Dehradun
सीएम धामी ने सिविल सेवा संघ के वार्षिक अधिवेशन में किया प्रतिभाग, वार्षिक पत्रिका ‘आरोही’ का भी किया विमोचान।

देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुभाष रोड, देहरादून स्थित एक होटल में उत्तराखण्ड प्रान्तीय सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) संघ के वार्षिक अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संघ की वार्षिक पत्रिका ‘आरोही’ का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने अधिवेशन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड प्रान्तीय सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) संघ द्वारा जो मांग पत्र दिया गया है, उन पर उचित कार्यवाही की जायेगी। सभी विषयों पर गंभीरता से विचार करते हुए समस्याओं का समाधान किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड प्रान्तीय सिविल सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी सरकार के प्रमुख अंग हैं। जब आपके द्वारा जनहित में सराहनीय कार्य किये जाते हैं, तो इससे सरकार के प्रति जनता का और विश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी सरकार और जन सामान्य के बीच एक सेतु का कार्य करते हैं। सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और उनको आमजन तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम हमारे अधिकारी हैं। आप जनता और सरकार के मध्य जितना अच्छा समन्वय स्थापित करेंगे, जनहित में कार्य और तेजी से होंगे। सरकार द्वारा लिये गये नीतिगत निर्णयों को धरातल पर उतारने की पूरी जिम्मेदारी अधिकारियों पर होती है। उन्होंने कहा कि आप गुड गवर्नेंस के अग्रदूत हैं। सभी अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने अपील की कि गुड गवर्नेंस और इनोवेशन पर जोर दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में उत्तराखण्ड की एक अलग छवि बनी है, इस छवि को बनाये रखने के लिए हमारे सभी अधिकारियों को ब्रांड एम्बेस्डर के नाते कार्य करना है। उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। देशभर में सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड की एक अलग छवि बन रही है, इस छवि को कायम रखने की जिम्मेदारी आप लोगों पर है। उन्होंने कहा कि प्रान्तीय सिविल सेवा सामान्य सेवा नहीं है। करोड़ों लोगों में से कुछ लोगों को इस प्रकार सेवा करने का अवसर मिलता है। उत्तराखण्ड की लगभग सवा करोड़ की जनता की सेवा और राज्यहित के लिए लिए आपको जो सेवा का अवसर मिला है, सभी पूरे मनोयोग से कार्य करेंगे, ऐसी मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जबसे उन्हें प्रदेश के मुख्य सेवक का दायित्व मिला है, तब से नियमित दिनचर्या, मन और विचार से उन्होंने एक-एक पल प्रदेश की सेवा में लगाया है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड प्रान्तीय सिविल सेवा के अधिकारियों से जन समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित निर्णय के साथ सुशासन और योजनाओं की आमजन तक जल्द पहुंच के मंत्र पर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नो पेंडेंसी के मूल मंत्र को आत्मसात कर आगे बढ़ें। हमें राज्य में नया कार्य व्यवहार अपनाना है। नई कार्य संस्कृति के साथ कार्य करने के लिए हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत कुछ सीखना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यहित और जनहित में कोई भी अधिकारी कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो वे उनसे सीधे संपर्क कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रान्तीय सिविल सेवा के अधिकारियों को 03 बार सेवाकालीन प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी।
राज्य के पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों में सेवा के अवसर दिये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रान्तीय सिविल सेवा के अधिकारियों द्वारा विभिन्न अवसरों पर सराहनीय कार्य किये गये हैं। सिल्क्यारा ऑपरेशन, लोगों को विभिन्न योजनाओं के लाभ, इन्वेस्टर समिट के आयोजन, अतिक्रमण हटाने एवं सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न अभियानों में हमारे इन अधिकारियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इस अवसर पर आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडेय, उत्तराखण्ड प्रान्तीय सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) संघ के अध्यक्ष गिरधारी सिंह रावत, उपाध्यक्ष डॉ. ललित नारायण मिश्रा, प्रताप शाह, पी. सी. दुमका एवं पीसीएस एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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10 जुलाई को नहीं खुलेंगे स्कूल! मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रशासन अलर्ट

देहरादून: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) देहरादून और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की चेतावनी के बाद देहरादून जिला प्रशासन ने एहतियातन बड़ा फैसला लिया है। मौसम विभाग के मुताबिक, 10 जुलाई को देहरादून जनपद में कहीं-कहीं भारी से अत्यंत भारी वर्षा के साथ गर्जन, आकाशीय बिजली और तेज हवाओं की संभावना जताई गई है। इसे ध्यान में रखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
क्या रहेगा बंद?
प्रशासन ने आपदा न्यूनीकरण को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी किया है कि: जनपद में संचालित कक्षा 1 से 12 तक के सभी शासकीय, अशासकीय और निजी विद्यालय और सभी आंगनबाड़ी केंद्र 10 जुलाई 2025 को बंद रहेंगे।
भूस्खलन की संभावना बढ़ी
वर्तमान में जिले के कई क्षेत्रों में मध्यम से भारी वर्षा जारी है। ऐसे में संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन (Landslide) की आशंका बढ़ गई है। प्रशासन का कहना है कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
अधिकारियों को दिए निर्देश
मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून और जिला कार्यक्रम अधिकारी को आदेश जारी किया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें और बंद रहें।
लोगों से अपील
प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि: अत्यधिक जरूरी होने पर ही घर से निकलें। पहाड़ी और ढलान वाले क्षेत्रों से दूरी बनाए रखें। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
सतर्क रहें सुरक्षित रहें। मौसम विभाग के अपडेट्स और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें।
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वन निगम के लौगिंग प्रबंधक आन सिंह कांदली को मिलेगी डॉक्टरेट की मानध उपाधि

कर्णप्रयाग: वन निगम मे तैनात प्रभागीय लौगिंक प्रबंधक (डीएलएम) आन सिंह कांदली को डॉक्टरेट की मानध उपाधि दी जाएगी। विश्व मानवधिकार संरक्षण आयोग की ओर से सामाजिक क्षेत्र, पर्यावरण और वन्य जीव संरक्षण के लिए यह उपाधि दी जाएगी। आगामी 31 जुलाई को देहरादून में आयोजित कार्यक्रम मे उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।
प्रभागीय लौगिंक प्रबंधक (डीएलएम) ने बताया कि पिछले 15 सालों से अधिक समय से वे प्रशासनिक कार्याे के साथ सामाजिक कार्य भी कर रहे है। जिसमें की उन्होने कई जरूरतमंदो को शिक्षा, चिकित्सा रोजगार आदि क्षेत्रों में आर्थिक सहायता प्रदान की है। साथ ही विभागीय कार्यों के दौरान उन्होनें अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर पौधरोपण, अतिक्रमण सहित अन्य कई ठोस कार्रवाई की है। उन्होनें बताया कि वर्ल्ड ह्ययूमन राइट प्रोटेक्शन कमीशन की ओर से हर साल यह उपाधि दी जाती है। इस मौके पर लौंगिक सहायक दीपक बिष्ट, स्केलर ओम प्रकाश रावत, पुरण चंद्र डिमरी, दीपक पंत, लक्ष्मण, सूरज फर्रस्वाण आदि ने खुशी जताई है।
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बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की पहली बैठक में 127 करोड़ का बजट पारित

देहरादून: बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के गठन के बाद पहली बार बोर्ड की बैठक बुधवार को सम्पन्न हुई। इस अहम बैठक की शुरुआत समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी की अध्यक्षता में भगवान बदरी विशाल और बाबा केदार की विधिवत आरती के साथ की गई।
बैठक में वित्त अधिकारी मनीष कुमार उप्रेती ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित बजट बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जिसे चर्चा के उपरांत अनुमोदित कर दिया गया। इस दौरान कुल 127 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई है…जिसमें बदरीनाथ धाम के लिए 64.22 करोड़ रुपये और केदारनाथ धाम के लिए 62.87 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि आय के अनुमान के आधार पर बदरीनाथ धाम में 56 करोड़ रुपये और केदारनाथ धाम में करीब 40 करोड़ रुपये व्यय प्रस्तावित किया गया है। बजट में धामों की सुविधाओं तीर्थयात्रियों की सेवा तथा संरचनात्मक विकास पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई है।
वहीं तीर्थयात्रियों की संख्या पर नजर डालें तो 8 जुलाई 2025 तक दोनों धामों में कुल 24,78,963 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें से 11,37,628 यात्रियों ने बदरीनाथ और 13,41,335 ने केदारनाथ धाम में दर्शन किए। पंजीकरण की बात करें तो अब तक बदरीनाथ के लिए 14,32,983 और केदारनाथ के लिए 15,49,930 श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं।
बैठक में धामों में सुविधाओं को और बेहतर बनाने, तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए नवाचारों को अपनाने और व्यवस्थाओं को पारदर्शी व प्रभावी बनाने पर भी चर्चा हुई।
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