Uttarakhand
गंगोत्री धाम: संख्या से अधिक पहुंचे श्रद्धालु, प्रशासन ने धाम जाने वाले यात्रियों को रास्ते में रोका।

उत्तरकाशी – उत्तरकाशी जिला प्रशासन और पुलिस ने दोपहर बाद गंगोत्री धाम जाने वाले यात्रियों को रास्ते में ही रोक दिया है। एसपी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि जनपद मुख्यालय से करीब दो किमी आगे तेखला में गंगोत्री जाने वाले वाहनों को रोका गया है। इन वाहनों को इंद्रावती पुल और जोशियाड़ा के समीप पार्क कराया जा रहा है।

गंगोत्री में यात्रियों की क्षमता एक दिन में 11 हजार शासन की ओर से प्रस्तावित है। जो यात्री गंगनानी और हर्षिल के बीच हैं, उन्हें गंगोत्री दर्शन के लिए भेजा जाएगा, लेकिन तेखला से आगे आज यात्रा वाहन नहीं जाएंगे।
Accident
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसा, बिहार के युवक की मौत

देहरादून: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की एलिवेटेड रोड़ पर मंगलवार दोपहर एक दर्दनाक सड़क हादसा सामने आया। कार और बाइक की टक्कर में बाइक सवार युवक की मौके पर ही मौत हो गई।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसा, बाइक सवार की मौके पर मौत
उत्तराखंड में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इन दुर्घटनाओं में आए दिन कई लोग अपनी जान गँवा रहे हैं। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर कल एक और हादसे में एक युवक की मौत हो गयी है। बता दें, कि देहरादून-दिल्ली हाईवे पर मंगलवार को एक कार और बाइक की टक्कर में बाइक सवार युवक की मौत हो गयी है।
मृतक बिहार का रहने वाला था
हादसा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की एलिवेटेड रोड पर मंगलवार दोपहर को हुआ। जिसमें देहरादून से सहारनपुर की तरफ जा रही एक कार की टक्कर सहारनपुर से देहरादून की ओर आ रही एक बाइक से हुई। जिसमें बाइक सवार शिवम् की मौके पर ही मौत हो गयी है। बाइक सवार शिवम् बिहार का निवासी था। हादसे के बाद पुलिस ने मृतक के परिजनों से सम्पर्क किया और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
Breakingnews
उत्तराखंड में फिर सामने आया कोरोड़ों का घोटाला !, मामले की जांच हुई शुरू

उत्तराखंड में एक बार फिर से बड़ा घोटाला सामने आया है। नैनीताल के रुसी गांव के पास बने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट कार्य में 110 करोड़ की योजना का घोटाला सामने आया है। स्थानीय लोगों के मामला उठाने के बाद इस मामले में जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
उत्तराखंड में फिर सामने आया कोरोड़ों का घोटाला
नैनीताल की सीवेज परेशानियों को कम करने के लिए बनाई गई 110 करोड़ की योजना में घोटाले की खबर सामने आ रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि चौड़ा पाइप लगाने की जगह उसे अंदर से लेयर लगाकर और भी पतला कर दिया गया। इतना ही नहीं ट्रीटमेंट प्लांट भी उस जगह बनाया गया जहां भूस्खलन की समस्या है। जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक कमेटी बनाकर इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में स्थानीय लोगों ने लगाए बड़े आरोप
मिली जानकारी के मुताबिक 4 साल पहले नैनीताल की मॉलरोड से लेकर रूसी गांव की एस.टी.पी.प्लांट तक उत्तराखण्ड इंटीग्रेटेड एंड रेजीलियेन्ट शहरी विकास परियोजना(UIRUDP)के अंतर्गत काम हुआ। इसमें दो साल पहले मल्लीताल के रिक्शा स्टैंड से मॉलरोड और हल्द्वानी रोड होते हुए रूसी बाईपास के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट(STP) तक पाइपों के माध्यम से सीवर पहुंचाना था। इसका कॉन्ट्रैक्ट तिरुपति सीमेंट प्रोडक्ट्स को ₹96.15करोड़ में दिया गया था। जिसकी लागत 110करोड़ रूपए तक पहुंच गई। ये प्रोजेक्ट नवंबर 2021 से शुरू होकर मई 2025 तक पूरा होना था। इसे सीवेज का डेवलपमेंट, एस.टी.पी., ट्रंक सीवर, अलाइड और 5 सालों तक ऑपरेशन और मैन्टेनेंस के लिए दिया गया था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि एसटीपी की क्षमता बढ़कर 17.50 एमएलडी हो जानी थी। इससे पहले साल 1982 में 10 हजार की आबादी को देखते हुए 600 एम.एम.व्यास(डायामीटर) वाली आर.सी.सी.(सीमेंट) की सीवर पाइप लाइन डाली गई थी। बताया गया है कि विभाग ने 2022 और 2023 में दो से 5 लाख की आबादी को देखते हुए 900एम.एम.डाया वाले डी.आई.(मैटल)पाइप डालने के लिए टेंडर निकाले। ठेकेदार ने लगभग ₹110 करोड़ के टेंडर में पुरानी पाइप लाइन को ही अंदर से रिपेयर कर इतिश्री कर दी।
जिलाधिकारी ने दिए मामले की जांच के आदेश
लोगों ने आरोप लगाए हैं कि सीवर पाइप का डायामीटर बढ़ने के बजाए दो सेंटीमीटर ‘इंटरनली कम’ हो गया। फलस्वरूप मॉलरोड में सीवर का ओवरफ्लो और ढक्कन उठना जारी रहा। पहले इसमें 600 एम.एम.डाया वाली आर.सी.सी.सीवर पाइप डाली गई थी। जबकी वर्तमान के ठेकेदार को अग्रीमेंट के मुताबिक इसकी जगह 900 एम.एम.डाया वाली डी.आई. (मैटल) पाइप डालनी थी। लेकिन अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर ठेकेदार ने सभी को ठग दिया। एस.टी.पी.प्लांट भी सत्तर प्रतिशत बनने के बाद भवन के आगे भारी भूस्खलन हो गया और उसका काम रुक गया। प्रशासन अब प्लांट लगाने के लिए दूसरे स्थान की तलाश कर रहा है। ग्रामीणों समेत नैनीताल शहरवासी अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। लोग अब इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। जिलाधिकारी के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने इस प्रोजेक्ट की जांच के आदेश दे दिए हैं।
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उत्तराखंड की देवभूमि परिवार योजना क्यों है खास, जानें क्या है इसका उद्देश्य ?

उत्तराखंड में देवभमि परिवार योजना लागू कर दी गई है। इस योजना के तहत प्रदेश के हर परिवार को एक यूनिक फैमिली आईडी मिलेगी। जिसमें परिवार के सभी सदस्यों का पूरा ब्योरा होगा। इस योजना के लागू होने के बाद से लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्यों ये योजना खास है और इसे शुरू क्यों किया गया है ?
उत्तराखंड की देवभूमि परिवार योजना क्यों है ये खास ?
देवभूमि परिवार योजना ऐसे समय में लागू की गई है जब उत्तराखंड राज्य में मूल निवास भू प्रबंधन डेमोग्राफिक चेंज जैसे महत्वपूर्ण विषय चारों तरफ पुरजोर तरीके से उठाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि सरकार ने “देवभूमि परिवार योजना” लाकर एक मास्टर स्ट्रोक के तौर पर बड़ा दांव खेला है। नियोजन विभाग के माध्यम से धरातल पर उतारी जा रही ही इस योजना को प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
देवभूमि परिवार योजना को लेकर काम कर रहे न्यूटन विभाग के अपर सांख्यिकी अधिकारी संदीप पांडे ने हमें बताया कि नियोजन विभाग ने प्रदेश के तकरीबन 8 लाइन डिपार्टमेंट जो कि सीधे तौर से पब्लिक से जुड़े रहते हैं उनके माध्यम से 1.15 करोड़ लोगों का डाटा कलेक्ट किया गया है जिसमें से सबसे ज्यादा खाद्य आपूर्ति विभाग जो की राशन कार्ड इत्यादि बनाते हैं उनसे 95 लाख लोगों का डाटा लिया गया है और इस पूरे उत्तर को एक देवभूमि परिवार उत्तराखंड पोर्टल के जरिए सिंक किया गया है। यह डाटा तकरीबन 28.5 लाख परिवारों का है।
क्या है इस योजना का उद्देश्य ?
नियोजन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के आठ मैं तुम्हें विभागों से लिए गए 1.15 करोड़ लोगों के डाटा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से राज्य सरकार की 12 विभागों द्वारा चलाई जाने वाली तकरीबन 64 योजनाओं के लाभार्थियों में फिल्टर किया गया है। अपार संघ की अधिकारी संदीप पांडे ने बताया कि 28.5 लाख परिवारों का यह डाटा उन्हें योजनाओं के लाभार्थियों के रूप में फिल्टर आउट करेगा उन्होंने यह भी बताया कि लगातार अन्य योजनाओं को भी इस डाटा के साथ सिंक किया जा रहा है। अभी तक केवल स्टेट गवर्नमेंट की योजना को इस डाटा के साथ सिंक किया गया है और जल्द ही सेंट्रल गवर्नमेंट की तमाम योजनाओं को भी इसमें जोड़ा जाएगा तो वही इस वित्तीय वर्ष के आखिर तक इस पोर्टल के हर तरह के डाटा को एनालाइज करके लॉन्च कर दिया जाएगा।
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