी और स्थानीय लोगों के जीवन में आर्थिकी का सुधार भी हो सकेगा। लखवाड (300 मे.वा.) जैसी बहुउद्देशीय परियोजना पर कार्य प्रारम्भ होने पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि इससे 05 राज्यों को पीने एवं सिंचाई हेतु जल की आपूर्ति सहित उत्तराखंड को अतिरिक्त 300 मे०वा० की बिजली मिल सकेगी। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 15 मे.वा. की मदमाहेश्वर परियोजना भी सफलतापूर्वक अपना उत्पादन प्रारम्भ करेगी। वृहद परियोजनाओं के अन्तर्गत यमुना घाटी में त्यूनी-प्लासू 72 मे.वा. जल विद्युत परियोजना और आराकोट-त्यूनी की 81 मे.वा. की परियोजना की डी०पी०आर० बनाने की प्रक्रिया भी वर्तमान में चल रही है। राज्य सरकार जीरो पेंडेसी वर्क कल्चर पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिये हर क्षेत्र में सरलीकरण, समाधान, निस्तारिकरण एवं संतुष्टि के मूलमंत्र के आधार पर निर्णय लिए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग में 2008 में केंद्र सरकार द्वारा जल विद्युत नीति लायी गयी थी, जिसे लागू नहीं किया गया था, लेकिन हमने कैबिनट की बैठक में जल विद्युत नीति लाकर उसे लागू करने का प्रयास किया है। उन्होंने यूजेवीएनएल सहित अन्य संस्थानों को अपनी संपत्तियों का भी ध्यान रखने को कहा। ऐसे कई मामले संज्ञान में आ रहे है, जिनमें संस्था की जमीन पर अवैध अतिक्रमण हुआ है। संस्थानों को सरकार की जमीन मिलती है तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उनकी है, इसलिए सभी विभाग अपने-अपने क्षेत्र का अवलोकन करे और जमीनों को कब्जामुक्त करायें। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी सूरत में अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है और हमारी सरकार संकल्पबद्ध होकर इसे पूर्ण करने की दिशा में कार्यरत है। हम अपने ‘विकल्प रहित संकल्प‘ के साथ उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए कृत संकल्पित हैं। इस लक्ष्य को पूर्ण करने एवम् उत्तराखंड को विकसित, सक्षम व आदर्श राज्य बनाने के लिए हमारी सरकार दिन-रात कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने यूजेवीएनएल सहित अन्य ऊर्जा निगमों से अपेक्षा की कि वे उपलब्ध संसाधनों का सही प्रयोग कर प्रदेश को उर्जा क्षेत्र में देश का नंबर वन राज्य बनाने के लिए निरंतर अपना योगदान देते रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें ऊर्जा के क्षेत्र में ज्ञान, विज्ञान एवं नवाचार के साथ ग्रीन इनर्जी के क्षेत्र में भी इकोलॉजी तथा इकोनामी का समन्वय बनाकर आगे बढ़ना होगा। हमे राज्य की जीडीपी को दुगना करने की दिशा में कार्य करना है। इस दिशा में प्रधानमंत्री श्री मोदी हमें प्ररेणा देने के साथ कर्तव्य बोध भी कराते है। हमें इस चुनौती का मिलकर सामना करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा में उत्तराखण्ड वेडिंग डेस्टिशन बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री के आदि कैलाश, गूंजी आदि क्षेत्रों के भ्रमण से यहां देश व दुनिया के लोग आने लगे है। मुख्यमंत्री ने सभी से अपेक्षा की कि वे देहरादून शहर की साफ-सफाई एवं सुंदरता के लिए किये गये प्रयासों में सहयोगी बने ताकि साफ सफाई व सुन्दरता में देश के प्रमुख शहरों में हमारा शहर शामिल हो।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यूजेवीएन लिमिटेड द्वारा निगम की बेहतर कार्यसंस्कृति बनाए रखने तथा निगम के कार्मिकों का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2022-23 में सराहनीय प्रदर्शन पर विभिन्न विद्युतगृहों एवं परियोजनाओं को पुरस्कार भी प्रदान किए गए। इस कड़ी में आर.एम.यू. के साथ सर्वश्रेष्ठ विद्युतगृह का पुरस्कार खटीमा विद्युतगृह को प्रदान किया गया। इसके साथ ही आर.एम.यू. के बिना सर्वश्रेष्ठ विद्युतगृह का पुरस्कार कुल्हाल विद्युतगृह को तथा द्वितीय पुरस्कार खोदरी विद्युतगृह को दिया गया। सर्वश्रेष्ठ निर्माणाधीन परियोजनाओं में काली गंगा द्वितीय परियोजना को सर्वश्रेष्ठ निर्माणाधीन परियोजना का पुरस्कार प्रदान किया गया। साथ ही इस अवसर पर ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड द्वारा हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित 45वीं ऑल इंडिया पावर बैडमिंटन प्रतियोगिता में रजत पदक विजेता उत्तराखंड पावर स्पोर्ट्स ग्रुप की बैडमिंटन टीम के सदस्यों जी.एस. बुदियाल, गोपाल सिंह, ललित कुमार, आदित्य राठी, रक्षित भंडारी तथा सुमित राणा को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम राधा रतूड़ी ने कहा कि हम पिछले दो वर्षों से प्रदेश को ऊर्जा प्रदेश बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इन्वेसमेंट के तहत उद्योगों की स्थापना के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। ऊर्जा इंडस्ट्री में आक्सीजन की भांती होती है। यहां टैरिफ अधिक नही है। उन्होंने ऊर्जा निगमों में इकोलॉजी तथा इकोनामी के समन्वय के साथ 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने पर ध्यान देने को कहा तभी हम उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के मुख्यमंत्री जी के संकल्प को पूरा करने में सफल होंगे।
अपने संबोधन में यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने कहा कि यूजेवीएन लिमिटेड का गठन उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश बनाने तथा राज्य को विद्युत उत्पादन की नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने हेतु किया गया था जिसे निगम द्वारा अपने रिकॉर्ड उत्पादनों द्वारा बार-बार साबित भी किया गया है। सदीप सिंघल ने बताया कि निगम की परियोजनाओं द्वारा वर्ष 2022-23 में 5433 मिलियन ऊर्जा का उत्पादन करते हुए 115.64 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया गया। उन्होंने कहा कि यूजेवीएन लिमिटेड द्वारा लगातार पिछले सात वर्षों से राज्य सरकार को लाभांश प्रदान किया जा रहा है। संदीप सिंघल ने यूजेवीएन लिमिटेड को हनोल त्यूणी जल विद्युत परियोजना एवं लखवाड़ पंप स्टोरेज परियोजना सहित यूजेवीएन लिमिटेड तथा टीएचडीसी के संयुक्त उपक्रम को 489 मेगावाट की तीन जल विद्युत परियोजनाएं तथा 1230 मेगावाट की दो पंप स्टोरेज परियोजनाएं आवंटित करने पर माननीय मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद भी दिया।
कार्यक्रम में विधायक देहरादून कैंट सविता कपूर, यू.ई.आर.सी. के अध्यक्ष डी.पी. गैरोला, अपर मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष यूजेवीएन लिमिटेड राधा रतूड़ी, निदेशक परियोजनाएं सुरेश चंद्र बलूनी, निदेशक वित्त सुधाकर बडोनी के साथ ही बड़ी संख्या में निगम के अधिकारी कर्मचारी व अन्य लोग उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर 15 नवंबर को उत्तराखंड में राज्य स्तरीय भूकंप मॉक ड्रिल होगी आयोजित

देहरादून: मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर 15 नवंबर को भूकंप तथा भूकंप के प्रभाव से उत्पन्न होने वाली अन्य आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने तथा विभिन्न रेखीय विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए सभी 13 जनपदों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। बुधवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में मॉक ड्रिल की तैयारी को लेकर ओरिएंटेशन तथा कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान सभी जनपदों को मॉक ड्रिल के आयोजन को लेकर विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री ने भूकंप पर राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल कराने तथा विभिन्न रेखीय विभागों तथा केंद्र सरकार की एजेंसियों के बीच समन्वय की कड़ी को मजबूत करने, भूकंप तथा इससे जुड़ी अन्य आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों को प्रभावी तरीके से संचालित करने, संसाधनों को बेहतर से बेहतर उपयोग हो, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय मॉक अभ्यास आयोजित करने के निर्देश दिए थे।
उन्होंने बताया कि यूएसडीएमए ने मॉक ड्रिल को लेकर तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं।
12 नवंबर को टेबल टॉप एक्सरसाइज आयोजित की जाएगी तथा 15 नवंबर को राज्य के सभी 13 जनपदों में मॉक ड्रिल का आयोजन होगा।
उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल का आयोजन आईआरएस यानी त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली के अंतर्गत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि टेबल टॉप एक्सरसाइज में सभी जनपद अपनी तैयारियों के साथ ही संसाधनों की उपलब्धता, उनकी तैनाती, मॉक ड्रिल के लिए अपनी योजना के बारे में बताएंगे।
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएलएमएमसी के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार, डॉ बिमलेश जोशी तथा यूएसडीएमए, यूएलएमएमसी तथा यू-प्रिपेयर के अधिकारी तथा विशेषज्ञ आदि मौजूद थे।
सभी जनपदों के अधिकारी तथा विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञ ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए।
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है राज्य-सुमन
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि उत्तराखण्ड भूकंप के दृष्टिकोण से संवेदनशील राज्य है। सभी जनपद जोन 04 व 05 में आते हैं। इसलिए भूकंप से निपटने के लिए न सिर्फ सरकार व शासन-प्रशासन के स्तर पर बल्कि समुदाय स्तर पर भी प्रभावी प्रतिक्रिया जरूरी है ताकि भूकंप के प्रभावों को कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि यूएसडीएमए भूकंप चेतावनी प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। आईआईटी रुड़की के साथ मिलकर सायरन तथा सेंसरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। भूदेव एप विकसित किया गया है, जो पांच से अधिक की तीव्रता का भूकंप आने पर मोबाइल फोन में अलर्ट भेज देगा।
इवैकुएशन प्लान पर भी होगी रिहर्सल.
भूकंप आने की स्थिति में लोगों को किस प्रकार रेस्क्यू किया जाएगा, निर्धारित रूट्स, ट्रांसपोर्ट संसाधनों और सुरक्षित ठिकानों को चिन्हित किया जाएगा। लोगों की सुविधा के लिए नक्शों/चार्ट्स पर स्पष्ट मार्गदर्शन के अलावा बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों के लिए रेस्क्यू की प्रभावी योजना बनाई जाएगी।
राहत शिविरों की व्यवस्थाओं को परखा जाएगा
मॉक अभ्यास के दौरान राहत शिविरों की स्थापना की जाएगी। वहां बिजली, पानी, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, शिशु आहार के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए रियल टाइम में उन्हें परखा जाएगा। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस तथा होमगार्ड के जवानों की तैनाती भी राहत शिविरों में की जाएगी।
मॉक ड्रिल से परखी जाएंगी जनपदों की तैयारियां-स्वरूप
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-प्रशासन आनंद स्वरूप ने भूकंप पर आयोजित होने जा रही मॉक ड्रिल के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मॉक अभ्यास का उद्देश्य भूकंप से निपटने के लिए जनपदों की तैयारियों का परीक्षण करना, विभिन्न विभागों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता को परखना तथा मजबूत करना, राहत एवं बचाव उपकरणों की उपलब्धता और उपयोगिता की जांच करना, राहत शिविर संचालन तथा वहां भोजन, पानी, स्वास्थ्य सुविधा को परखना, चेतावनी तंत्र की प्रभावशीलता का परीक्षण करना, संवेदनशील क्षेत्रों की पूर्व निर्धारित निकासी योजना का अभ्यास करना तथा समुदायों की सहभागिता और उनकी प्रतिक्रिया को मजबूत बनाना है।
जनपदों में अलग-अलग परिदृश्यों पर होगी ड्रिल-नेगी
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी ने बताया कि बहुमंजिला इमारत के ढहने के बाद लोगों का रेस्क्यू, कॉलेज/स्कूल भवन के क्षतिग्रस्त होने से बच्चों तथा शिक्षकों की सुरक्षित निकासी, पुल व फ्लाईओवर का ढहना, बांध की विफलता से उत्पन्न बाढ़ के उपरांत राहत एवं बचाव कार्य, अपार्टमेंट, शॉपिंग मॉल से लोगों की सुरक्षित निकासी, औद्योगिक क्षेत्र में कैमिकल रिसाव के उपरांत राहत एवं बचाव कार्य, ग्लेशियर झील का फटना, रेलवे ट्रेक क्षतिग्रस्त होना, भूस्खलन आदि परिदृश्यों पर मॉक अभ्यास का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रात्रि के समय भूकंप आने पर किस प्रकार प्रभावी तरीके से राहत एवं बचाव कार्य किए जा सकते हैं, इस पर भी रात्रि के समय मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
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उत्तराखंड विधानसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत और दो दिवसीय विशेष सत्र की तैयारियों के लिए उच्चस्तरीय बैठक

देहरादून: आगामी दो दिवसीय विशेष सत्र के सफल एवं सुव्यवस्थित संचालन के उद्देश्य से आज उत्तराखंड विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में राज्य शासन के सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस प्रशासन, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, चिकित्सा, ऊर्जा, पेयजल, लोक निर्माण, परिवहन तथा विधानसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
बैठक में आगामी विशेष सत्र के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विधानसभा आगमन से संबंधित तैयारियों, सुरक्षा प्रोटोकॉल एवं अन्य व्यवस्थाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि राष्ट्रपति जी के आगमन एवं सत्र के आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए तथा सभी व्यवस्थाएं निर्धारित समयसीमा के भीतर पूर्ण की जाएं। उन्होंने कहा कि यह सत्र उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक होगा, क्योंकि इसमें राज्य निर्माण के 25 वर्षों की विकास यात्रा पर व्यापक चर्चा की जाएगी। इस अवसर पर प्रदेश के विकास की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर सार्थक विमर्श होगा।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रपति के आगमन एवं संबोधन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था, मीडिया कवरेज, फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी की सूची पूर्व निर्धारित की जाएगी। इस कार्य के लिए शासन एवं विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों को दायित्व सौंपा गया है। विधानसभा परिसर में प्रवेश, आवागमन एवं बैठक की समस्त गतिविधियों के लिए विशेष पास प्रणाली लागू की जाएगी। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को मीडिया प्रतिनिधियों की सूची निर्धारित कर 31 अक्टूबर तक विधानसभा सचिवालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति के संबोधन के समय विधानसभा परिसर में शांति, सुरक्षा एवं अनुशासन का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने संबंधित विभागों को यह भी निर्देश दिया कि मीडिया और प्रशासन के बीच समन्वय बनाए रखें ताकि राष्ट्रपति जी के आगमन के दौरान सभी प्रोटोकॉल का पूर्णतः पालन हो सके। बैठक में विधानसभा भवन परिसर की साफ-सफाई, सौंदर्यीकरण, अग्निशमन, जल एवं विद्युत आपूर्ति, अतिथियों के स्वागत, बैठने की व्यवस्था, यातायात नियंत्रण और चिकित्सा सुविधा जैसी व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई।
विधानसभा अध्यक्ष ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि विधानसभा भवन के आस-पास के क्षेत्रों की सफाई, उद्यानों का सौंदर्यीकरण, फूलों की सजावट एवं प्रकाश व्यवस्था को प्राथमिकता के साथ पूर्ण किया जाए। अग्निशमन विभाग को सतर्क मोड में रहने तथा आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दल तैयार रखने के निर्देश दिए गए। चिकित्सा विभाग को विधानसभा परिसर में एक पूर्ण चिकित्सा दल, प्राथमिक उपचार कक्ष, आवश्यक दवाइयाँ और एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा गया। ऊर्जा विभाग को निर्बाध विद्युत आपूर्ति तथा बैकअप जनरेटर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। जल संस्थान एवं नगर निगम को स्वच्छ पेयजल और सीवरेज व्यवस्था के लिए निर्देशित किया गया।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान शासन एवं विधानसभा सचिवालय के मीडिया प्रकोष्ठ द्वारा अधिकृत फोटोग्राफर एवं वीडियोग्राफर की सूची तैयार की जाएगी। इस दौरान मीडिया की रिकॉर्डिंग एवं सीधा प्रसारण (लाइव कवरेज) की व्यवस्था सूचना विभाग द्वारा की जाएगी। लोक संपर्क विभाग, दूरदर्शन, आकाशवाणी एवं विधानसभा सचिवालय के मीडिया अधिकारी समन्वय में रहेंगे ताकि कार्यक्रम का सुनियोजित और गरिमामय प्रसारण सुनिश्चित किया जा सके।
बैठक के समापन पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने सभी अधिकारियों से आह्वान किया कि वे आपसी समन्वय एवं पूर्ण तत्परता के साथ कार्य करें, ताकि यह विशेष सत्र शांतिपूर्ण, अनुशासित और ऐतिहासिक रूप से संपन्न हो सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की 25 वर्षों की विकास यात्रा केवल समीक्षा का अवसर नहीं बल्कि आने वाले वर्षों के लिए नई दिशा तय करने का भी माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान जनहित एवं राज्य के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर गंभीर, सार्थक और सकारात्मक चर्चा होनी चाहिए और यही यही सभी का साझा उद्देश्य होना चाहिए।
बैठक में उत्तराखंड शासन के मुख्य सचिव आनंद वर्धन, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, एडीजी अभिनव कुमार, गृह सचिव शैलेश बगौरी, स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार, एसएसपी देहरादून अजय सिंह, पेयजल निगम के हेड संजय सिंह, डीजी हेल्थ डॉ. सुनीता शर्मा,विधानसभा सचिव प्रभारी हेम चंद पंत, वोएसडी अशोक शाह स्थित सूचना विभाग के अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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उत्तराखंड की झांकी ‘अष्ट तत्त्व और एकत्व’ गुजरात के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परेड में प्रदर्शित होगी

देहरादून: लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के एकता नगर में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के सामने आगामी 31 अक्टूबर को आयोजित होने वाली परेड में उत्तराखण्ड राज्य की झांकी ‘अष्ट तत्त्व और एकत्व’ प्रदर्शित की जाएगी।
इस झांकी के माध्यम से देवभूमि उत्तराखण्ड के आध्यात्मिक और प्राकृतिक वैभव के साथ ही सांस्कृतिक और प्रगतिशील विकास के विभिन्न आयाम दर्शाए जाएंगे। एकता दिवस के मुख्य समारोह में राज्य के लोक कलाकार उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर आधारित रंगारंग कार्यक्रम पेश करेंगे।

सूचना विभाग उत्तराखण्ड के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के सामने आयोजित राष्ट्रीय स्तर के मुख्य समारोह में उत्तराखण्ड को भाग लेने का गौरव प्राप्त हुआ है। गृह मंत्रालय, भारत सरकार की विशेषज्ञ समिति द्वारा कई दौर की समीक्षा और परीक्षण के बाद देश के चुनिंदा आठ राज्यों के साथ उत्तराखण्ड की झांकी का अंतिम रूप से चयन किया गया।
राज्य की झांकी ‘अष्ट तत्त्व और एकत्व’ में आठ तत्त्वों की समरसता और एकता की भावना का प्रतीक दिखाया जाएगा। इसमें उत्तराखण्ड के धार्मिक स्थल, प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक समृद्धि और सतत विकास के प्रति प्रगतिशील दृष्टिकोण को प्रदर्शित किया जाएगा।
उत्तराखण्ड की झांकी के नोडल अधिकारी एवं सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक के.एस. चौहान के निर्देशन में इसका निर्माण कराया गया है। चौहान ने बताया कि झांकी और कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुति की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। एकता परेड में राज्य के लोक कलाकारों का चौदह सदस्यीय दल पारंपरिक लोक नृत्य प्रस्तुत करेगा। राज्य की टीम ने बुधवार को ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के सामने आयोजित फुल ड्रेस रिहर्सल में सफलतापूर्वक भाग लिया।
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